कोई मुजरिम छेद वाली नाव में बैठेगा तो नदी में डूबना तो स्वाभाविक है। सोशल मीडिया कंपनी Twitter भी इसी राह पर चल पड़ी है। भारतीय आईटी कानूनों की अवहेलना करने वाले Twitter ने अपने बचाव के लिए टूलकिट कांड में कांग्रेस का साथ देना शुरू कर दिया, जिसका नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस के कारण ही दिल्ली पुलिस अब Twitter की बैंड बजा रही है। कंपनी ने पुलिस की कार्रवाई को अनैतिक बताते हुए मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि बीजेपी के नेताओं के Tweets पर ‘Manipulated Media’ का बैज लगाने पर उसके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। Twitter के बेबुनियाद बयान पर केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पहले ही कंपनी को काफी खरी-खोटी सुना दी थी। वहीं अब दिल्ली पुलिस ने Twitter को लताड़ते हुए कानून को हाथ में न लेने की सख्त हिदायत दी है।
भारत सरकार के कानूनों को न मानने वाले और अपने अपराधों को कांग्रेस के बैनर तले छिपाने की कोशिश कर रहे Twitter ने जब मुंह खोला तो दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को मोदी सरकार का बदला बता दिया जिसके बाद अब दिल्ली पुलिस ने Twitter को लताड़ दिया है। दिल्ली पुलिस की तरफ से चिन्मय बिस्वाल ने आधिकारिक बयान में कहा, “दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के प्रतिनिधियों की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर ‘टूलकिट’ मामले में आरंभिक जांच दर्ज की है।” पुलिस ने कहा, “इसलिए Twitter की तरफ से यह जाहिर करने के प्रयास पूरी तरह गलत हैं कि भारत सरकार के इशारे पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है।”
और पढ़ें- अब तो साफ़ सबूत हाथ में हैं- US से ऑर्डर लेकर Twitter भारत के घरेलू मामलों में टांग अड़ा रहा है
दिल्ली पुलिस और मोदी सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी के हनन का गंभीर और अनर्गल आरोप लगाने वाले Twitter के बयान पर दिल्ली पुलिस ने कहा, “Twitter का बयान ऐसे समय में महज ‘सहानुभूति’ बटोरने का प्रयास है जबकि उसने ना केवल कानून का पालन करने से मना कर दिया, बल्कि साक्ष्य होने के बावजूद इसे कानूनी प्राधिकार के साथ साझा करने से इनकार किया है।” बदले की कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने कहा, “पहली नजर में ये बयान ना केवल मिथ्या है, बल्कि निजी उद्यम की तरफ से कानूनी जांच को बाधित करने का भी प्रयास है। सेवा की शर्तों की आड़ में Twitter ने सच का निर्णय करने का खुद फैसला कर लिया।”
https://twitter.com/rohanduaTOI/status/1397885179608195074
और पढ़ें- बैन होने से बचने के लिए ट्विटर ने Freedom of Speech का सहारा लिया, सरकार ने नीले पंछी को धो डाला
टूलकिट विवाद में बीजेपी नेताओं के Tweets में ‘Manipulated Media’ का टैग लगाने को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपना आक्रोश व्यक्त किया है। पुलिस का कहना है कि Twitter खुद को एक जांच एजेंसी मान कर कार्रवाई करने की कोशिश कर रहा है, जबकि उसके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है। पुलिस के मुताबिक Twitter कानून या न्यायपालिका की भूमिका किसी भी मामले में नहीं ले सकता है। दिल्ली पुलिस ने Twitter को साफ तौर पर जांच में बाधा बनने का आरोपी बता दिया है।
Twitter समेत सभी इन्टरनेट कंपनियों को सरकार की तरफ से नए कानून अपनाने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था, जिसे Twitter के अलावा सभी ने मान भी लिया है। Twitter ने इस मौके पर कांग्रेस पार्टी के जरिए चाल चली। कांग्रेस की मोदी सरकार के विरोध वाली टूलकिट सामने आई तो कांग्रेस की सिफारिश पर Twitter ने बीजेपी नेताओं के Tweets पर ‘Manipulated Media’ का बैज लगा दिया। वहीं, कांग्रेस ने पहले ही इस टूलकिट मामले में FIR भी दर्ज कराई थी, और इसी FIR के सिलसिले में जब दिल्ली पुलिस ने Twitter India के दफ्तर पर छापेमारी की तो Twitter अभिव्यक्ति की आजादी का रोना रो रहा है।
और पढ़ें- भारत में Twitter कार्यालयों पर छापेमारी से मोदी सरकार ने सोशल मीडिया दिग्गजों को दिया कड़ा संदेश
Twitter ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई और छापेमारी को गलत बताते हुए अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति चिंता व्यक्त की थी। वहीं, इस मुद्दे पर पहले ही देश के कानून एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद Twitter को भ्रम फैलाने के आरोप में लताड़ लगा चुके हैं। उन्होंने साफ संदेश दे दिया है कि भारतीय कानूनों का प्रयोग देश की सुरक्षा संप्रभुता और शान्ति बरकरार रखने के लिए है, और भारत सरकार का किसी भी यूजर की निजी जिंदगी से कोई सरकोर नहीं है।
इस पूरे केस में दिल्ली पुलिस सारी कार्रवाई कांग्रेस की टूलकिट पर दर्ज FIR के आधार पर कर रही है, और इसी से Twitter की मुश्किलें चौगुनी हो गई हैं, जो कि हास्यास्पद है। Twitter ने कांग्रेस के सहारे नए भारतीय कानून से बचने की कोशिश की थी, लेकिन कांग्रेस का साथ देना ही उसकी सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है।