हाल ही में केरल में सनातन एकता की एक बेजोड़ मिसाल देखने को मिली है। एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आए दिन हिंदुओं को अपशब्द सुनाने वाला और मोदी विरोध के नाम पर देशद्रोह को बढ़ावा देने वाले प्रोफेसर को उसकी करतूतों के लिए केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने निलंबित कर दिया है।
परंतु ये प्रोफेसर था कौन? इसने ऐसा भी क्या किया जिसके कारण केरल के केन्द्रीय विश्वविद्यालय को ऐसा निर्णय लेने को बाध्य होना पड़ा? न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार,
“एक ऑनलाइन क्लास में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर डॉ गिल्बर्ट सेबेस्टियन ने सनातन धर्म के विरुद्ध काफी विष उगला। इसके साथ ही उसने भाजपा और RSS को ‘Proto Fascist’ संगठन भी बोला। इसके अलावा इन्होंने वैक्सीन के एक्सपोर्ट को लेकर भी काफी फब्तियाँ कसी थी।”
लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं थी। गिल्बर्ट सेबेस्टियन ने हिन्दू आतंकवाद का नारा बुलंद करने का भी प्रयास किया, और वामपंथियों की भांति सनातन धर्म के स्वास्तिक प्रतीक को जर्मन नाजी पार्टी के प्रतीक से जोड़ने का भी प्रयास किया। अप्रत्यक्ष रूप से ये प्रोफेसर युवाओं को मोदी सरकार के विरुद्ध विद्रोह करने के लिए भी भड़का रहा था।
इससे बौखलाए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उक्त प्रोफेसर के विरुद्ध मोर्चा निकाला, और उन्होंने प्रोफेसर के निलंबन तक अपना प्रदर्शन जारी रखने की बात भी स्पष्ट की। अंत में प्रशासन को झुकना ही पड़ा और प्रोफेसर सेबेस्टियन को निलंबित करना ही पड़ा। इस समय अगली पूछताछ तक डॉ गिल्बर्ट सेबेस्टियन को निलंबित कर दिया गया है।
और पढ़ें – हिन्दू-विरोधी Question हटाने पर Unacademy हुआ मजबूर, लेकिन उसकी मानसिकता एक्सपोज हो गयी
ये पिछले एक हफ्ते में दूसरा ऐसा मामला है, जहां सनातन धर्म के प्रति विष उगलने के पीछे व्यक्ति या संगठन को जनता के विरोध के सामना करना पड़ा है। अभी दो दिन पहले ही Unacademy एप विवादों के घेरे में आ गया था, क्योंकि उसने लीगल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के नाम पर कुछ ऐसे प्रश्न अपलोड किए, जहां जानबूझकर हिंदुओं को अपमानित किया गया।
भारी विरोध के चलते Unacademy को न केवल वह प्रश्न डिलीट करने पड़े, बल्कि ट्विटर पर सार्वजनिक तौर पर क्षमा भी माँगनी पड़ी। ऐसे में केरल के केन्द्रीय विश्वविद्यालय से एक हिन्दू विरोधी प्रोफेसर गिल्बर्ट सेबेस्टियन को निलंबित करना बेहद सराहनीय कदम है, जो आवश्यक भी है।