सुशांत को न्याय नहीं मिला, उनका परिवार कानूनी जाल में फंसा, लेकिन प्रॉफ़िट लूटने वाले मूवी बनाने पहुंच गए

ऐसे मौकापरस्तों ने सुशांत और पीड़ित परिवार को भी नहीं छोड़ा!

न्याय : द जस्टिस

PC: dailysarkarinaukari.in

बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन को एक साल होने वाला है। निधन के एक साल बाद भी उनकी मौत पर सनसनी मचाने वालों की कमी नहीं है। ऐसे में आज यानी 11 जून को सुशांत की मौत और उससे जुड़ी गतिविधियों को लेकर एक B ग्रेड फिल्म- न्याय: द जस्टिस, रिलीज होने वाली है। ऐसे में सुशांत के पिता को इस बात से आपत्ति जताई थी और उन्होंने फिल्म को स्थगित कराने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील किया था। दुर्भाग्यवश, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुशांत के पिता की गुहार को महत्व नहीं दिया और फिल्म को रिलीज करने पर हामी भर दी।

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित फिल्म न्याय : द जस्टिस पर रोक लगाने की मांग को लेकर पिता कृष्ण किशोर सिंह की याचिका काे दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मरणोपरांत निजता के अधिकार की अनुमति नहीं है।

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कोर्ट ने कहा कि जब फिल्म की विषय वस्तु बनाने वाली घटनाएं सार्वजनिक क्षेत्र में होती हैं, तो ऐसे काम के प्रकाशन पर रोक लगाने का कोई उचित कारण नहीं बनता है। उसके लिए निजता के अधिकार के उल्लंघन का अनुरोध नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने इस साल की शुरुआत में यह दावा करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था कि कई लोग उनके बेटे की मौत का फायदा उठा रहे हैं। सुशांत के पिता ने यह तर्क दिया कि उनके बेटे की मृत्यु को उनके और उनके परिवार की प्रतिष्ठा की कीमत पर “विभिन्न सिद्धांतों / कहानियों को विकसित करके प्रसिद्धि पाने के अवसर” के रूप में देखा जा रहा है।

सुशांत के पिता की ओर से वकील विकास सिंह ने यह दलील दी थी कि, अनुमति के अभाव में, सुशांत सिंह राजपूत के निजी जीवन का कोई प्रकाशन, उत्पादन या चित्रण निजता के मौलिक अधिकार का जानबूझकर उल्लंघन है। सुशांत के निजी जीवन का प्रकाशन उनके कानूनी उत्तराधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना नहीं किया जा सकता है।

यही नहीं सुशांत सिंह की रहसमयी मौत के बाद से कई ऐसी फिल्म बनाई जा रही हैं। जैसे कि- न्याय : द जस्टिस, Suicide or Muder : A star was lost और Shashank. इन सभी फिल्मों के पीछे एक ही कारण है, दिवंगत अभिनेता की मौत पर पैसा बनाना।  उनका चरित्रहरण करके सनसनी फैलाना और फिर अपनी जेबें भरना।

सुशांत के पिता यह बात भली भांति जानते थे कि मीडिया तक ही उनके बेटे का चरित्र हनन सीमित नहीं रहेगा। इसलिए उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी। हालांकि, अदालत ने उनकी अपील को कानूनी कारणों की वजह से नहीं मानी। पर सुशांत के ऊपर फिल्म बनाने वाले निर्देशक और फिल्म से जुड़े बाकी लोगों का अमानवीय चेहरा सामने आ गया है।

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बॉलीवुड का एक बार फिर से गिद्ध रूपी चेहरा सामने आया है, जो अपने ही इंडस्ट्री के एक ही अभिनेता की मौत के ऊपर फिल्म बनाकर अपना व्यापार कर रहे है और उससे अपना पेट भर रहे है।

 

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