भारत सरकार से लगातार पंगा लेने की प्रवृत्ति अब माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter को भारी पड़ गई है। मोदी सरकार द्वारा लागू किए नए आईटी नियमों के अनुपालन न करने को लेकर Twitter अपनी जिद पर अड़ा था, लेकिन अब भारत सरकार ने उससे सभी तरह के सुरक्षा अधिकार छीन लिए हैं। Twitter पहली ऐसी बिग टेक कंपनी है जिसके खिलाफ मोदी सरकार ने इतना सख्त एक्शन लिया है। यही नहीं, अब यदि कोई भी व्यक्ति कुछ भी आपत्तिजनक बात Twitter पर लिखता है तो उसका जिम्मेदार Twitter को माना जाएगा और उसके खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, भारत सरकार द्वारा बनाए गए नए आईटी नियम 25 मई 2021 से लागू हो गए थे। इसके बावजूद भारत में Twitter के तीन स्थानीय अधिकारियों की नियुक्ति समेत सभी नियमों को मानने के लिए मोदी सरकार ने Twitter को 16 जून तक का समय दिया था। साथ ही ये भी कहा था कि ऐसा न करने पर Twitter के सुरक्षा संबंधी अधिकार छीन लिए जाएंगे। ऐसे में आज ये मियाद पूरी होने पर भारत सरकार की शर्तें लागू हो गईं हैं। अब Twitter पर किसी भी यूजर ने भड़काऊ पोस्ट, फेक न्यूज या कोई भी गैर कानूनी बात लिखी या प्रकाशित की गई, तो उसका जिम्मेदार Twitter को समझा जाएगा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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गौरतलब है कि आईटी नियमों को अभी तक न मानने वाले Twitter के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई एक उदाहरण है, क्योंकि अभी तक मोदी सरकार ने ये कार्रवाई किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या बिग टेक कंपनी पर नहीं की है। बात अगर सुरक्षा अधिकारों की करें तो Twitter से इन अधिकारों का छिनना उसके लिए मुसीबत बन सकता है। साईबर लॉ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि, “आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लीगल प्रोटेक्शन मिलता है। इसमें किसी भी आपराधिक गतिविधियों के लिए कंपनी की जिम्मेदारी नहीं होती, लेकिन अब इसके खात्मे के साथ ही अगर किसी कानून का उल्लंघन होता है तो उसके लिए Twitter इंडिया हेड की जिम्मेदारी होगी।”
इस मामले में भले ही भारत सरकार ने कोई नया बयान न जारी किया हो, लेकिन सरकार द्वारा दी गई पुरानी मियाद खत्म होने के साथ ही उसकी शर्तें लागू हो गईं है। ऐसे में अब Twitter पूर्णतः भारतीय कानूनों के घेरे में आ गया है। Twitter पर कुछ भी असामाजिक होगा तो सवाल सीधे तौर पर Twitter से किए जाएंगे। इस कार्रवाई की एक बड़ी वजह ये है कि Twitter ने आधिकारिक तौर पर भारत में अपने स्थानीय स्तर के अधिकारी नहीं नियुक्त किए हैं। इतना ही नहीं कंपनी ने आईटी एक्ट के नए नियमों का पालन करने की पुष्टि भी नहीं की है, जबकि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चरण बद्ध तरीक़े से सभी नियम धीरे-धीरे पालन कर रहे हैं।
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कंपनी ने कोई कर्मचारी नियुक्त नहीं किया, बल्कि लॉ फर्म के वकील को ही अपना अधिकारी बता दिया, जिस पर भारत सरकार ने आपत्ति जाहिर की थी, बाद में Twitter ने उसे एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत कर्मचारी बना लिया; जिस पर भारत सरकार सहमत थी। इसके बावजूद कंपनी ने अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की। ऐसे में अब Twitter के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई हैं। एक तरफ जहां Twitter के अधिकार खत्म हुए तो दूसरी ओर गाजियाबाद में कंपनी के खिलाफ पहला केस भी रजिस्टर कर लिया गया है।
ऐसे में अब Twitter के लिए भारत में बिजनेस करना दिन-प्रतिदिन मुश्किल होता जायेगा, क्योंकि नियमों का अनुपालन न करने पर भी उसका रवैया अड़ियल ही है, और मोदी सरकार ने इस रवैए पर ही Twitter को अब तक का सबसे बड़ा झटका दिया है।