तमिलनाडु में 6 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे अभी सामने आ रहे हैं और रुझानों के अनुसार राज्य में DMK गठबंधन की सरकार बनती दिखाई दे रही है। 234 विधानसभा सीटों वाले राज्य में DMK जहां 122 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है तो वहीं AIADMK को करीब 80 सीट हासिल हो सकती हैं। स्पष्ट है कि जिस प्रकार चुनावी विश्लेषक चुनावों से पहले DMK को एकतरफा बहुमत मिलने का अनुमान जता रहे थे, वे एकदम गलत साबित हुए हैं, और AIADMK सम्मानजनक सीटों के साथ विपक्ष में बैठने जा रही है। साथ ही साथ, राज्य में BJP को भी पहली बार 3 सीटों पर बढ़त हासिल होती दिखाई दे रही है।
बता दें कि AIADMK वर्ष 2011 से ही सत्ता पर काबिज है और इस वर्ष के चुनाव पहले ऐसे विधानसभा चुनाव थे जो AIADMK ने पूर्व अध्यक्ष जे जयललिता के निधन के बाद लड़ा! इसी के साथ DMK ने भी वर्ष 2018 में अपने सबसे प्रमुख नेता MK करुणानिधि को खोया था। पिछले 10 सालों की Anti-incumbency और जयललिता के ना होने के कारण इस बार विश्लेषक राज्य में MK स्टालिन के नेतृत्व वाली DMK की आँधी आने की बात कर रहे थे। हालांकि, नतीजों से स्पष्ट होता है कि राज्य में AIADMK अब भी मजबूत स्थिति में है। हालांकि, वह इस बार दोबारा सत्ता पर कब्जा नहीं कर पाएगी।
इन दो मुख्य पार्टियों के इतर राज्य में कांग्रेस भी 15 से 20 सीटों के बीच का आंकड़ा छू सकती है। हालांकि, अभिनेता और नेता कमल हासन की पार्टी मक्क्ल नीधि मय्यम (MNM) को कोई खास सफलता नहीं मिली है। उनकी पार्टी ने सरतकुमार की ऑल इंडिया समतुवा मखल काची और इंडिया जननायक काची (आईजेके) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था और खुद 154 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, उनकी पार्टी को भी 1 सीट पर से भी बढ़त हासिल ना हो सकी। चुनावों में उनकी एंट्री एकदम फ्लॉप साबित हुई है।
राज्य में BJP के लिए सबसे अच्छी खबर यह है कि उसे खुद पहली बार करीब 3 सीटों पर बढ़त हासिल हुई है। यह राज्य में BJP की एंट्री और भविष्य में राज्य में पार्टी के बढ़ते कद का प्रतीक कहा जा सकता है। इस दक्षिणी राज्य में BJP की एंट्री दिखाती है कि दक्षिण राजनीति में भी BJP अब धीरे-धीरे ही सही लेकिन अपनी पकड़ मजबूत बनाती जा रही है।
कुल मिलाकर राज्य में जहां स्टालिन अपनी सरकार बनाने जा रहे हैं तो वहीं BJP के लिए भी यहाँ से अच्छी खबर आई है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने फिर साबित किया है कि वह एक के बाद एक सभी राज्यों में प्रभावहीन और अप्रासंगिक होती जा रही है। असम, केरल, पुडुचेरी, बंगाल समेत तमिलनाडु में भी कांग्रेस के हाथ कुछ नहीं लगा है। स्पष्ट है कि कांग्रेस के खात्मे के साथ ही तमिलनाडु में एक अन्य राष्ट्रीय पार्टी BJP का उदय होना तय है।