विदेशों में आज अगर हिन्दू-फोबिया फ़ैल रहा है तो इसका कारण अपने ही लोग है। ऐसे लोग विदेशों में जा कर विभिन्न माध्यमों से हिन्दू-फोबिया फैलाते है। इसी क्रम में ‘प्रतिष्ठित’ मूर्तिकार ब्रिटिश-इंडियन अनीश कपूर जिन्हें मोदी विरोध के लिए जाना जाता है, उन्होंने द गार्जियन में शुक्रवार को हिन्दू-फोबिया भड़काने और मौजूदा भारत सरकार के खिलाफ एक लेख लिखा। यह लेख न सिर्फ तथ्यात्मक गलतियों से भरा था, बल्कि प्रधानमंत्री को “हिन्दू तालिबान” बनाने की बात कह दी गयी है।
The Parliament is a Mughal-inspired monument. So, Modi's bulldozing of the parliament makes him architect of a 'Hindu Taliban'
Well! The design of the parliament is inspired by the Chausanth Yogini Temple. Makes him an Iconoclast now?
Logic??@guardianhttps://t.co/hyEm2mZ4Zp
— Deeksha Negi (@NegiDeekshaa) June 5, 2021
अपने लेख में कपूर ने केंद्र की एनडीए सरकार की तुलना ‘हिंदू तालिबान’ से की और दावा किया कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ‘डी-इस्लामीफाई इंडिया’ का एक प्रयास है। यह लेख लेख कम और किसी कुंठित व्यक्ति का भड़ास अधिक लगता है। अनीश कपूर ने दावा किया, “आश्चर्यजनक रूप से इन इमारतों की इस्लामी उत्पत्ति दिल्ली में वर्तमान शासन को अपमानित करती है। यही कारण है कि तानाशाह मोदी और उसके समर्थक इसे नष्ट कर रहे हैं।”
हालाँकि, सच्चाई ये है कि इस परियोजना के लिए एक भी हेरिटेज भवन को तोड़ा नहीं जाएगा। जिन शब्दों का इस्तेमाल अनिश कपूर ने इस लेख में किया है उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उनकी प्रधानमंत्री मोदी के प्रति कितनी घृणा है। कपूर ने आगे लिखा हैं, “यह एक घृणित बात है कि ‘डी-इस्लामीफाई के लिए विश्व स्तरीय स्मारक के विनाश के माध्यम से मोदी के नफरत भरे अभियान को जारी रखने की अनुमति दी जा रही है। आश्चर्यजनक रूप से, UN heritage forum चुप है और world heritage bodies ने अपना मुंह बंद रखा है।”
यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि UN heritage forum चुप है, क्योंकि एक भी उस तरह की स्मारक को नहीं तोड़ा जा रहा है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र के पास भारतीय आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
लेख में तथ्यात्मक अशुद्धियों को देखते हुए, यह काफी आश्चर्यजनक है कि द गार्जियन के संपादकीय टीम ने इसे पब्लिश होने दिया।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अनिश का दावा इमारतों ‘इस्लामी मूल’ की है। सच्चाई यह है कि जिन इमारतों को तोड़ा जाना था, वे आजादी के बाद बनी थीं, तो उनका ‘इस्लामी मूल’ कैसे हो सकता है?
यही नहीं अनीश कपूर ने आर्किटेक्ट बिमल पटेल को नाजी कह दिया। उन्होंने लिखा, “मोदी ने तीसरे दर्जे के बिमल पटेल को अपना वास्तुकार नियुक्त किया है। पटेल इस तरह से डिजाइन करेंगे जैसे कि अल्बर्ट स्पीयर ने हिटलर की अगुवाई में किया था, लेकिन निश्चित रूप से पटेल के पास स्पीयर की प्रतिभा का एक भी हिस्सा भी नहीं है।” कपूर यहीं नहीं रुके और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की तुलना बाबरी मस्जिद के विध्वंस से कर दी।
यह दावा इतना हास्यास्पद है कि इस पर सिर्फ हंसी आ सकती है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को भारतीय न्यायपालिका ने ही आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा एक नई संसद की आवश्यकता को सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने उजागर किया था।
बिना किसी सबूत के उनका दावा है, “भारतीय अदालतों पर इस मूर्खतापूर्ण योजना को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला गया है और पत्रकारों और अन्य टिप्पणीकारों को धमकाया गया है।” कपूर ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी “हमारे समय के औरंगजेब” हैं।
उन्होंने आगे लिखा है, “मोदी के हिंदू तालिबान को सांस्कृतिक स्वीकृति और वर्चस्व स्थापित करने के लिए स्मारकों की जरूरत है। सभी फासीवादी-झुकाव वाले राजनेताओं की तरह, मोदी उम्मीद करते हैं कि जनता के दिल में अपनी छवि को नियंत्रित करके, वह अपने भारत की एक नई दृष्टि तैयार करेंगे, जो उन्हें महात्मा गांधी और वल्लभभाई पटेल के साथ खड़ा कर देगा।“
अनिश कपूर ने निष्कर्ष निकाला, “संसद भवन का विनाश एक फासीवादी शासन द्वारा भारतीय मानस पर अधिकार करने का प्रतिनिधित्व करता है।“ इसकी अति-राष्ट्रवादी दृष्टि किसी भी कीमत पर सभी भारतीयों पर हिंदू प्रभुत्व की है और मोदी इसके वास्तुकार के रूप में भारत पर शासन करेंगे, जहाँ दूसरों के बीच में उनकी छवि भगवान विष्णु की नकल करते हुए उनके दाहिने हाथ को आशीर्वाद देने के लिए हथेली खोलकर होगी।”
अनीश कपूर ने अपने लेख में पीएम मोदी को न सिर्फ हिंदू तालिबान का शिल्पकार बताया, बल्कि आगे लिखा, ‘मोदी पहले ही लाखों भारतीय मुसलमानों से भारतीय नागरिकता जबरन छीन चुके हैं और उन्हें स्टेटलेस कर दिया है।’
Anish Kapoor in his article not only calls PM Modi, The architect of a Hindu Taliban but further writes,
'Modi has already forcibly taken away Indian citizenship from many millions of Indian Muslims & rendered them stateless'
High on What? pic.twitter.com/qqmbsjvk04
— Deeksha Negi (@NegiDeekshaa) June 5, 2021
आखिर किस नशे में इस लेख को लिखा गया है यह समझना मुश्किल है। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब इस मूर्तिकार ने हिन्दू तालिबान शब्द का इस्तेमाल किया। 2015 से ही वह बीजेपी को ‘हिंदू तालिबान’ कहते रहे हैं। 2015 में उन्होंने कहा था, “तालिबान का एक हिंदू संस्करण खुद को मुखर कर रहा है।”