नकली सिंदूर दिखाकर लोकसभा में सबको पागल बनाया मज़हबी नुसरत ने, अब दंड तो भुगतना ही होगा

“हिन्दू दुल्हन” बनकर वोटरों को ठगने वाली मज़हबी नुसरत पर कार्रवाई तो होकर रहेगी

नुसरत जहां

PC: Republic World

तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां द्वारा अपनी वैवाहिक स्थिति और इसके पीछे के कारण को स्पष्ट करते हुए एक बयान जारी करने के एक दिन बाद, भाजपा के अमित मालवीय ने गुरुवार को पूछा कि क्या उन्होंने नुसरत जहां रूही जैन के रूप में शपथ लेते समय संसद में झूठ बोला था।

नुसरत जहां के शपथ ग्रहण की क्लिप को साझा करते हुए मालवीय ने एक डिस्क्लेमर जोड़ा और कहा कि, “नुसरत जहां की निजी जिंदगी किसी की भी चिंता नहीं होनी चाहिए। लेकिन वह सवाल उठा रहे हैं क्योंकि नुसरत जहां एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और संसद के रिकॉर्ड के अनुसार उनकी शादी निखिल जैन से हुई है।“ यह वास्तविकता भी है नुसरत ने संसद में शपथ के दौरान अपना नाम “नुसरत रूही जहाँ जैन” लिया था और साथ ही नुसरत जहां ने लोकसभा चुनाव में जीत के बाद फॉर्म में अपनी वैवाहिक स्थिति को विवाहित बताया था।

नुसरत जहां ने लोक सभा में साड़ी, मंगलसूत्र और सिंदूर में शपथ ली, इतना ही नहीं नुसरत ने ईश्वर के नाम पर शपथ लेते हुए अपने शपथ का अंत उन्होंने जय हिन्द, वंदे मातरम और जय बंगला बोलकर किया था।

यह सभी ने देखा था कि नुसरत ने निखिल जैन से 2019 में तुर्की में डेस्‍ट‍िनेशन वेडिंग की थी और उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी भी दी थी। परन्तु अब उनका कहना है कि वह शादी अवैध था। नुसरत ने निखिल जैन से अपनी शादी को अमान्‍य बताते हुए कहा है कहा है, तुर्की मैरिज रेग्‍युलेशन के अनुसार विदेशी धरती पर आयोजित होने के चलते ये सेरेमनी अमान्‍य है। अब क्‍योंकि ये एक अंतरधार्मिक विवाह है, इसलिए इस शादी का भारत के स्‍पेशल मैरिज एक्‍टमें मान्‍य होना जरूरी है, जो नहीं हुआ है। कानून के आधार पर ये शादी मान्‍य नहीं है, बल्कि एक लिव-इन-रिलेशनशिप है। ऐसे में तलाक लेने का सवाल ही नहीं उठता।

नुसरत ने आगे कहा है, ‘हमारा अलगाव काफी पहले हो गया था, लेकिन मैंने इसके बारे में बात नहीं की, क्‍योंकि मैं अपना प्राइवेट जीवन प्राइवेट ही रखना चाहती थी। इसलिए मेरी किसी भी बात को हमारे अलगाव से जोड़कर कोई भी जज न करे। जिस शादी की बात हो रही है वह मान्‍य नहीं है और इसलिए कानून की नजर में ये शादी है ही नहीं।’

इसका अर्थ यह हुआ कि या तो उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में झूठ बोला था और अपना नाम “नुसरत रूही जहाँ जैन” बताया था या फिर वो अभी झूठ बोल रही हैं।

अगर उन्होंने शादी नहीं की थी और उन्हें यह पता था कि यह शादी अमान्य है तो फिर उन्होंने सिर्फ संसद में ही झूठ नहीं बोला है, बल्कि लोकसभा चुनाव फॉर्म में भी झूठी जानकारी दी। इस तरह उन पर क़ानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। बता दें कि शपथ प्रक्रिया से पहले निर्वाचित सदस्यों को एक फॉर्म भरना होता है जिसमें शपथ के दौरान कहे जाने वाले शब्द लिखने होते हैं। लोकसभा वेबसाइट अभी भी टीएमसी सांसद नुसरत जहां की वैवाहिक स्थिति को ‘विवाहित’ के रूप में दिखाती है। उनके पति के रूप में ‘श्री निखिल जैन’ के रूप में दिखाया गया है।

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नुसरत जहान दावा कर रही है कि उसकी शादी कभी भी ‘कानूनी’ नहीं थी। इसका अर्थ यह हुआ कि उन्होंने जानबूझकर लोक सभा फॉर्म में गलत जानकारी घोषित की। संसद को झूठी सूचना देने के लिए उनपर संसद की अवमानना करने के पर्याप्त सबूत है। इस कारण उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

वकील और एक्टिविस्ट सुबुही खान के अनुसार झूठे नाम से संसद में शपथ लेना और चुनावी उम्मीदवारी के लिए झूठा और मनगढ़ंत हलफनामा दाखिल करना सर्वथा आपराधिक कृत्य है और भारतीय कानून के कई प्रावधानों के तहत दंडनीय है।

आरपीए की धारा 33, चुनाव नियमों के नियम 4ए के साथ, राष्ट्रीय चुनाव या राज्य विधानसभा चुनाव में लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को अपनी संपत्ति, देनदारियों, शैक्षिक योग्यता और आपराधिक इतिहास (यदि कोई हो) जैसी बुनियादी जानकारी वाला एक हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए अनिवार्य करती है।

हलफनामे में जानकारी प्रस्तुत करने में विफलता या गलत जानकारी दर्ज करना आरपीए की धारा 125 ए के तहत एक दंडनीय अपराध है जिसमें अधिकतम छह महीने का की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

अब अगर नुसरत जहां से संसद में शपथ के दौरान झूठ बोला है तो यह उन्हें संसद की गरिमा को भंग करने के लिए आवश्यक कार्रवाई अवश्य होना चाहिए। हिंदू मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए टीएमसी ने नुसरत जहां को एक सेक्युलर नेता का चेहरा बताया था परन्तु अब वह बेनकाब हो चुकी हैं।

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