भारत सरकार और ट्विटर के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच ट्विटर ने एक और ओछी मानसिकता वाला कारनामा कर दिखाया है। ट्विटर ने शनिवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, @MVenkaiahNaidu के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू बैज या टिक हटा दिया। हालांकि, ट्विटर यूजर्स और भारत की जनता द्वारा लताड़ लगने के बाद ट्विटर ने फिर से भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के ट्विटर हैंडल पर ब्लू टिक को बहाल कर दिया है। बता दें कि वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल पर 13 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
ट्विटर ने अपनी इस गलती की सफाई देते हुए कहा कि ” उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का ट्विटर हैंडल जुलाई 2020 से निष्क्रिय है। हमारी सत्यापन नीति के अनुसार, यदि खाता लंबे समय से निष्क्रिय है, तो ट्विटर नीले सत्यापित बैज यानी ब्लू टिक को हटा सकता है। खैर, इस मामले में ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया है।”
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बता दें कि ट्विटर का यह झूठ ज्यादा देर तक चल नहीं पाया। ट्विटर यूजर्स ने ऐसे कई अकाउंट ढूंढ निकाले जो सालों से निष्क्रिय है और उनके ऊपर ब्लू टिक ज्यों का त्यों है।
Hey @Twitter @verified why these dormant accounts are still active defying? can you please explain this? #TwitterPolicy ? @TwitterIndia @manishm @rsprasad pic.twitter.com/dKFhIej6uE
— Avinash Srivastava 🇮🇳 (@go4avinash) June 5, 2021
जी न्यूज के अनुसार,आज ट्विटर को आईटी मंत्रालय की तरफ से नोटिस भेजा जाएगा कि भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक को बिना सूचना दिए कैसे हटाया? ये भारत के संवैधानिक पद की अवमानना है। ऐसे में यह कह सकते है कि ट्विटर ने IT मंत्रालय से विवाद मोल लेकर एक बार फिर से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार लिया है।
इतना ही नहीं ट्विटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट से ब्लू टिक बैज हटाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन (RSS) के कई बड़े नेताओं के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है। इनमें कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी, सुरेश जोशी और अरुण कुमार शामिल हैं।
ट्विटर की इस हरकत को भारतीय जनता पार्टी ने भारत के संविधान पर हमला बताया है। बता दें कि भारत सरकार द्वारा लाए गए नए IT नियम की वजह से ट्विटर और भारत सरकार के बीच विवाद बढ़ गया है। पहले ट्विटर नए IT नियम का अनुपालन करने में आनाकानी दिखा रहा था और उसके बाद भारत सरकार को अभिव्यक्ति की आजादी की दलील देकर, नीचा दिखाने की कोशिश भी कर चुका है। जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर के बखिया उधेड़ दी थी।
आपको बता दें कि ट्विटर ने सिस्टमाइज तरीके से केवल उन्हीं ट्विटर हैंडल पर निशाना साधा है जो कि भारत सरकार की प्रशंसा करते थे या फिर भाजपा से किसी प्रकार से जुड़े हुए थे। ऐसे में सवाल उठते हैं कि कहीं ट्विटर ने हिंदू विरोधी और भारत सरकार से घृणा की वजह से तो नहीं की है। निसंदेह ये हरकत ट्विटर को बहुत महंगा पड़ने वाला है।