कोरोनावायरस की दूसरी लहर में अशोक गहलोत सरकार के शासन की असल पोल खुल रही है। आए दिन मेडिकल एक्विपमेंट्स के संबंध में भ्रष्टाचार की खबरें तो सुनने को मिल ही रही है। वहीं वैक्सीन की बर्बादी राज्य सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। इन सारी विपत्तियों के बीच भी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अपनी तुष्टीकरण की नीति से बाज नहीं आ रही है, क्योंकि हाल की खबरों के मुताबिक राजस्थान में एक भी पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी को कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं लगी है, जिसके संबंध में अब अशोक गहलोत सरकार को हाईकोर्ट से कड़ी फटकार मिली है। इस प्रकरण से एक बार फिर कांग्रेस का भेदभावपूर्ण रवैया सामने आया है।
वैक्सीनेशन की पॉलिसी को लेकर देश के सभी विपक्षी शासित राज्य सरकारों की बुरी फजीहत हो रही है। इसी बीच अब पाकिस्तान से आए हिंदुओं के मुद्दे पर राजस्थान की कांग्रेस शासित अशोक गहलोत सरकार ने अपना भेदभावपूर्ण रवैया दिखा दिया है, क्योंकि यहां अब तक किसी भी पाकिस्तानी प्रवासी हिन्दू को सरकार की नीतियों के अंतर्गत वैक्सीन नहीं लगाई गई है। गौरतलब है कि राजस्थान में पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों की तादाद काफी अधिक है। इसके बावजूद गहलोत सरकार ने अपनी आंखों में पट्टी बांध रखी है।
वैक्सीन न लगने का कारण इन शरणार्थियों के पास पहचान पत्र का न होना माना जा रहा है, जिसको लेकर अब राजस्थान हाईकोर्ट ने अशोक गहलोत सरकार को लताड़ लगाई है। कोर्ट ने गहलोत सरकार से पूछा है कि वो पाकिस्तान से आए हिन्दू प्रवासियों के कोरोना टीकाकरण के लिए स्पष्टीकरण के बावजूद पात्र क्यों नहीं मान रही है? जबकि केंद्र के नियमों के अनुसार इन लोगों को टीकाकरण का पात्र माना गया है। हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने राज्य सरकार के रवैए पर कड़ी आपत्ति जताई है और सवाल उठाए की पाकिस्तान से आए हिन्दू प्रवासियों सहित निर्धारित पहचान पत्र नहीं रखने वाले लोगों के टीकाकरण के लिए क्या कदम उठाए हैं?
पाकिस्तान से आए हिंदुओं के टीकाकरण के लिए केंद्र से एसओपी की आवश्यकता है, लेकिन इस मुद्दे पर राजस्थान सरकार बिल्कुल निष्क्रिय होकर बैठी है, जिसके संबंध में कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “यह समझना मुश्किल है कि राज्य सरकार केंद्र से और स्पष्टीकरण क्यों मांग रही है और एसओपी में पाकिस्तानी प्रवासियों को शामिल करने का आग्रह क्यों कर रही है।” साफ है कि कोर्ट इस मुद्दे पर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से काफी आक्रोशित है, जिसके चलते लगातार गहलोत सरकार की आलोचना हो रही है।
वैक्सीनेशन पॉलिसी से लेकर मेडिकल सुविधाओं तक के मुद्दे पर अशोक गहलोत सरकार ने अपना अजीबो-गरीब रवैया दिखाया है। TFI पर हम आप को बता चुके हैं कि किस तरह से वैक्सीन की बर्बादी में अशोक गहलोत सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। वहीं वेंटिलेटर्स को निजी अस्पतालों को देने से लेकर वैक्सीनेशन के मुद्दे पर राजस्थान सरकार पूरी तरह विफल रही है। ऐसे में अब राजस्थान सरकार हिन्दुओं के प्रति अपनी नफरत का एक बार फिर इजहार वैक्सीन के मुद्दे पर भी कर रही है, जो कि उसकी तुष्टीकरण की नीति को दर्शाता है।