जालसाज़ी और धोखेबाजी के कारण 5 साल से फरार ‘ Climate Activist’ Licypriya के पिता आखिर कानून के हत्थे चढ़ ही गया

Licypriya Kangujam

PC: Northeast Now

अक्सर वामपंथियों में आपको एक बात कॉमन मिलेगी – इन लोगों का क्राइम की दुनिया से बड़ा गहरा नाता रहा है। यही बात गरीबों की ग्रेटा थनबर्ग यानि Licypriya Kangujam पर भी लागू होती है। सोशल मीडिया पर अक्सर आरोप लगते रहे हैं कि उसके पिता उतने भी क्लीन नहीं जितना दावा करते हैं, लेकिन हाल ही में Licypriya Kangujam के पिता को ठगी के आरोप में हिरासत में लिया गया है, जो 5 वर्ष से फरार चल रहा था।

केके सिंह के नाम से सफदरजंग में रह रहे कनर्जित कंजूगाम को ठगी, जालसाजी इत्यादि के आरोप में इम्फाल ईस्ट के जिलाधिकारी पहले ही 2016 में भगोड़ा घोषित कर चुके हैं। तब से जनाब दिल्ली में रह रहे थे।

इन पर 2014 में इम्फाल में एक ग्लोबल मीट कराने के नाम पर 3 करोड़, 19 लाख रुपये ठगने का आरोप है, जिसके लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक जॉइन्ट ऑपरेशन के अंतर्गत इसे हिरासत में लिया है। इसके अलावा 2018 और 2019 के बीच भी Licypriya Kangujam के पिता ने कई संगठनों और व्यक्तियों से पैसे हड़पे, ताकि वह कुछ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करा सके, जो वास्तव में कभी हुए ही नहीं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह ऑपरेशन प्रमुख तौर पर एक नेपाली युवक की शिकायत के आधार पर किया गया, जिसने कनर्जित पर 30000 रुपये ठगने का आरोप लगाया है। स्पेशल सेल के DCP संजीव कुमार यादव का कहना है कि हम मणिपुर पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे और जल्द ही उसे मणिपुर स्थानांतरित किया जाएगा।

जी हाँ, Licypriya Kangujam का पिता एक शातिर ठग है, जो कई लोग के मेहनत की कमाई को डकार चुका है। परंतु ये Licypriya है कौन? यह एक 11 से 12 वर्ष की लड़की है, जो कट्टर वामपंथी ग्रेटा थनबर्ग को अपना आदर्श मानती है। यह CAA आंदोलन से लेकर किसान आंदोलन जैसे हर अराजक प्रदर्शन में देखी जा चुकी है। हालांकि, ये केवल चेहरा है, क्योंकि इसके जरिए असली काम तो इसके पिता करते हैं।

लेकिन ये कोई पहली बार नहीं है, जब Licypriya Kangujam के पिता ने लोगों को ठगा  हो। यह अपने आप को यूनेस्को के ‘यूथ फाउंडेशन’ का अध्यक्ष बताता फिरता था। इसके चक्कर में कई लोग ठगे गए और बाद में यूनेस्को को स्पष्टीकरण भी जारी करना पड़ा।

एक समय पर वामपंथी अपनी ‘पारदर्शिता’ के लिए जाने जाते थे, कि चाहे कुछ भी हो जाए, परंतु किसी गलत व्यक्ति को अपने संगठन में शामिल नहीं होने देंगे। लेकिन मोदी विरोध ने इन्हें इतना अंधा कर दिया है कि अब वे चोर उचक्कों को भी अपनी टोली में शामिल कर सकते हैं।

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