भारत का उत्तर पूर्वी राज्य असम एक बार फिर विकास की बुलंदियों को छूने वाला है। असम के नए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम अब केवल चाय ही नहीं तेल भी निर्यात करने की पूरी तैयारी कर चुका है। असम के मुख्यमंत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अब असम म्यांमार, बांग्लादेश अथवा भारत के अन्य राज्यों में तेल निर्यात करेगा।
बीते गुरुवार को मीडिया वार्ता के दौरान असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि, नुमालीगढ़ रिफाइनरी (NRL), जिसे 1985 के असम समझौते के प्रावधानों के अनुसार चालू किया गया था। यह रिफाइनरी ओडिशा से असम में 6 MMT कच्चा तेल लाने के अलावा, अपनी क्षमता जो कि मौजूदा 3 MMT से बढ़ाकर 9 MMT करेगा।
रिफाइनरी के महत्वाकांक्षी विस्तार के माध्यम से, असम अपने उपयोग के लिए पर्याप्त तेल का उत्पादन तो करेगा ही साथ ही में म्यांमार और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को भी निर्यात करेगा। NRL ऑयल इंडिया और असम सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम है और ऑयल इंडिया की सहायक कंपनी भी है। इसके राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राज्य सरकार के खजाने में जाता है।
सरमा ने कहा कि NRL में ओडिशा के पारादीप से पाइपलाइन के माध्यम से कच्चा तेल लाया जाता है, इसे असम में तेल को रिफाइन किया जाता है और अब इस तेल को बांग्लादेश, म्यांमार और अन्य भारतीय राज्यों में निर्यात किया जाएगा। वर्तमान में असम सरकार को NRL से 500 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रूप में मिल रहे हैं और इसकी क्षमता में वृद्धि के बाद, सालाना रॉयल्टी 1,500 करोड़ रुपये तक होगी।
असम के वित्त मंत्री अजंता नियोग, उद्योग और वाणिज्य मंत्री चंद्रमोहन पटोवरी और असम समझौते के कार्यान्वयन मंत्री अतुल बोरा के साथ मिलकर मुख्यमंत्री ने कहा कि, 2024 तक NRL की मौजूदा क्षमता 3 MMT से बढ़ाकर 9 MMT कर दी जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने आवश्यक मंजूरी दे दी है।
असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा कि, “हमें अपना गैर-कर राजस्व बढ़ाना होगा। असम अपनी कमाई से सिर्फ चार महीने तक चल सकता है। इसलिए, हमें केंद्रीय करों के हिस्सेदारी लेनी होगी, केंद्रीय सरकार के विभिन्न योजनाओं जैसे तेल और गैस से रॉयल्टी से राज्य का राजस्व को बढ़ाना होगा”।
सरमा ने आगे बताया कि, “हमें असम के भविष्य की बेहतरी के लिए तेल और गैस कंपनियों को बढ़ावा देना होगा। क्योंकि तेल और गैस कंपनियां असम की अर्थव्यवस्था में बड़ी मात्रा में योगदान दे रही हैं।”
मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता को भरोसा दिलाया कि अगले कुछ वर्षों में असम में कई गैस और तेल आधारित परियोजनाएं आएंगी। इसके साथ ही असम में बांस के संसाधनों का उपयोग करके NRL परिसर में इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि, पूरे देश में बांस का सबसे बड़ा उत्पादक असम है। असम के जंगलों में 50 से अधिक प्रकार के बांस पाए जाते हैं।
भारत में ऐसे बहुत कम नेता हैं जिनके पास जन अपील के साथ साथ ही नीति और अर्थशास्त्र की समझ में मजबूत होती हैं। असम के पूर्व वित्त और शिक्षा मंत्री, हिमंता बिस्वा सरमा, जो कि अब राज्य के मुख्यमंत्री हैं, वो उन्हीं कुछ दुर्लभ राजनेताओं की श्रेणी में आते हैं, जो तकनीकी रूप से नीतियों की समझ रखते है और साथ ही में बहुचर्चित भी है।
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पिछले पांच वर्षों में, सरमा ने असम की आर्थिक स्थिति को काफी अच्छे ढंग से संचालन किया है। हिमंता ने बीते पांच सालों में असम के व्यष्टि अर्थशास्त्र ( मैक्रो अर्थशास्त्र) के साथ ही सूक्ष्म अर्थशास्त्र( माइक्रो अर्थशास्त्र) दोनों पहलुओं पर बराबर ध्यान केंद्रित किया है। वर्तमान में जब वह राज्य के मुख्यमंत्री है तो यह उम्मीद लगाई जा रही है कि अब असम विकास के हर पैमाने पर खरा उतरेगा।