गाजियाबाद कांड का मास्टरमाइंड था SP नेता उम्मेद पहलवान, पूरे पश्चिमी UP को जलाने की थी साजिश

सांप्रदायिक दंगें कराने की थी प्लानिंग, UP पुलिस ने किया नकाम!

लोनी घटना

Tabartornews

कई मायनों में हमें उत्तर प्रदेश प्रशासन की प्रशंसा करनी होगी। जिस प्रकार से उन्होंने चपलता से काम करते हुए लोनी घटना को अनहोनी में परिवर्तित होने से बचाया और जानबूझकर वैमनस्य बढ़ाने के लिए ट्विटर और राहुल गांधी सहित कई वामपंथियों को आड़ें हाथों लिया, वो अपने आप में काफी प्रशंसनीय है, लेकिन क्या आपको यह पता है कि असल में योजना पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दंगों के आग में झोंकने की थी?

जी हाँ, जिस प्रकार से ‘जय श्री राम’ के नारे जबरदस्ती लगवाए जाने की ये झूठी अफवाहें फैलाई गई थी, उससे स्पष्ट पता चलता है कि ये योजना काफी विस्तृत और सुनियोजित थी। वो कैसे? दरअसल, गाज़ियाबाद पुलिस ने जो FIR दर्ज की, जिसके अंतर्गत कार्रवाई के बाद दो युवकों को हिरासत में लिया गया, उनसे पुछताछ में सामने आया कि समाजवादी पार्टी का एक स्थानीय नेता भी इन असामाजिक तत्वों को भड़काने में समान रूप से शामिल था।

गाजियाबाद में अब्दुल समद नाम के बुजुर्ग की पिटाई और उसकी दाढ़ी काटने के घटना में लोनी थाने की पुलिस ने इंतजार और सद्दाम नाम के दो युवक को गिरफ्तार किया है। इस पूरे प्रकरण को ‘जय श्री राम’ के नाम से बदनाम करने की साजिश रचने वाले स्थानीय सपा नेता उम्मेद इदरिस पहलवान के खिलाफ FIR दर्ज कर के उनकी तलाश शुरू कर दी गई है। FIR के अनुसार, उसने ही सबसे पहले बुजुर्ग के साथ फ़ेसबुक पर भड़काऊ वीडियो बनाया और इसे वायरल करने के लिए इसमें धार्मिक वैमनस्यता फैलाने वाली बातें कही। आरोप है कि घटना की सत्यता जाँचे बिना ही वीडियो में धार्मिक आधार पर बातें की गईं।

आरोप लगाया गया है कि इस वीडियो के कारण जनता की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं। साथ ही धार्मिक विभाजन के लिए लोनी में हुई घटना को वायरल किया गया, जिसका फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने भी कोई फैक्ट-चेक नहीं किया। उम्मेद पहलवान के खिलाफ IT एक्ट की धाराएँ भी लगाई गई हैं। फ़िलहाल वो फरार है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि उनके खिलाफ ‘फर्जी मुकदमा’ दायर किया गया है, क्योंकि उन्होंने 72 साल के बुजुर्ग की मदद की है –

इन्हीं दोनों लोगों के बयानों के आधार पर राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी, मोहम्मद ज़ुबैर, स्वरा भास्कर जैसे वामपंथी हस्तियों ने झूठी अफवाहें फैलाई, जिसके आधार पर पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दंगे तक भड़काए जा सकते थे। कल्पना कीजिए, यदि इस समय योगी आदित्यनाथ की सरकार नहीं होती और यदि ये उपद्रवी वाकई में सफल हो गए होते, तो?

शायद इसलिए लोनी से ही भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपील की है कि ऐसे असामाजिक तत्वों को बिल्कुल भी जाने न दिया जाए और उन्हें हिरासत में लेकर रासुका के अंतर्गत कार्रवाई की जाए –

सच कहें तो इन दिनों वामपंथियों का अति उत्साह ही उनको ले डूब रहा है। चले तो थे वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश जलाने, अपना ही घर बार फूँक बैठे।

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