कुणाल कामरा का न्यूयॉर्क टाइम्स में #Opinion : हास्यास्पद
कहने को तो न्यूयॉर्क टाइम्स एक प्रतिष्ठित विदेशी मीडिया पोर्टल है। इसकी पहुँच दुनिया के कोने कोने में है। यह विशुद्ध वामपंथी पोर्टल है, जिसके भारत के बारे में विचार कभी भी सकारात्मक नहीं रहे हैं। लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स के इतने भी बुरे दिन आ सकते हैं, किसी ने नहीं सोचा था। अपनी बात को सिद्ध करवाने के लिए और मोदी विरोधी एजेंडा फैलाने के लिए उसे अब भारत के सबसे निकृष्ट वामपंथियों में से एक और तथाकथित कॉमेडियन कुणाल कामरा का सहारा लेना पड़ रहा है।
जी हाँ, आपने ठीक पढ़ा। एक वामपंथी कॉमेडियन कुणाल कामरा, जिसे चिकित्सा शास्त्र का “च” भी ज्ञात नहीं है, उससे यह पूछा जा रहा है कि भारत में कोविड की स्थिति क्या है। हम मज़ाक नहीं कर रहे हैं, न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस पूरे विषय पर बाकायदा एक लेख भी लिखवाया है। न्यूयॉर्क टाइम्स को मोदी सरकार से इतनी चिढ़ है कि वह भारत को नीचा दिखाने के लिए किसी का भी मत छापने के लिए तैयार है, बस शर्त यह है कि वह मोदी-विरोधी होना चाहिए।
In Opinion
“Our government has blood on its hands,” Kunal Kamra, a popular stand-up comedian in India, says of the country’s handling of the pandemic in a video guest essay. “It is a state-orchestrated Covid massacre, and I am outraged.”https://t.co/yoPonQKD23
— The New York Times (@nytimes) June 23, 2021
कामरा साहब के लेख का ट्विटर पर उड़ा मज़ाक!
न्यूयॉर्क टाइम्स के ट्वीट के अनुसार, “हमारे विचारक कुणाल कामरा का मानना है कि मोदी सरकार के हाथ खून से सने हुए हैं। ये एक सरकार द्वारा प्रायोजित नरसंहार है, और मैं बहुत क्रोधित हूँ”।
जब ट्वीट में ही भारत सरकार के खिलाफ इतना झूठ और द्वेष भरा हुआ हो, तो आप भली भांति समझ सकते हैं कि लेख में भारत के विरुद्ध कितना झूठ भरा हुआ होगा। लिहाज़ा, सोशल मीडिया पर न्यूयॉर्क टाइम्स की जमकर ट्रोलिंग हुई। Entha Nokune नामक एक यूजर पोस्ट करता है, “सोचिए उस न्यूयॉर्क टाइम्स की क्वालिटी क्या होगी, जो कुणाल कामरा जैसे व्यक्ति से अपने लिए एक कचरे जैसा लेख लिखवा रहा है” –
Think about the quality of @nytimes who got a low life jobless comedian to write a piece of $hit for them. 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
— Entha Nokune (@entha_nokune) June 23, 2021
एक अन्य यूजर ने अपनी व्यथा जताते हुए ट्वीट किया, “मैं विश्वास नहीं कर सकती कि मैंने यह बकवास पढ़ने के लिए सब्स्क्रिप्शन लिया था” –
I can’t believe I have a subscription to read this rot.
— Nayanika (@nayanikaaa) June 24, 2021
वैसे तो न्यूयॉर्क टाइम्स के विचार भारत के लिए सकारात्मक नहीं रहे हैं, और समय समय पर इनका भारत विरोध खुलकर जगजाहिर भी हुआ है, जैसे मंगलयान के प्रक्षेपण के दौरान हुआ था; परंतु इतने बुरे दिन आएंगे, किसी ने नहीं सोचा नहीं था। जब कुणाल कामरा जैसे दो कौड़ी के वामपंथी से आपको अपने विचारों का सत्यापन कराना पड़े, तो आप समझ जाइए कि आप अपने एजेंडे में कितनी बुरी तरह फेल हुए हैं।