प्रसार भारती के पूर्व Chief Executive Officer यानि CEO जवाहर सरकार ने Twitter पर एक ऐसी फर्जी फोटो को शेयर किया, जिससे उनका असली चेहरा सामने आ ही गया। दरअसल, उन्होंने PM मोदी से जुड़ी एक फर्जी फोटो को शेयर किया, जिसमें PM मोदी रिलायन्स की नीता अंबानी के सामने हाथ जोड़के खड़े नज़र आ रहे हैं। इतना ही नहीं जवाहर सरकार ने लिखा, “काश साथी सांसदों और राजनीति में अन्य लोगों को भी पीएम से ऐसा शिष्टाचार मिलता। एक परिपक्व लोकतंत्र में, हम दोतरफा संबंध, एहसान, लेन-देन को जानेंगे, किसी दिन इतिहास हमें यह बताएगा।”
DeleteSircar pic.twitter.com/SkjcfY906A
— Smita Prakash (@smitaprakash) June 7, 2021
ज़ाहिर है कि वह एक फर्जी फोटो थी। असली फोटो में वहाँ नीता अंबानी नहीं बल्कि दीपिका मंडल थीं, जो कि एक NGO चलाती हैं। पीएम उन्हें झुककर प्रणाम कर रहे थे, लेकिन उनकी जगह नीता अंबानी का चेहरा लगाकर फोटो वायरल किया जा रहा है। दीपिका दिल्ली स्थित दिव्य ज्योति कल्चरल ऑर्गनाइजेशन नाम के गैर-सरकारी संगठन की सीईओ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दीपिका की यह तस्वीर साल 2015 की है।
इस मुद्दे पर प्रसार भारती के मौजूदा Chief Executive Officer शशि शेखर भड़क गए और उन्होंने पूर्व CEO जवाहर सरकार की पोस्ट की निंदा की। उन्होंने कहा, “यह निंदा के योग्य है कि एक फर्जी फोटो को इस प्रकार साझा किया जा रहा है। एक सार्वजनिक ब्रॉडकास्टर का पूर्व CEO ऐसा कर रहा है, यह निंदनीय है। वे पूर्व सांस्कृतिक सचिव भी हैं। उनकी हरकतों से हम शर्मिंदा हैं।”
Disgusting & shameful that a morphed image is being circulated in this manner. It is one thing to not like a person. But it is reprehensible that a former CEO of the Public Broadcaster and former Culture Secy is publicising fake images. We are truly embarrassed by these actions. https://t.co/gSkmHVHSKI
— Shashi Shekhar Vempati शशि शेखर (@shashidigital) June 7, 2021
ट्विटर, जो अक्सर झूठ और तथ्यों का पता लगाने का दावा करता है, इस मुद्दे पर एकदम शांत बैठा रहा। बाद में जब जवाहर सरकार को लोगों ने ट्रोल किया तो उन्होंने उस फोटो को delete कर दिया और एक दूसरी फोटो को पोस्ट किया।
Forsyth’s classic ‘Dogs of War’ DoW became hit movie in 1980. Ihad terrible experience as 2 photos of Modi r claimed as fake. What’s not fake are his deep bonds with richest Gujs + their incredible growth in his tenure + bonhomie for them. Wonder what crass DoW will now bark? pic.twitter.com/hITgU1kjfC
— Jawhar Sircar (@jawharsircar) June 7, 2021
यह पूर्व CEO जवाहर सरकार के समय ही हुआ था जब वर्ष 2014 में चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी के 54 मिनट के इंटरव्यू को काटकर 30 मिनट का कर दिया गया था। उसके बाद जब उनकी आलोचना की गयी थी तो उन्होंने सारा ठीकरा उस वक्त के केंद्रीय प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी पर फोड़ दिया था और उनपर उन्हें काम करने में छूट न देने का आरोप लगाया था।
UPA के समय के भ्रष्ट और अकर्मण्य अफ़सर, जो आज भी काफ़ी प्रभावशाली पदों पर हैं, वे आज मोदी सरकार और केंद्र सरकार की आलोचना कर अपनी जिम्मेदारियों से भागना चाहते हैं। इन्हें आभास है कि पीएम मोदी आने वाले समय में सत्ता से बाहर नहीं होने वाले हैं, इसलिए उन्होंने अब उनके खिलाफ निजी हमले करना शुरू कर दिया है।