FB ने PIB की पोस्ट उड़ाई, PIB ने FB को Grill किया, अब FB ने माफी मांगी

PIB एक्शन में आया तो FB ने मांगी माफ़ी

Facebook PIB

भारत सरकार और Big Tech कंपनियों के बीच इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आज Twitter द्वारा भारत के उपराष्ट्रपति नायडू के Twitter Account से ब्लू टिक को हटाये जाने की खबर के बाद अब यह सामने आ रहा है कि पिछले महीने के आखिर में Facebook और Instragram ने बिना कोई स्पष्टीकरण दिये भारत सरकार के PIB Fact Check अकाउंट की एक पोस्ट को उड़ा दिया था।

इसके साथ ही Facebook ने PIB को चेतावनी जारी करते हुए account को ब्लॉक करने की चेतावनी भी जारी की थी। हालांकि, जैसे ही PIB ने एक मेल के जरिये Facebook और Instagram से उनकी इस कार्रवाई का स्पष्टीकरण मांगा तो इन दोनों ने तुरंत PIB की उस पोस्ट को बहाल कर दिया।

बता दें कि 25 मई को PIB ने एक fact check करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक झूठी खबर का पर्दाफाश किया था। उस खबर में एक फ्रेंच Virologist Luc Montagnier के हवाले से यह दावा किया गया था कि वैक्सीन लगवाने वाले सभी व्यक्ति दो सालों के अंदर-अंदर अपनी जान गंवा देंगे और अब उनका कुछ नहीं किया जा सकता।

आप देख सकते हैं कि PIB की इस पोस्ट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था। इस पोस्ट में सिर्फ इस झूठी खबर को आगे forward ना करने की ही अपील की गयी थी। हालांकि, इसके बावजूद Facebook और Instagram से इस पोस्ट को बिना कुछ कारण बताए डिलीट करने का फैसला ले लिया।

यह कार्रवाई 1 जून को की गयी थी। इतना ही नहीं, PIB के account को ब्लॉक करने तक की धमकी जारी कर दी गयी।

इसके बाद PIB तुरंत एक्शन में आया। PIB ने IT मंत्रालय को इसके बारे में सूचित किया जिसके बाद IT मंत्रालय ने कई Mails के जरिये Facebook और Instagram से इस कार्रवाई का जवाब मांगा। उसके बाद IT मंत्रालय से माफी मांगते हुए Facebook ने इसे मशीनी क्रिया घोषित कर दी और उस पोस्ट को तुरंत बहाल कर दिया।

IT मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार “जब हमने Facebook के सामने इस मुद्दे को उठाया तो उन्होंने इसे मशीनी क्रिया बताते हुए अपनी गलती स्वीकार की। उनके मुताबिक मशीनों द्वारा उस पोस्ट को फेक न्यूज़ घोषित कर दिया गया। हमने भी सवाल पूछा कि आखिर उसे किसी मनुष्य द्वारा चेक क्यों नहीं किया गया।”

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद IT मंत्रालय ने Facebook और big tech कंपनियों के Fact Check बिजनेस पर भी बड़े सवाल खड़े किए हैं। 29 मई को आजतक के साथ बातचीत करते हुए इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तथाकथित फैक्ट चेकरों पर निशाना भी साधा था।

उन्होंने कहा था कि किसी को पता नहीं कि किस आधार पर यह फैक्ट चेकर चुने जाते हैं, जो 130 करोड़ की आबादी के विचारों का आंकलन करते हैं और बताते हैं कि क्या सही है और क्या गलत। उन्होंने आगे कहा था कि “एक फैक्ट चेकर का एजेंडा फिलहाल मोदी के खिलाफ नफरत फैलाना है।”

नए IT नियमों को लेकर भारत सरकार और Big Tech के बीच पहले ही विवाद चल रहा है। भारत सरकार ने Twitter को नियमों का पालन करने का एक “आखिरी मौका” दिया है तो वहीं WhatsApp ने भारत सरकार के खिलाफ ही कोर्ट में मुकादमा दायर कर दिया है। लेकिन भारत सरकार के रुख को देखकर यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि भारत सरकार अब Big Tech पर रहम खाने के मूड में बिलकुल नहीं है।

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