IAS अधिकारी संजीव जायसवाल ने कांग्रेस के पूर्व नगरसेवक संजय घाडीगांवकर के खिलाफ आपराधिक जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। संजीव जायसवाल ने कांग्रेस के पूर्व नगरसेवक संजय घाडीगांवकर के खिलाफ आरोप लगाते हुए लिखा है कि, जब वे ठाणे नगर निगम आयुक्त के रूप में अपना पद संभाल रहे थे उस दौरान कांग्रेस नेता उन्हें मानसिक तौर पर परेशान किया करते थे।
साल 1996 बैच के आईएएस अधिकारी, संजीव जायसवाल, पिछले साल से बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अतिरिक्त आयुक्त के रूप में कार्यरत थे। उनका इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य मत्स्य विकास निगम में तबादला किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि संजीव जायसवाल को मुख्य रूप से “साइड पोस्टिंग” दी गयी थी क्योंकि उन्होंने एक शक्तिशाली पूर्व नौकरशाह का विरोध किया था जो “अभी भी सरकार को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।”
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बता दें कि कांग्रेस नेता घाडीगांवकर ने दावा किया है कि उन्होंने संजीव जायसवाल के बारे में विभिन्न विभागों को 102 शिकायतें लिखी हैं, जिसमें से नवीनतम 5 जून को लिखी गयी थी। इससे तंग आकर आईएएस अधिकारी संजय जायसवाल ने 7 जून को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अपनी परेशानी को साझा किया था।
संजीव जायसवाल ने कहा कि उनके प्रति घाडीगांवकर की दुश्मनी कुछ साल पहले शुरू हुई थी, जब उन्हें फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया और उनकी अपील को सर्वोच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया था। साल 2019 के चुनाव लड़ने के अपने प्रयास के व्यर्थ जाने के लिए कांग्रेस नेता घाडीगांवकर ने आईएएस अफसर संजीव जायसवाल को ज़िम्मेदार ठहराया था। उसके बाद से कांग्रेस नेता ने आईएएस अधिकारी के नाक में दम कर दिया था।
आईएएस अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया है कि घाडीगांवकर “गोल्डन गैंग” के सदस्य है, जिसने “पुलिस के समर्थन से ठाणे नगर निगम (टीएमसी) में ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली का युग” शुरू किया था।
इतना ही नहीं आईएएस अधिकारी जायसवाल ने कांग्रेस नेता को “गोल्डन गैंग” का सदस्य कहने के अलावा, यह भी आरोप लगाया है कि घाडीगांवकर एक “आरटीआई ब्लैकमेलर” भी हैं। संजीव जायसवाल ने कहा, “वर्तमान विधायक प्रताप सरनाइक की शिकायत पर आरटीआई ब्लैकमेल करने वालों का एक बड़ा रैकेट ठाणे नगर निगम में उजागर हुआ था और पुलिस को सौंपी गई मेरी रिपोर्ट में कई आरटीआई ब्लैकमेलरों में से एक नाम संजय घाडीगांवकर का भी है।”
संजीव जायसवाल ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि घाडीगांवकर उस गिरोह के भी हिस्सा थे जो कुछ साल पहले ठाणे के एक बिल्डर को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए जिम्मेदार था। लेकिन सबूतों के अभाव में कांग्रेस नेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था।
आईएएस अधिकारी ने आगे कहा कि, “उन्होंने अपने कार्यकाल में सड़कों को चौड़ा करने के लिए 100 हेक्टेयर शहरी भूमि पर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। साथ ही में उन्होंने अवैध हफ़्ता वसूली पर भी रोक लगा दी थी। जिसके बाद से उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी। लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें उपयुक्त पुलिस सुरक्षा प्रदान की थी। दुर्भाग्य से, जब से मेरा मुंबई ट्रांसफर हुआ है, मेरी सुरक्षा हटा ली गई है। हालांकि, अभी खतरा पहले से ज्यादा हो गया है।”
पिछले काफी वक्त से महाराष्ट्र सरकार भ्रष्टाचार को लेकर विवादों में है। महाराष्ट्र सरकार पर आए दिन वसूली के आरोप लगते रहते है। ऐसे में केंद्र सरकार को ईडी और सीबीआई के माध्यम से महाविकास आघाड़ी सरकार के नेता संजय घाडीगांवकर के ऊपर त्वरित जांच करानी चाहिए।