ओवैसी का अखिलेश को 440 वॉल्ट का झटका, UP में प्रकाश राजभर के साथ मिलकर 100 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

ओवैसी उत्तर प्रदेश चुनाव

PC: Patrika

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे देखने के बाद लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के फैक्टर को काफी महत्व दिया जाता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर भी ओवैसी ने लड़ने का ऐलान कर दिया था। वहीं, अब ओवैसी ने साफ कर दिया है कि वो प्रदेश की 100 सीटों पर चुनाव लडेंगे, और इसके लिए पार्टी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे। दिलचस्प बात ये है कि ओवैसी का ये कदम प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए पूर्वांचल की विधानसभा सीटों के लिहाज़ से दोहरे झटके की तरह है।

उत्तर प्रदेश में ओवैसी 100 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछने लगी है। पहले संभावनाएं जताई जा रही थीं, कि ओवैसी की पार्टी का गठबंधन बसपा के साथ होगा लेकिन पूर्व सीएम मायावती ने साफ कर दिया है कि वो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनावों में अकेले चुनाव लड़ेंगी। ऐसे में अब हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर ऐलान किया है कि AIMIM प्रदेश की करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसके लिए उन्होंने ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया है।

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ओवैसी ने Twitter पर इस फ़ैसले से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी के लिए उम्मीदवारों के आवेदन और चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि अब राजभर की पार्टी के अलावा किसी के साथ कोई भी गठबंधन नहीं होगा। ओवैसी के इस गठबंधन को ‘भारतीय संकल्प मोर्चा’ नाम दिया गया है।

अखिलेश यादव की उम्मीद पर पानी फेरा

खास बात ये है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में राजभर को दलित समाज के बीच एक महत्वपूर्ण जनाधार वाली पार्टी माना जाता है। इसीलिए अखिलेश यादव राजभर के साथ गठबंधन की प्लानिंग कर रहे थे, लेकिन अब ओवैसी ने इस मामले में अखिलेश की मंशाओं पर पानी फेर दिया है।

इसके इतर गठबंधन को लेकर ओपी राजभर ने भी ओवैसी के पक्ष की बात की है। उन्होंने कहा कि वो ओवैसी को 100 क्या 125 सीटें दे देंगें, बस उम्मीदवार मजबूत होने चाहिए। वहीं, राजभर की प्लानिंग अखिलेश के बगावती चाचा शिवपाल सिंह यादव को भी अपने गठबंधन में शामिल करने की है। ऐसे में इस गठबंधन के पूरे गणित को देखें तो अखिलेश यादव को इससे काफी तगड़ा नुक़सान हो सकता है, क्योंकि ओवैसी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में अखिलेश को नुक़सान पहुंचा सकते हैं।

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पुराने रिकॉर्ड्स को देखें तो अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की सत्ता की मुख्य धुरी मुस्लिम और यादव वोट बैंक हैं। ऐसे में ओवैसी के उनके खिलाफ चुनाव लड़ने से सपा के वोट बैंक में एक बड़ी सेंध लग सकती है। वहीं मुस्लिम वोट बैंक का बंटवारा बीजेपी के लिए फायदा साबित हो सकता है‌। इसीलिए ये कहा जा रहा है कि ओवैसी ने चुनाव में उतरने का एलान करने पर मुस्लिम वोट बैंक के लिहाज से अखिलेश को झटका दिया है। वहीं राजभर के साथ गठबंधन कर अखिलेश के पूर्वांचल के गठबंधन गणित को भी बिगाड़ दिया है।

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