योगी-मोदी-शाह के बीच सबकुछ एकदम सही है, आलोचक बुन रहे हैं “कलह” की बेबुनियाद कहानियाँ

योगी 2.0 से घबराए हुए योगी-विरोधी फिर फेक न्यूज़ फैलाने के काम पर लगे!

योगी मोदी और शाह

PC: Patrika

जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर लिबरल मीडिया में एक प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है कि पीएम मोदी और शाह सीएम योगी से नाराज हैं। वामपंथी मीडिया हवा बनाने में लगा है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में योगी को हटाकर किसी अन्य चेहरे के नाम पर चुनाव में उतर सकती है। इसी बीच यूपी बीजेपी के आधिकारिक Facebook Page के पोस्टर को लेकर बवाल मच गया, क्योंकि उसमें पीएम मोदी की तस्वीर नहीं थी। ऐसे में सीएम योगी के बुलावे पर अचानक दिल्ली जाना और गृहमंत्री अमित शाह के साथ सामान्य वार्तालाप करना वामपंथी मीडिया को चुभ गया है, और इसकी वजह केवल उनकी कपोल कल्पित कल्पनाओं का विफल होना है।

दरअसल, हाल ही में उत्तर प्रदेश बीजेपी के आधिकारिक Facebook Page को लेकर बवाल मच गया था। लोगों ने कयास लगाने शुरू कर दिए थे कि अब योगी और मोदी के बीच तकरार बढ़ाने वाली है, क्योंकि इस Facebook Page की फ़ोटो से पीएम मोदी की तस्वीर गायब थी। वामपंथी मीडिया ने इसे अपने प्रोपेगैंडा की सफलता की तरह ही पेश किया। ये सभी मानने लगे कि उत्तर प्रदेश में योगी को बीजेपी हटाने की तैयारी कर रही है। इसलिए योगी ने बगावत शुरू कर दी है। इसी बीच योगी आदित्यनाथ का दिल्ली जाना लिबरलों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है।

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बीते दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अचानक दिल्ली पहुंच गए। खबरों के मुताबिक यहां उनकी मुलाकात गृहमंत्री अमित शाह से हुई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी उनकी बैठक होगी। इस पूरे घटनाक्रम के बीच लिबरलो को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि अमित शाह और योगी की बैठक की तस्वीरें साबित कर रहीं हैं, कि ये औचक दिल्ली जाना सामान्य वार्तालाप से ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन वामपंथी मीडिया का प्रोपेगैंडा अभी भी जारी है।

लिबरल मीडिया का कहना है कि पीएम मोदी और शाह ने योगी को कैबिनेट  विस्तार और चुनावी रणनीति के लिए बुलाया है, जो कि बीएल संतोष और राधा मोहन सिंह के फीडबैक के अनुसार आवश्यक है। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के पद पर खतरा होने का प्रोपेगैंडा अब लिबरल मीडिया ने भी दबा लिया है क्योंकि इस बैठक के बाथ कहीं से ये नहीं कहा जा सकता है कि पीएम मोदी, शाह और योगी के बीच किसी भी प्रकार की कोई तकरार है।

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बीएल संतोष जहां फीडबैक मीटिंग के बाद योगी की तारीफ के कसीदे पढ़ चुके हैं, तो वहीं राधामोहन सिंह ने तो पूर्णतः नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज कर दिया है। ऐसे में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी की मुलाकात किसी बड़े कदम की आहट है, न कि किसी आपसी टकराव की। उत्तर प्रदेश से योगी हटाने की कल्पना केवल वामपंथियों की मंशा भर है, क्योंकि आज की स्थिति में इन सभी को पीएम मोदी से ज्यादा योगी आदित्यनाथ से डर लगता है।

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