मेनका गांधी अक्सर अपने व्यवहार के कारण विवादों के घेरे में रहती है, परंतु इस बार जो उन्होंने किया है, उससे मोदी सरकार की छवि पर कलंक लग सकता है। हाल ही में मेनका गांधी का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है, जिसके कारण न केवल चिकित्सक जगत उनसे नाराज है, बल्कि कहीं न कहीं मोदी सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है, जिसमें मेनका गांधी एक पशु चिकित्सक से बेहद अभद्रता से बात करते हुए सुनाई दे रही हैं। नवभारत टाइम्स के रिपोर्ट के अनुसार, “इस बार आरोप है कि मेनका गांधी ने वेटरनरी डॉक्टर के साथ बदसलूकी की है। यही नहीं, आरोप यह भी है कि बीजेपी सांसद ने डॉक्टर के साथ जमकर गालीगलौच किया। इसको लेकर मेनका गांधी का कथित ऑडियो भी वायरल हो रहा है। इस बात को लेकर ट्विटर पर एक हैशटैग बायकॉट मेनका गांधी भी चलाया जा रहा है। इसी हैशटैग के साथ फिल्मकार अशोक पंडित ने भी एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि “अब वक्त है कि अहंकारी और गालीबाज राजनेता मेनका गांधी को पार्टी से बाहर किया जाए और उनसे सारी शक्तियां छीन ली जाएं। उन्हें मेडिकल सहायता की तुरंत आवश्यकता है।”
https://twitter.com/ashokepandit/status/1407585484679782402?s=20
यदि ये ऑडियो क्लिप शत प्रतिशत सत्य है, तो इसमें कोई संदेह नहीं कि इस बार मेनका गांधी ने निर्लज्जता की सभी सीमाएँ पार कर दी हैं। जिस प्रकार से एक पशु चिकित्सक से इतनी अभद्रता से बात की गई है, वो किसी भी सांसद को शोभा नहीं देता, चाहे वो जो भी हो।
इसी कारण से बरेली में स्थित पशु चिकित्सा संस्थान से लेकर देश में कई जगह पशु चिकित्सकों ने मेनका गांधी के विरुद्ध प्रदर्शन किया। भाजपा की सांसद मेनका गांधी के आगरा के एक पशु चिकित्सक को धमकाने और अभद्र भाषा का प्रयोग करने का ऑडियो वायरल होने से पशु चिकित्सकों में बेहद नाराजगी है। बुधवार को आईवीआरआई में इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन ने प्रदर्शन कर मेनका गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। UP पशु चिकित्सा संघ ने मेनका की भाषा पर कड़ी आपत्ति जताई है।
इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन ने आईवीआरआई गेट पर हाथों पर काली पट्टी बांधकर और पोस्टर-बैनर के साथ मेनका गांधी के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि लोकसभा स्पीकर को ज्ञापन भेजकर सांसद मेनका गांधी पर असंसदीय भाषा का प्रयोग करने और पशु चिकित्सकों को धमकाने पर नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। प्रदर्शन में सचिव डॉ. डी. थनिगवेलू, डॉ. विनय कुमार, ट्रेजरार डॉ. विजय कुमार आदि मौजूद रहें।
इसके साथ ही साथ अब मोदी सरकार को भी मेनका गांधी की अभद्रता पर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। जिस प्रकार से वह लोगों से वाद विवाद करती है और लड़ती भिड़ती है, वह मंत्री तो छोड़िए, एक राजनेता तक को शोभा नहीं देता। यदि समय रहते मोदी सरकार नहीं चेती, तो मेनका गांधी की करतूतें अकेले ही मोदी सरकार के सारे किये कराये पर पानी फेरने के लिए पर्याप्त है।