CRED के संस्थापक कुणाल शाह, पहले Zerodha की तरह रियल प्रोडक्ट बनाओ उसके बाद सैलरी की तुलना करो

नितिन कामथ

कल ट्विटर पर दो स्टार्टअप कंपनियों के संस्थापकों के बीच एक विवाद शुरू हो गया जिसे देखकर और समझकर भारत में पूंजीपतियों के प्रति नजरिये को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। स्टार्टअप कंपनी कई प्रकार की होती हैं, जैसे कुछ कंपनी सामान बनाकर बेचती है, कुछ लोगों की आदतों के हिसाब से अपने प्रोडक्ट डिजाइन करती है। ऐसे स्टार्टअप कम्पनी जो कोई सामान बनाकर बेच रही है उसका प्रॉफिट इस पर निर्भर करता है कि उसके बनाए सामान की गुणवत्ता कैसी है। जबकि लोगों के व्यवहार पर चलने वाली कम्पनी का भविष्य बहुत अनिश्चित होता है।

लोगों को स्टॉक मार्केटमें निवेश करवाने के लिए बनाई गई ऑनलाइन स्टार्टअप Zerodha ऐसी ही एक कंपनी है जिसका लाभ और हानि लोगों के व्यवहार पर निर्भर करता है। जब तक लोग स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे हैं और जब तक कंपनी का निवेश में इस्तेमाल कर रहे हैं हैं तब तक कम्पनी ही लाभ कमा सकती है। अगर किसी कारण बीच में लोगों ने निवेश काम कर दिया तो उसके कारण कंपनी को भारी नुक्सान होगा। कहने का मतलब यह है की एक भी ऐसी घटना जिससे लोग निवेश कम करने लगे इस कंपनीके लिए 40 से 50 प्रतिशत तक का नुक्सान ला सकती है।

ऐसे में इस कंपनी के मालिकों ने यह फैसला किया और एक नियम पारित किया कि अभी जब कंपनी लाभ की स्थिति में है तो इसके मालिक नितिन कामथ, उनकी पत्नी सीमा कामथ और उनके भाई निखिल कामथ का वेतन 100 करोड़ कर दिया जाए। इस पर सोशल मीडिया पर अचानक चर्चा शुरू हो गई और नितिन कामथ को अपना बचाव करना पड़ा। पहले तो यह चर्चा ही व्यर्थ है क्योंकि Zerodha एक प्राइवेट कम्पनी है और उसके संस्थापक को इसका पूरा अधिकार है कि वह अपनी कंपनी में अपनी और काम कर रहे अन्य परिवार के लोगों की सैलेरी जितनी चाहे रखे।

लेकिन नितिन कामथ के फैसले के खिलाफ लिखते हुए एक अन्य स्टार्टअप, Cred, के संस्थापक कुणाल शाह ने ट्वीटर पर लिखा “मेरी सालाना इनकम तीन लाख है, मुझे भी अपनी सैलेरी में और ज़ीरो बढ़ाने के लिए स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी खोल लेनी चाहिए।” यह लिखते हुए उन्होंने नितिन कामथ को टैग किया।

इस पर नीतिन कामथ ने सफाई देते हुए लिखा “मैं मेरी, मेरी पत्नी सीमा और निखिल कामथ की सैलेरी को लेकर मचे हुए शोर को देखकर आश्चर्यचकित हूँ। हैडिंग भ्रामक हैं। वैसे हम एक प्राइवेट संस्था है और हम पर यह बाध्यता नहीं कि हम अपनी सफाई दें लेकिन हमें लगता है कि हमें सफाई देनी चाहिए क्योंकि कुछ लोग हमारे बारे में गलत धारणा बना रहे हैं।”

नितिन कामथ ने आगे लिखा कि जैसी खबरें मीडिया में चल रही हैं और उनकी सैलेरी को जितना बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है व सत्य नहीं है। उनकी कम्पनी ने नियम बनाया है कि संस्थापक सदस्यों कि सैलेरी सौ करोड़ तक जा सकती है लेकिन वास्तव में यह इतनी है नहीं। इसके बाद उन्होंने बताय कि उनकी कंपनी लोगों के निवेश पर चलती है और किसी एक घटना के कारण अगर अचानक लोग निवेश करना बंद कर दें तो उनको काफी नुकसान हो सकता है। वैसे भी कंपनी चलाना और व्यापार करना एक समान होता है। ऐसा नहीं है कि आप हमेशा लाभ कमाएंगे, ऐसे में जब आप लाभ कमा रहे हैं तो अपने लाभ को सैलेरी के रूप में निकालना या डिविडेंट के रूप में निकलना ये आपका निजी फैसला है, इससे किसी कोई क्या समस्या है।

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अगर निजी कंपनी का मालिक अपनी कंपनी से लाभ कमा रहा है तो उसे नैतिकता का ज्ञान देना फैशन है। एक निजी उद्यमी से उम्मीद की जाए कि वह कंपनी खोले फिर उससे पैसे न कमाए। हालांकि, Cred के संस्थापक कुणाल शाह द्वारा जैसे ही नितिन कामथ की आलोचना की गई तब बहुत से ट्विटर यूजर ने कुणाल को घेरा था। नितिन कामथ के सफाई देने के बाद बहुत से लोगों ने उनका समर्थन किया।

असल में Cred खुद लाभ नहीं कमा पा रही इसलिए उसके संस्थापक कुणाल दूसरों को नैतिकता का ज्ञान दे रहे हैं। यह पूरा प्रकरण अनावश्यक बहस का था लेकिन यह प्रकरण यह भी दिखाता है की भारत में निजी उद्यमियों को किस प्रकार के सामाजिक माहौल में काम करना पड़ता है। जब कोई कंपनी लाभ कमाती है तो उसके संस्थापक की आलोचना शुरू हो जाती है,

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