उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य में चल रहे धर्मांतरण का भंडाफोड़ कर इतनी जबरदस्त कार्रवाई की है, कि इस केस की परतें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक से भी खुलने लगी हैं। नोएडा से दो मौलानाओं की गिरफ्तारी के बाद मूक बधिरों के धर्मांतरण का पूरा खेल सामने आया है। ऐसे में अब एक तरफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बच्चों के धर्मांतरण पर फतेहपुर के जिलाधिकारी को नोटिस भेज रिपोर्ट मांगी हैं, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने भी इस मामले में केस रजिस्टर कर लिया है। एजेंसी ने जांच कर रही यूपी ATS से अभी तक की जांच रिपोर्ट से संबंधित दस्तावेज और सबूत सौंपने की बात कही है।
अब तक के सबसे बड़े धर्मांतरण के गोरखधंधे का खुलासे के आधार पर ही नोएडा से जो दो मौलाना गिरफ्तार किए गए थे, उनसे यूपी ATS ने पूछताछ में महत्वपूर्ण दस्तावेज जुटाए हैं। इस केस की परतें खुलने के साथ ही अब ये मामला NIA ने अपने हाथ में लेने की तैयारी कर ली हैं। दरअसल, इस धर्मांतरण के केस की जड़ों को लेकर जब ये पता चला कि ये मामला करीब 8 राज्यों से संबंधित है और इसमें एक एंगल अंतरराष्ट्रीय फंडिंग का भी है, तो अब NIA ने ये केस खुद अपने हाथ में लेने की तैयारी कर ली है।
NIA Teams have Reached UP to Take Over Conversion Racket Probe Which have it's Branches in Many States. ED had already Registered Case in the Matter to Investigate Money Laundering
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) June 26, 2021
ख़बरों के मुताबिक, अब विस्तृत जांच NIA की दिल्ली और यूपी यूनिट के अधिकारियों द्वारा की जाएगी। इस संबंध में NIA ने यूपी ATS के अधिकारियों से अभी तक की जांच के सभी सबूत और दस्तावेज मांग लिए हैं। वहीं अब केस को अधिकारिक रूप से NIA को सौंपने का काम यूपी ATS द्वारा भी शुरू कर दिया गया है। इस मामले की जांच अब बिहार, मणिपुर, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखंड तक में NIA के अधिकारियों द्वारा ही की जाएगी।
फतेहपुर के नुरुल हुदा स्कूल में बच्चों के धर्मान्तरण मामले में @NCPCR_ नें @dmfatehpur और SP को नोटिस जारी कर 3 दिन में कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी। @fatehpurpolice pic.twitter.com/0tcqkXUTHM
— Prashant Umrao (Modi Ka Parivar) (@ippatel) June 25, 2021
इसके विपरीत अब इस केस में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी सक्रिय हो गया है। NCPCR ने फतेहपुर के जिलाधिकारी को नोटिस भेजकर अंग्रेजी मीडियम स्कूल में हिन्दू बच्चों को उर्दू पढ़ाने के मुद्दे पर जवाब मांगा है और तीन दिन में कार्रवाई कर रिपोर्ट देने की बात कही हैं। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इस रैकेट का भंडाफोड़ भी स्कूल की ही एक हिन्दू अध्यापिका ने किया था। आयोग ने इस वाकए को संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन भी बताया है।
गौरतलब है कि धर्मांतरण का ये मुद्दा उत्तर प्रदेश की एटीएस टीम की कार्रवाई का नतीजा है। यूपी एटीएस ने ही नोएडा से दो मौलानाओं को धर्मांतरण के आरोप में पकड़ा है। खास बात ये है कि इनमें से एक शख्स खुद भी हिन्दू था, लेकिन बाद में उसने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाया और अपने परिजनों का भी धर्मांतरण करा दिया। इस आरोपी शख्स का नाम उमर गौतम है। पुलिस के मुताबिक, इस्लामिक दवा नामक सेंटर चलाने वाले ये दोनों ही मौलाना अब तक 1,000 के करीब लोगों का धर्मांतरण करवा चुके हैं।
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दिलचस्प बात ये है कि इन मौलानाओं के टारगेट पर मुख्य रूप से मूक बधिर, गरीब, महिलाएं और नासमझ बच्चे ही होते थे, जिन्हें डरा-धमकाकर या पैसों का लालच देकर आसानी से धर्म परिवर्तन के लिए राजी किया जा सकता था। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में इन्हीं दोनों मौलानाओं ने अपना धर्मांतरण का रैकेट चला रखा था, जिसके चलते अब असहाय मूक बधिर बच्चों के संरक्षकों ने इन लोगों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं। इसके अलावा यूपी ATS की जांच में ये भी सामने आया है कि धर्मांतरण के जरिए ये मौलाना इस्लामिक कट्टरता और मानव बम बनाने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस के सामने अब तक 50 से ज्यादा मामले आ चुके हैं, वहीं पुलिस 78 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं।
ऐसे में आतंकी गतिविधियों का सामने आना, अन्तर्राष्ट्रीय फंडिंग जैसे मामलों को देखते हुए जहां NIA ने इस केस को अपने हाथ में लेने की तैयारी शुरू कर दी है, तो यूपी ATS की जांच को धार देने के लिए बच्चों के ब्रेनवॉश के मुद्दे पर NCPCR भी सक्रिय हो गया है, जो कि इस केस में सफलता प्राप्त करने का सकारात्मक पहलू हैं।