‘किसानों के नाम पर बस अराजकता हो रही है‘, यह बात सभी भारत वासियों के मन में अवश्य आती होगी, जब वो तथाकथित किसान आंदोलन में छेड़ छाड़, बलात्कार और हत्या से जुड़ी खबरें पढ़ते होंगे। आए दिन जिस प्रकार से किसान आंदोलन हिंसक रूप ले रहा है, उसको देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसे जड़ से ध्वस्त करने का दृढ़ संकल्प लें लिया है।
दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को चल रहे किसान आंदोलन के दौरान हो रहीं “अनुचित घटनाओं, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ” घटनाओं में शामिल तत्वों पर कार्रवाई का संकेत दिया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में, दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की और आंदोलन के बीच बढ़ती “अनुचित घटनाओं” से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री ने भी इस संबंध में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।”
गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “अगर किसान आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चलता है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हो रहे अनुचित घटनाएं, खासकर महिलाओं के खिलाफ, यह बेहद चिंताजनक हैं। इन घटनाओं का स्थानीय स्तर पर भी विरोध हो रहा है। हरियाणा सरकार किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था को बिगड़ने नहीं देगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने भी इस संबंध में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।”
हालांकि उन्होंने घटनाओं के बारे में विस्तार से नहीं बताया, पर इंडियन एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा कि, मनोहर लाल खट्टर संभवत: पश्चिम बंगाल से आई, एक 26 वर्षीय लड़की के कथित सामूहिक बलात्कार का जिक्र कर रहे थे, जो टिकरी सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही थी। बता दें कि पीड़ित लड़की की मौत 30 अप्रैल को कोविड के कारण हो गई थी। यही नहीं टिकरी बॉर्डर पर वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता के उद्देश्य से गई एक महिला ने बताया है कि वहां के लोगों ने उसके साथ भी यौन उत्पीड़न की कोशिश की।
आपको बता दें कि , किसान आंदोलन में दुष्कर्म को अंजाम देने वाले और कोई नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के नेता है, जिनको हाल ही में दिल्ली पुलिस की SIT ने गिरफ्तार किया है।
इतना ही नहीं बीते गुरुवार को, किसान आंदोलन के वजह से हरियाणा के झज्जर जिले के एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने तड़के दम तोड़ दिया और उसके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि उसे नशे में धुत चार लोगों ने आग लगा दी थी। यह चारों आरोपी टिकरी सीमा पर किसानों आंदोलन में शामिल थे। यही नहीं हाल ही में, उग्रवादी किसानों ने दिल्ली पुलिस के अफसरों के ऊपर भी हमला बोला था, जिसके बाद एक पुलिस अधिकारी को गंभीर चोटें भी आई थी।
अगर हम बात करें किसान आंदोलन की तो 26 जनवरी को हुए दंगों के बारे में भी बात करना जरूरी है। वर्तमान में दिल्ली पुलिस ने हुए दंगों को लेकर चार्ज शीट कोर्ट में पेश की है। दिल्ली पुलिस की चार्ज शीट में इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि यह आंदोलन खालिस्तानियों और पाकिस्तान के इशारे पर हो रहा है।
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किसान आंदोलन से जुड़ी हर वारदात को देखे तो इसमें हिंसा, भूमि पर जबरन कब्जा, महिलाओं के साथ दुष्कर्म और आगजनी जैसे संगीन मामले शामिल हैं। ऐसे में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मिलना और इस विषय पर चर्चा करना इस बात का संकेत देता है कि, कथित किसानों के पाप का घड़ा अब भर चुका है और अब इनके पास गिनती के दिन बचे हुए हैं।