भगवान श्रीराम के प्रति कांग्रेस की नफ़रत किसी से भी छिपी नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए हमेशा ही भगवान राम का अपमान किया है। इतना ही नहीं पार्टी में अब अगर कोई श्रीराम का जयकार लगाए तो पार्टी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर देती है, जिसका ताजा उदाहरण झारखंड से सामने आया है। पार्टी के आधिकारिक WhatsApp ग्रुप में जय श्रीराम का पोस्ट करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने NSUI के 7 कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर उन्हें निष्कासित कर दिया है। मामला बढ़ने पर अब NSUI के नेता गुटबाजी का आरोप लगाकर मुद्दा भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस इसमें धर्म निरपेक्षता का एंगल निकालकर मुस्लिम तुष्टिकरण का एजेंडा भी चला रही है।
राम के नाम का जयघोष अब कांग्रेस नेताओं के कानों में चुभने लगा है, और इसीलिए अब पार्टी उन लोगों को निशाना बना रही है जो कि उनके सामने ‘जय श्रीराम’ बोल देते हैं। हालिया खबरों के मुताबिक झारखंड में कांग्रेस के छात्र संघ NSUI के कुछ कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के WhatsApp ग्रुप पर ‘जय श्री राम’ लिखा था; जिसके बाद इन लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इन नेताओं में कमल अग्रवाल, राज महतो, राहुल गिरि, आनंद सिंह, प्रशांत कुमार, लव कुमार और जयंतो प्रमाणिक का नाम शामिल हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस के इन कार्यकर्ताओं को तीन साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इस मुद्दे पर पूर्वी सिंहभूम जिले की NSUI उपाध्यक्ष रोज तिर्की का कहना है कि पार्टी से निष्कासित किए गए लोगों ने एक धर्म का लगातार प्रचार करने की कोशिश की और पार्टी विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया है। यही कारण है कि इन लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और NSUI किसी विशेष धर्म की ओर झुकाव नहीं रखते। यहां ऐसी हरकत करने वाले नेताओं के लिए कोई जगह नहीं है। कार्रवाई के संबंध में कहा गया, “वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और गुटबाजी को बढ़ावा देकर वह एनएसयूआई को नई टीम बनाने की धमकी दे रहे थे।”
निष्कासन को लेकर NSUI के कार्यकर्ता भी काफी भड़के हुए हैं। इस मामले में कमल अग्रवाल नाम के शख्स ने कहा, “क्या इस देश में सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार नहीं है? हमने WhatsApp ग्रुप में जय श्री राम के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं जैसे सिख ‘वाहे गुरु’ कहते हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे अभी तक निष्कासित किए जाने वाला कोई आदेश नहीं मिला है, लेकिन मीडिया के जरिए इसकी सूचना पाई है।” साफ है कि निकाले गए कार्यकर्ता भी पार्टी के इस फैसले से भड़के हुए हैं।
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इससे पहले भी हम सभी ने राम मंदिर निर्माण को लेकर खबरें सुनी हैं कि मंदिर के हक में फैसला आने से लेकर राम मंदिर निर्माण में चंदा देने वाले विधायकों तक के मुद्दे पर कांग्रेस ने अपनी नकारात्मक प्रतिक्रिया ही दी है। वहीं हाल के इस मामले से एक बार फिर ये साफ हो गया है कि कांग्रेस में ‘जय श्री राम’ बोलना किसी अपराध से कम नहीं है, और ये कांग्रेस की भगवान श्रीराम के प्रति एक नफरत है।