‘Vaccine hesitancy’ को बढ़ावा देने के बाद, सोनिया गांधी टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहती हैं

सोनिया के निर्वाचन क्षेत्र में टीकाकरण की बुरी हालत है और इन्हें दूसरे राज्यों में जागरूकता फैलानी है!

सोनिया गांधी टीकाकरण

“सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली” यह कहावत कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी पर चरितार्थ होती है। दरअसल, सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से निवेदन किया है कि, वह जनता के बीच में जाकर कोरोना वैक्सीन (टीकाकरण) को लेकर जो हिचकिचाहट पैदा हो रही है, उसको दूर करें अथवा जनता को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करें।

कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने गुरुवार को महासचिवों और विभिन्न राज्यों के प्रभारियों के साथ बैठक में कहा कि कांग्रेस पार्टी को “पूर्ण टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।”

21 जून के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रिकार्ड तोड़ टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। प्रतिदिन औसतन 60 लाख लोगों को टीका लगाया जा रहा है। बता दें कि, केंद्र सरकार के इस सफल प्रयास का श्रेय कांग्रेस पार्टी लेने से पीछे नहीं हट रही है।

सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि, “इसमें कोई संदेह नहीं है, टीकाकरण टीके की आपूर्ति की पर्याप्तता पर निर्भर है। हमें केंद्र सरकार पर दबाव बनाना जारी रखना चाहिए, क्योंकि हमारी पार्टी द्वारा आग्रह और दबाव बनाने पर केंद्र ने टीकाकरण की जिम्मेदारी ली है।”

सोनिया गांधी ने आगे यह भी कहा कि, पार्टी को जहां कहीं भी टीके के प्रति हिचकिचाहट दिखाई दे, उसे दूर करना चाहिए और पंजीकरण को प्रोत्साहित करना चाहिए, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वैक्सीन की बर्बादी कम से कम हो। बता दें कि वैक्सीन की बर्बादी में कांग्रेस शासित राज्य सबसे ऊपर है।

बता दें कि, देश में टीके के प्रति हिचकिचाहट पैदा करने वाले और कोई नहीं बल्कि विपक्षी पार्टियां है, मुख्यतौर पर कांग्रेस है। सोनिया गांधी राय बरेली की सांसद है और वहां अभी तक मात्र 1 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन लगवाई है। इसके पीछे का कारण है- सोनिया गांधी और अखिलेश यादव। श्रीमती सोनिया गांधी ने कभी टीकाकरण अभियान का प्रचार-प्रसार नहीं किया। यहां तक कि, सोनिया गांधी के टीका लगवाने की बात की भी किसी को कानों कान खबर नहीं लगी।

हाल ही में, कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाकर जनता के मन में “Vaccine hesitancy” पैदा करने की कोशिश की थी। खैर, गौरव पांधी अकेले ऐसे कांग्रेसी नेता नहीं है जिन्होंने Vaccine hesitancy को जन्म दिया हो। इससे पहले जयराम रमेश, शशि थरूर, राहुल गांधी अथवा अन्यों ने भी आम जनमानस के मन में टीके के प्रति संदेह पैदा किया है।

और पढ़ें-सोनिया की उदासीनता और अखिलेश का टीकों पर हमला, रायबरेली की कम टीकाकरण दर के लिए हैं दोनों जिम्मेदार

आपको बता दें कि, कल इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में राय बरेली में चल रहे टीकाकरण का सच समाने लाया था। इससे पहले न्यूज 18 ने अपनी रिपोर्ट में ऐसा ही सच प्रस्तुत किया था, जिसके बाद भाजपा नेताओं ने सोनिया गांधी पर निशाना साधा था। ऐसी परिस्थिति में सोनिया गांधी ने जनता को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया है।

Exit mobile version