डिजिटल मीडिया नियम का विरोध कर रहे वामपंथी मिडिया को कोर्ट ने लताड़ा
हमारे देश के वामपंथी मीडिया पोर्टल्स की एक प्रथा है, जब भी केंद्र सरकार द्वारा कोई क्रांतिकारी परिवर्तन की पहल करती है तो ये उसको विफल बनाने की उम्मीद से उसमें टांग अड़ाते हैं। इस बात का सबसे ताजा उदाहरण है, केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए IT नियम और डिजिटल मीडिया को संचालित करने के लिए नए डिजिटल मीडिया नियम है।
बता दें कि, नए डिजिटल मीडिया की पहल को पटरी से उतारने के लक्ष्य से वामपंथी मीडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसके जवाब में दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा,”हम आपसे सहमत नहीं हैं” अर्थात, हम नए डिजिटल मीडिया नियम पर रोक नहीं लगाएंगे। बता दें कि, नए डिजिटल मीडिया की पहल को पटरी से उतारने के लक्ष्य से वामपंथी मीडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया यह कहते हुए कि वह इस स्तर पर इस तरह के आदेश को पारित करने पर याचिकाकर्ताओं के साथ सहमत नहीं है।
बता दें कि, यह याचिका फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म, द वायर, क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड और प्रावदा मीडिया फाउंडेशन, ऑल्ट न्यूज़ की मूल कंपनी द्वारा दायर की गई थी। इन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 पर इस आधार पर रोक लगाने की मांग की कि एक नया नोटिस उन्हें नियमों का पालन करने के लिए जारी किया गया है अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति सी हरि शंकर और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि उन्हें नोटिस केवल उस अधिसूचना को लागू करने के लिए जारी किया गया है जिस पर कोई रोक नहीं है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के बेंच ने कहा कि, “हम आपसे सहमत नहीं हैं। आप चाहते हैं तो हम एक विस्तृत आदेश जारी कर देंगे या यदि आप चाहते हैं तो हम इसे रोस्टर पीठ के सामने दोबारा अधिसूचित कर देंगे। अनुदेश लेने के बाद आप हमें बता दीजिये।”
कोर्ट ने आगे यह कहा कि “मामला 27 मई को भी सामने आया था। तब भी आपको अंतरिम राहत नहीं मिली थी। अभी वे (प्राधिकारी) जो कार्रवाई कर रहे हैं वह केवल नियमों को लागू कर रहे हैं। अब आपको जो नोटिस जारी की गई है वह नियमों के पालन के लिए है क्योंकि उन पर रोक नहीं है। हम आपसे सहमत नहीं हैं।”
तो क्या है नए डिजिटल मीडिया नियम?
डिजिटल मीडिया के नए नियमों के तहत प्रेस काउंसिल,केबल टीवी एक्ट के नियमों का पालन करना होगा। थ्री लेवल शिकायत निवारण सिस्टम बनाना होगा। सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी। शिकायत निवारण अफसर तैनात करना होगा जो की 15 दिन के अंतराल में सुनवाई करें।
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इससे स्पष्ट होता है कि, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए डिजिटल मीडिया नियम किसी भी प्रकार से आलोचनात्मक नहीं है। ऐसे में वामपंथी मीडिया की चाल एक बार से फिर नाकाम हुई है और उन्हें फिर से मुंह की खानी पड़ी है।