पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को NCP सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की। वह सुबह 11 बजे मुंबई में शरद पवार के सिल्वर ओक स्थित आवास पर पहुंचे। ऐसा लगता है कि 2024 से पहले शरद पवार NCP को महाराष्ट्र में सबसे बड़ी गैर-NDA पार्टी के रूप में बदलना चाहते हैं। इसी कारण से अब वे इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रशांत किशोर की मदद लेना चाहते है।
दरअसल, महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों में अचानक से सरगर्मी बढ़ी है। राजनीतिक रणनीतिकार कहे जाने वाले प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को NCP अध्यक्ष शरद पवार से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की और उनके साथ करीब तीन घंटे तक बातचीत की, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल होने लगी है।
प्रशांत किशोर ने राजनीतिक रणनीतिकार का कार्य छोड़ने की बात कही थी लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि वह जल्द ही कोई नया राजनीतिक रोल अपना सकते हैं। शुक्रवार को प्रशांत किशोर सुबह करीब साढ़े दस बजे शरद पवार के घर सिलवर ऑक पहुंचे। NCP नेता नवाब मलिक ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि दोनों नेता साथ में लंच करेंगे। यानी यह कहा जा सकता है कि इन दोनों के बीच कुछ तो पक रहा है।
हालाँकि दोपहर करीब दो बजे तक बैठक खत्म हो गई, लेकिन न तो किशोर और न ही पवार ने सिल्वर ओक (राकांपा प्रमुख के आवास) के बाहर जमा मीडियाकर्मियों से बात की। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में क्रमश: विधानसभा चुनावों में DMK और TMC की जीत के बाद किशोर की पवार से यह पहली मुलाकात है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन दोनों के बीच 2024 में PM नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष के चेहरे को लेकर बातचीत हुई। विपक्षी दलों में अब भी प्रधानमंत्री के सामने विपक्ष के किसी एक भी नेता का इतना ओहदा नहीं है कि वह उन्हें चुनौती दे सके। यही कारण है कि 2024 के लिए कुछ विपक्षी पार्टियाँ अभी से तैयारी में जुट गयी हैं जिसमें NCP सबसे आगे है।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष की संभावित संरचना पर चर्चा करने के लिए NCP प्रमुख से बातचीत की और साथ ही उन्होंने 2024 में BJP को हराने के लिए गैर-NDA दलों को एक साथ लाने के लिए एकजुट करने की योजना पर भी चर्चा की।
यह कहना गलत नहीं होगा कि शरद पवार ने मौके को देखते हुए अब प्रशांत किशोर से महाराष्ट्र में अपनी पकड़ और मजबूत बनाने के लिए ही मदद की बात की होगी। शरद पवार को यह पता है कि महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश की तरह ही कांग्रेस की लीला समाप्त हो चुकी है और शिवसेना की महाविकास आघाड़ी में शामिल होने से हिंदुत्व वाला कोर वोटर बैंक भी BJP के पास जा चुका है।
ऐसे में NCP ही बीजेपी को टक्कर देती दिखाई दे रही है। हालाँकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की लेकिन भाजपा शायद ही अब शिवसेना के साथ गठबंधन करे। इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने भी शरद पवार से मुलाकात की थी, जिसके बाद कई अटकलें लगाई गईं।
Maharashtra: After Udhav Thackeray Met PM Modi, Sharad Pawar has invited Prashant Kishor to his Residence
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) June 11, 2021
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पवार ने किसी भी प्रकार के रिस्क से बचने के लिए अब प्रशांत किशोर का साथ थामा है। पश्चिम बंगाल में जिस तरह से TMC की प्रचंड जीत हुई उससे प्रशांत किशोर के भी भाव बढ़े हुए हैं और BJP को परस्त करने के लिए सभी उनकी मदद लेना चाहते हैं। प्रशांत किशोर ने राजनीति छोड़ने की बात कही थी लेकिन अब ऐसा लगता है कि वह जल्द ही कोई नए राजनीतिक रोल में दिखाई दे सकते है जिसकी शुरुआत महाराष्ट्र से हो सकती है।
शरद पवार की शुरू से ही महाराष्ट्र की सत्ता को लेकर महत्वकांक्षा रही हैं साथ ही मौका पड़ने पर केंद्र में भी अपनी पकड़ बनाये रखना उनका उद्देश्य रहा है। शरद पवार ने देखा कि किस तरह प्रशांत किशोर ने पहले YSRCP के जगन मोहन रेड्डी को जीत दिलाई और आंध्र प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनाया, उसके बाद ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में और साथ ही MK Stalin को तमिलनाडु में एक बड़ी जीत दिलाई। इसी से प्रभावित होकर अब अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए शरद पवार ने प्रशांत किशोर का हाथ थामा है। अब वे प्रशांत किशोर की मदद से NCP को महाराष्ट्र की सबसे बड़ी गैर NDA पार्टी बनाना चाहते हैं।