सेक्रेड गेम्स में एक बड़ा ही चुटीला संवाद था, ‘धंधा सोचो तो बड़ा सोचो!’। कुछ व्यक्तियों ने तो इसका अलग ही अर्थ निकाल लिया है, जैसे डॉक्टर अल्तमस हुसैन, जनाब की कालाबाजारी इस स्तर पे पहुँच चुकी है कि पहले ये रेमडेसिविर की कालाबाजारी के लिए हिरासत में लिए जाते थे और अब ब्लैक फंगस रोधी इंजेक्शन की कालाबाजारी के लिए हिरासत में लिए गए हैं।
जी हाँ, आपने ठीक सुना। कभी रेमडेसिविर की कालाबाजारी के लिए पकड़े जाने वाले डॉक्टर अल्तमस हुसैन अब ब्लैक फंगस को नियंत्रण में लाने वाली दवाई के इंजेक्शन की कालाबाजारी के लिए हिरासत में लिए गए हैं। फ्री प्रेस जर्नल के रिपोर्ट के अनुसार, “हाल ही में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 2 डॉक्टरों सहित 7 लोगों को हिरासत में लिया है, जिन्हें लगभग 3300 नकली Liposomal Amphotericin-B के इंजेक्शन के साथ पकड़ा गया है”। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव के अनुसार, ये इंजेक्शन दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में रहने वाले डॉक्टर अल्तमस हुसैन के यहाँ से जब्त किया गया है।
बता दें कि Amphotericin-B का उपयोग Mucormycosis यानि Black Fungus नामक बीमारी से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए जाता है। वुहान वायरस से गंभीर रूप से पीड़ित मरीज़ों, खासकर वे जिन्हें डायबिटीज़ की अतिरिक्त बीमारी होती है, उनके साथ ये अवस्था अधिक पाई जाती है। 16 जून को देशभर में Mucormycosis के मामले 27,142 रिकॉर्ड किये गए थे।
लेकिन ये डॉक्टर अल्तमस हुसैन कोई ऐसा वैसा आदमी नहीं है। ये कथित तौर पर वही आदमी है जिसे अप्रैल में गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा रेमडेसिविर की कालाबाजारी में पकड़ा गया था। यदि ये वही व्यक्ति है तो ये बेहद गंभीर समस्या है और इसके बारे में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस को मिलकर हल निकालना ही होगा।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि इस बार डॉक्टर अल्तमस हुसैन को पकड़कर दिल्ली पुलिस ने कालाबाजारी के विरुद्ध एक अहम कामयाबी पाई है और इससे ऐसे कई और लोगों तक भी हाथ पहुंचेगा, जो इस काले धंधे में महीनों से लिप्त हैं।