केरल विधानसभा चुनाव के बाद हो रहे खुलासों से बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व सकते में आ गया है। केरल की राज्य बीजेपी ईकाई पर पार्टी फंड के लिए लूट-पाट भ्रष्टाचार और हवाला तक के आरोप लगे हैं। इसको लेकर पार्टी ने एक आंतरिक जांच कमेटी तो बिठाई थी, वहीं पीएम मोदी ने तीन उच्च स्तरीय पूर्व अधिकारियों को भी जांच की जिम्मेदारी दी थी, जिनमें से एक ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट विश्वसनीय लोगों को देने की पुष्टि कर दी है। यक़ीनन वो पीएम मोदी की टीम ही है। ऐसे में अब ये माना जा रहा है कि पीएम मोदी पार्टी के खिलाफ जाकर काम करने वाले केरल के स्थानीय नेताओं पर बड़ा एक्शन ले सकते हैं।
दरअसल, केरल की बीजेपी ईकाई के नेताओं पर भ्रष्टाचार,लूट आदि के आरोप लगे हैं। इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं जो कि ईडी द्वारा शुरू भी कर दी गई है। वहीं, इस मुद्दे पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जून को पूर्व अधिकारियों सीवी आनंद बोस, जैकब थॉमस और ई श्रीधरन से इस मामले में एक विस्तृत जांच की रिपोर्ट मांगी थी। गौरतलब है कि तीनों ही भाजपा से जुड़े हुए हैं। ऐसे में खबरें हैं कि सीवी आनंद बोस ने अपनी रिपोर्ट पीएम मोदी तक पहुंचा दी है।
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वहीं, इस खबर को लेकर केरल बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन ऐसी किसी भी जांच कमेटी या रिपोर्ट से इंकार कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये एक फेक न्यूज है। बीजेपी महासचिव तक ने केरल बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर मांगी गई रिपोर्ट के मुद्दे को नकारा है। वहीं इंडियन एक्सप्रेस की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक इन सबसे इतर सीवी बोस का कहना है कि उन्होंने ये रिपोर्ट उच्च स्तरीय व्यक्ति को दे दी है, जिन्होंने उन्हें इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे।
ख़बरों के मुताबिक बोस ने हाल ही में संपन्न हुए केरल विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार और आगे की राह पर पीएम मोदी को एक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पार्टी का नेतृत्व कर रहे सुरेंद्रन पार्टी में गुटबाजी की वजह बन गए हैं। गुटबाजी और पक्षपाती रवैए के कारण पार्टी का संगठन राज्य में बिखर गया है जिसके चलते बीजेपी की करारी हार हुई है। यही कारण है कि बीजेपी का वोट बैंक 14 से घटकर 11 प्रतिशत पर ठहर गया। इस रिपोर्ट में पीएम मोदी समेत पार्टी के बड़े नेताओं से केरल बीजेपी में परिवर्तन की मांग की गई है।
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गौरतलब है कि पिछले काफी वक्त से केरल की राज्य इकाई पर भ्रष्टाचार, पार्टी फंड में लूट के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी द्वारा अपने स्तर पर जांच करवाना और उसके बाद गुपचुप तरीके से उस रिपोर्ट का पीएम के पास पहुंचना केरल इकाई के बीजेपी नेताओं के लिए मुसीबत बन सकता है क्योंकि संभवानाएं हैं कि पार्टी को हुए नुकसान के कारण पीएम मोदी इन सभी आरोपी बीजेपी नेताओं के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगे।