‘मुंबई मा जलेबी ने फाफड़ा, उद्धव ठाकरे आपडा’, BMC चुनाव से पहले CM उद्धव गुजरातियों तक पहुंच बना रहे हैं

इस बार मुंबई BMC चुनाव दिलचस्प होने वाला है!

गुजराती मतदाता Mumbai

मुंबई महानगर पालिका के (बीएमसी) चुनाव वर्ष 2022 में होने वाले है, परंतु सभी राजनीतिक दल अपने सियासी समीकरण में जुट चुके हैं। शिवसेना ने गुजराती मतदाताओं को रिझाने के लिए अपने गुजराती विंग को एक्टिवेट कर दिया है। पार्टी ने वरिष्ठ गुजराती नेताओं को अभी से मुंबई के सभी गुजराती बहुल इलाकों में जनसंपर्क अभियान शुरु कराने का आदेश दे दिया है। यही नहीं गुजराती मतदाता को लुभाने के लिए ‘मुंबई मा जलेबी ने फाफड़ा उद्धध ठाकरे आपडा’ नामक कैंपेन भी चलाया जा रहा है।

इसी वर्ष जनवरी में शिवसेना की तरफ से मुंबई में गुजरातियों का एक महासम्मेलन आयोजित किया गया था। कैंपन की टैग लाइन थी ‘मुंबई मा जलेबी ने फाफड़ा उद्धध ठाकरे आपडा’। इसी कैंपेन के आधार पर शिवसेना मुंबई के गुजराती मतदाता को अपने पाले में करना चाहती है।

मुंबई में करीब 30 लाख गुजराती रहते हैं। बीएमसी की 227 सीटों में से करीब 50-52 सीटों पर गुजराती मतदाता निर्णायक भुमिका अदा करते हैं।

फिलहाल, बीएमसी में शिवसेना और बीजेपी के पास 82-82 सीटें हैं। एमएनएस और निर्दलीय जोड़कर शिवसेना के पास कुल 97 सीटें हैं।

पहले बीजेपी और शिवसेना साथ थे तो हिंदूत्व के मुद्दे पर गुजराती मतदाता शिवसेना को भी मतदान करते थे, लेकिन अब शिवसेना और बीजेपी आगामी बीएमसी चुनाव अलग-अलग लड़ेंगी। बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूटने के बाद मराठी और गुजराती समुदाय में ध्रुवीकरण का डर शिवसेना को सताने लगा है। ऐसे में शिवसेना का गुजराती मतदाता को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है।

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इस बार शिवसेना के साथ बीजेपी नहीं है। ऐसे में शिवसेना को डर है कि कहीं BMC उनके हाथों से न निकल जाए।

अब यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या शिवसेना को आगामी बीएमसी चुनाव में हारने का डर सता रहा है?

गुजराती मतदाता बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक माना जाता हैं। प्रधानमंत्री मोदी,  गृह मंत्री अमित शाह के गुजरात से होने का फायदा भी मिलना तय है। यानी देखा जाए तो BMC के गुजराती मतदाताओं के बीच से शिवसेना को वोट नहीं मिलने वाला है। यही कारण है कि शिवसेना को अब गुजरातियों को लुभाने के लिए ‘मुंबई मा जलेबी ने फाफड़ा उद्धध ठाकरे आपडा’ जैसी टैग लाइन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, परंतु उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला है। कोरोना के समय जिस तरह का प्रदर्शन शिवसेना ने किया है तथा सरकार बनाने के लिए जिस तरह का धोखा दिया है उससे BMC चुनावों में बीजेपी के ही जितने की उम्मीद है।

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