बुधवार यानी 2 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मॉडल टेनेंसी एक्ट के अधिनियम को मंजूरी दे दिया है। सरकार ने कहा है कि इससे देशभर में किराये पर मकान देने के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे आगे इस क्षेत्र के विकास का रास्ता खुलेगा। साथ ही किराएदार और मकान मालिक के बीच विवाद में कमी आएगी।
आपको बता दें कि इस कानून से आम इंसान की जिंदगी आसान हो जाएगी। मिसाल के लिए बताए तो, मॉडल टेनेंसी एक्ट का एक पहलू मकान मालिक द्वारा बेहिसाब सिक्योरिटी डिपॉजिट की मनमानी को खत्म कर देगा। इस एक्ट में आवासीय परिसर के मामले में अधिकतम दो महीने और गैर-आवासीय परिसर के मामले में छह महीने तक की सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा। वर्तमान में, यह राशि शहर पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में, सिक्योरिटी डिपॉजिट आमतौर पर मासिक किराए का दो-तीन गुना होता है, लेकिन मुंबई और बेंगलुरु में, यह मासिक किराए के छह गुना से अधिक हो जाता है।
ऐसा नहीं है कि यह अधिनियम केवल किरायेदार के लिए है। इसमें मकान मालिक के लिए भी बहुत कुछ है जैसे कि- मॉडल टेनेंसी एक्ट कहता है कि यदि किसी मकान मालिक ने रेंट एग्रीमेंट में बताई गई सभी शर्तों को पूरा किया है, नोटिस देना आदि – और किरायेदार किरायेदारी की अवधि या किरायेदारी की समाप्ति पर परिसर को खाली करने में विफल रहता है, तो मकान मालिक हकदार है दो महीने के लिए मासिक किराया दोगुना और उसके बाद चार गुना कर दे।
Model Tenancy Act provides model for urban & rural properties & template for residential & commercial properties. Will apply to future transactions & take people from informal to specific contract arrangement b/w landlord & tenant: Union Min for Housing & Urban Affairs, HS Puri pic.twitter.com/9WmdbsWuWZ
— ANI (@ANI) June 2, 2021
बता दें कि इस एक्ट में और भी बहुत कुछ है जिससे देश में बेघरों की समस्या खत्म हो सकती है, क्योंकि मॉडल टेनेंसी एक्ट के लागू होने पर हर आय वर्ग के लोगों के लिये पर्याप्त संख्या में किराये के लिये आवासीय घर बनाने में मदद मिलेगी और बेघर होने की समस्या का हल निकलेगा। इससे खाली पड़े घरों को किराये पर उपलब्ध कराया जा सकेगा।
इतना ही नहीं सरकार को उम्मीद है कि इसके जरिये हाउसिंग सेक्टर को व्यापार के रूप में विकसित करने में प्राइवेट (निजी) निवेश बढ़ेगा, ताकि रिहायशी मकानों की भारी मांग को पूरा किया जा सके। मॉडल टेनेंसी एक्ट से आवासीय किराया व्यवस्था को एक सिस्टमाइज तरीका मिलेगा और इससे यह व्यापार भविष्य में एक मार्केट का रूप ले लेगा।
मॉडल टेनेंसी एक्ट का मसौदा अब राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जाएगा। इसे नया कानून बनाकर या वर्तमान किरायेदार कानून में संशोधन करके लागू किया जा सकता है।