धर्मांतरण को लेकर हमेशा ही CM योगी का रवैया सख्त रहा है, लेकिन अब UP के नोएडा से एक ऐसे धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। अल्पसंख्यक समुदाय के दो लोग नोएडा में ऐसे लोगों को निशाना बनाकर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे थे, जो कि इस मुद्दे पर ज्यादा विरोध न कर सकें। यूपी एटीएस ने इन लोगों को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और NSA लगा दिया है जिससे तय है कि इनका शेष जीवनकाल अब कारावास में ही कटेगा। उत्तर प्रदेश की पुलिस लंबे वक्त से सीएम योगी के आदेशानुसार धर्मांतरण के मुद्दे पर सतर्क थी, वहीं अब इन दोनों ही अपराधियों को दबोच लिया गया है।
ख़बरों के मुताबिक, UP की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले नोएडा से धर्मांतरण को लेकर एक बड़ा भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में UP ATS ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनके नाम आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी हैं। पुलिस के मुताबिक ये दोनों ही दिल्ली के जामिया नगर के इलाके के निवासी हैं और लंबे वक्त से धर्मांतरण का कारोबार चला रहे थे। ध्यान देनेवाली बात ये है कि ये दोनों ही आरोपी धर्मांतरण के लिए उन लोगों को निशाना बनाते थे जो दिव्यांग या कमजोर है, क्योंकि वो लोग इनका ज्यादा विरोध नहीं कर पाते।
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खास बात ये भी कि ये लोग मूक बधिरों को अधिक निशाना बनाते थे, क्योंकि उससे इनके फंसने की संभवानाएं कम हो जाती थीं। इसके अलावा ये लोग घरों की महिलाओं और छोटे बच्चों तक को धर्मांतरण के लिए लुभाने की और लालच देने कोशिशें करते रहते थे जिसका भंडाफोड़ होना उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी की तरह ही है।
इस मामले में UP के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार खुद इस बात को स्वीकार कर चुके है कि करीब 350 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण हो चुका है। उन्होंने कहा, “इन्हें विदेशों से फंडिंग मिलती थी। देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।” वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि धर्मांतरण करने वाले इन लोगों के खिलाफ एनएसए लगाया जाए और इन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाए, जो कि अन्य लोगों के लिए सबक होगी।
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गौरतलब हैं कि UP पुलिस की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि 1000 लोगों की एक सूची मिली है, जिनका ये लोग धर्मांतरण करा चुके है। ये लोग ग़रीबों और पिछड़ी जातियों को पैसा का लालच देकर और कमजोर होने पर डर दिखाकर धर्मांतरण के लिए मजबूर करते थे। अजीब बात ये भी है कि इन्हें इस काम में सफलता भी मिल रही थी। दोनों आरोपी खुद को मौलाना बताते हैं और खबरों के मुताबिक ये दोनों ही पिछले दो सालों से UP में धर्मांतरण का काला खेल खेल रहे हैं।