TMC ने जज कौशिक चंदा पर लगाया आरोप
पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद से हो रही हिंसा पर सुनवाई के दौरान कोलकाता हाई कोर्ट ने TMC को कई बार लताड़ लगाई है। अब TMC ने कोलकाता हाई कोर्ट के एक जज को ही बीजेपी कार्यकर्ता बता दिया है। इस आरोप के बाद कल हुई सुनवाई के दौरान जज कौशिक चंदा ने TMC के इन आरोपों का जवाब भी उसी अंदाज में दिया।
दरअसल, CM ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में वोटों की फिर से गिनती कराने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट का रुख किया था, जिस पर कल न्यायालय में सुनवाई हुई। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को एक पत्र लिखकर उनसे अपनी चुनाव याचिका किसी अन्य न्यायाधीश (जज कौशिक चंदा के अलावा) को सौंपने का आग्रह किया था।
बंगाल की सीएम ने पत्र में कहा था कि जज कौशिक चंदा ‘भाजपा के सक्रिय सदस्य’ हैं इसलिए उन्होंने मामले को किसी और जज को सौंपने का आग्रह किया था। परन्तु सुनवाई के दौरान जस्टिस चंदा ने TMC को ही लताड़ लगाई है। सीएम की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने कहा कि, “याचिकाकर्ता को किसी भी जज को बदलने की मांग करने का पूरा अधिकार है, इस पर न्यायिक व्यवस्था के तहत फैसला किया जाएगा।“
इस बीच ममता बनर्जी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यायाधीश को अपने पद से हटना चाहिए क्योंकि ये हितों का टकराव है।
जज कौशिक चंदा ने दिया करारा जावाब
सुनवाई के दौरान जज कौशिक चंदा ने कहा कि, “आपके वकीलों का भी तो राजनीतिक जुड़ाव है। अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस से हैं और एसएन मुखर्जी का बीजेपी बैकग्राउंड है। लेकिन यहां तृणमूल प्रमुख का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अगर अन्य राजनीतिक बैकग्राउंड के वकीलों पर भरोसा किया जा सकता है, तो आप (ममता बनर्जी) जज पर भरोसा क्यों नहीं कर सकती हैं?”
ऐसा लगता है कि TMC में किसी भी विरोध करने वालों को बीजेपी का बता देना एक प्रथा सी बन गयी है। विधान सभा चुनावों के दौरान जिन लोगों ने TMC के खिलाफ वोट दिया था उन सभी को अब TMC के गुंडों द्वारा की जा रही हिंसा को झेलना पड़ रहा है। महिलाओं तक को नहीं छोड़ा जा रहा है।
TMC ने ऐसी हिंसा फैलाई की जनता को असम में जा कर शरण लेनी पड़ी है। TMC का ऐसा डर है कि सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने TMC से जुड़े दो अलग-अलग मामले से खुद को अलग कर लिया है। बता दें कि, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी TMC और BJP के बीच सियासी जंग जारी है।
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जानिए आखिर क्या है पूरा मामला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी के बीच नंदीग्राम में कांटे की टक्कर हुई। चुनाव आयोग ने पिछले महीने पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अधिकारी को नंदीग्राम सीट से विजेता घोषित किया था। चुनाव आयोग द्वारा 2 मई को घोषित परिणाम के अनुसार, अधिकारी ने TMC प्रमुख को 1956 मतों से हराया।
ममता बनर्जी ने अपने पूर्व विश्वासपात्र से प्रतिद्वंदी बने सुवेंदु अधिकारी पर Representation of the People Act, 1951 की धारा 123 के उल्लंघन में भ्रष्ट आचरण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मतगणना के दौरान अनियमितताएं की गईं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मामूली अंतर से हार के बाद दोबारा मतगणना की मांग की थी, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने अनुरोध को ठुकरा दिया था जिसके बाद उन्होंने कोलकाता हाई कोर्ट का रुख किया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खुद ममता बनर्जी भी वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए नंदीग्राम में भाजपा के सुवेंदु अधिकारी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई में शामिल हुईं। हालांकि जज कौशिक चंदा ने किसी भी फैसले का ऐलान अभी नहीं किया है। CM ममता बनर्जी की याचिका पर फिलहाल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।