‘कूड़ेदान का कूड़ा’, संबित पात्रा को ‘नाली का कीड़ा’ कहने के बाद अब कांग्रेस ने जितिन प्रसाद को दी गालियां

मध्य प्रदेश कांग्रेस ट्विटर

PC: Punjab Kesari

जब लगातार पार्टी से युवा नेताओं की निकासी हो रही हो तो जरूरी ये है कि कांग्रेस अपनी नीतियों का आंतरिक चिंतन करे, लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा है। आत्ममंथन की जगह पार्टी की आधिकारिक भाषा दिन-ब-दिन अमर्यादित होती जा रही है, जिसका हालिया उदाहरण जितिन प्रसाद को कांग्रेस द्वारा कूड़ा कहा जाना है और ये वाकया उस मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर Handle से किया गया है जो अपनी पार्टी को एकजुट रखने में नाकाम हो गई थी।  मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर Handle ने पहले तो आपत्तिजनक Tweet किया और फिर आलोचना होने पर हटा लिया, लेकिन इससे पार्टी की सोच एक बार फिर उजागर हो गई है।

कांग्रेस पार्टी के ढुलमुल रवैए और पार्टी में खुद को साइड लाइन पाता देख कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का रुख कर लिया है। कांग्रेस लगातार उन पर धोखे का आरोप लगाकर हमला बोल रही है। वहीं, अब इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भाषाई मर्यादाओं को तोड़ने की सारी हदें पार कर दी हैं, जिसके आधिकारिक ट्विटर ने एक आपत्तिजनक बात लिख दी। ट्वीट में लिखा गया, “जितिन प्रसाद की विदाई से कांग्रेस खुश है। यह कूड़े को कूड़ेदान में डालने जैसी सामान्य प्रक्रिया है।”

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9 जून को दोपहर 3 बजे के करीब किया गया ये Tweet कुछ ही वक्त बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर Handle से हटा लिया गया। इससे एक बात तो साफ हो गई है कि कांग्रेस अपने ही नेताओं का सम्मान करने की परंपरा खो चुकी है। सत्ता से दूरी के कारण पार्टी के कार्यकर्ता इतना अधिक खीझ गए हैं कि अब अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल से भी बाज नहीं आ रहे हैं। इसके विपरीत बात अगर बीजेपी की करें तो पार्टी के किसी भी नेता ने आज तक बागी हुए यशवंत सिन्हा, और अरुण शौरी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की। जबकि कांग्रेस बिल्कुल ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर जितिन प्रसाद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने से बाज नहीं आती है।

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ऐसा नहीं है कि ये केवल नेताओं के लिए प्रयोग की गई भाषा का मुद्दा है, बल्कि कांग्रेस अब TV चैनल बहस में भी ऐसे प्रवक्ताओं को मंच दे रही है  जो कि निचले से निचले स्तर की भाषा का प्रयोग कर सकते है। कुछ दिन पहले ही बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा को कांग्रेसी सुप्रिया श्रीनेत द्वारा ‘नाली का कीड़ा’ कहना सभी ने सुना  ही हौगा। वहीं, कांग्रेस की एक अन्य प्रवक्ता रागिनी नायक भी इसी तरह की भद्दी भाषा के प्रयोग के लिए जानी जाती हैं‌। ताज्जुब की बात ये है कि कांग्रेस ऐसे प्रवक्ताओं पर कार्रवाई की जगह उन्हें अधिक महत्व देती है।

संबित पात्रा को नाली का कीड़ा कहने के बाद अब जितिन प्रसाद को कूड़ा कहकर कांग्रेस ने अपनी भाषा का स्तर अधिक नीचे गिरा लिया है जो कि कांग्रेस के नेताओं की मानसिकता प्रवृत्ति को प्रतिबिंबित करता है।

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