किसी भी ईकोसिस्टम का सबसे पारंपरिक सिद्धांत होता है – आप मेरी पैरवी करो, और समय आने पर मैं आपकी करूंगा। इस समय हमारे देश में कुछ ऐसा ही हो रहा है। जिस समय ट्विटर ने वामपंथी कार्टूनिस्ट मंजुल को कानूनी नोटिस मिलने पर कानूनी सलाह देने की हिमाकत की थी, तो उसका आशय स्पष्ट था – समय आने पर वामपंथी ट्विटर की रक्षा करेंगे, और वह हो भी रहा है।
हाल ही में लोनी में एक स्थानीय झड़प को लेकर वामपंथियों ने तिल का ताड़ बनाने का प्रयास किया, जिसमें वे बुरी तरह असफल रहे। लगे हाथों उपहार में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने ट्विटर समेत कई प्रमुख वामपंथी हस्तियों को कार्रवाई की सौगात भी दे दी। अब एक बार फिर ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के नाम पर कई वामपंथी ट्विटर के बचाव में उतर आए हैं, जबकि असली मतलब स्पष्ट है – ट्विटर का ईगो हर्ट नहीं करने का।
उदाहरण के लिए शेखर गुप्ता के इस ट्वीट को देख लीजिए। जनाब कहते हैं, “ट्विटर सिर्फ एक टेक प्लेटफ़ॉर्म नहीं है, परंतु एक प्रकाशन संगठन है, जिसकी कानूनी जिम्मेदारी भी है। परंतु इसके विरुद्ध FIR दर्ज करना, व्यक्तियों और मीडिया संगठनों के विरुद्ध FIR करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है। FIR को गंभीर अपराधों के लिए बचा के रखें”।
Our #50WordEdit of UP FIR on twitter, others pic.twitter.com/6mKbn9j7c2
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) June 16, 2021
दूसरी तरफ वामपंथी पत्रकार साक्षी जोशी ट्वीट करती हैं, “ट्विटर कांग्रेस के शासन में आया। बिना किसी FIR के भय से इसका उपयोग करते हुए भाजपा ने सत्ता ग्रहण की और अब उसी ट्विटर को डराया और धमकाया जा रहा है”। वाह, यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात हो गई। जैक डॉर्सी को अपनी किस्मत को सराहना चाहिए कि इतना उकसाने के बावजूद भारत ने ट्विटर पर चीन की भांति पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है, अन्यथा अब तक जनाब सड़कों पर आ गए होते।
लेकिन बात केवल यहीं पर खत्म नहीं होती। अब ऐसे में हमारे फेक न्यूज के ध्वजवाहक, श्री राजदीप सरदेसाई कैसे शांत रहते? उन्हे भी ट्विटर की जी हुज़ूरी में अनर्गल प्रलाप करना ही था, सो वे बोले, “ट्विटर की आलोचना करने के लिए रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर का उपयोग किया”, और फिर अपना ही सड़ा हुआ जोक छुपाने के लिए एक हास्य इमोजी चिपका दिया।
IT minister @rsprasad goes on twitter to slam twitter! 😄 https://t.co/JWuMTVGYOj
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 16, 2021
सच्चाई तो यही है कि यह वामपंथी ट्विटर के प्रति अपनी गुलामी का प्रमाण दे रहे हैं। इन्होंने वर्षों तक बिना किसी दिक्कत के ट्विटर और अन्य वामपंथियों की चाटुकारिता की है। अपनी इज्ज़त, अपनी आत्मा बेचकर इन्होंने भारत की संस्कृति, भारत की अस्मिता पर गाजे बाजे सहित कीचड़ उछाला है। ऐसे में कोई भारतीय अपने आत्मसम्मान के लिए अगर इनके ‘मालिक’ पर हाथ उठाएगा तो इन वामपंथियों की आत्मा अवश्य तड़पेगी।