महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार का सिक्का पर्दे के पीछे से चल रहा है। ऐसे में अनेकों बार ये कहा गया है कि कांग्रेस की कमजोर होती स्थिति के कारण शरद पवार 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने खड़े हो सकते हैं। इसको लेकर महागठबंधन की संभावनाएं बन रही हैं। इसी बीच शरद पवार ने विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है इसमें 15-20 राजनीतिक दल शामिल हो सकते हैं। दिलचस्प बात ये है कि इसमें कांग्रेस के बगावती नेताओं को भी बुलाया गया है। साफ है कि कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व के बीच शरद पवार 2024 में अपने लिए उम्मीदें तलाशना शुरू कर चुके हैं और कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका ही है।
कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति दयनीय होती जा रही है। कांग्रेस के अनेकों बगावती नेता पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। इसी बीच अब कांग्रेस के कमजोर होने पर विपक्षी खेमे में आई इस रिक्तता को शरद पवार अपने और NCP के लिए किसी अवसर की तरह ही देख रहे हैं। इसलिए उन्होंने 22 जून को विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है, जिसका एजेंडा अभी तक तय नहीं है, लेकिन ये साफ है कि शरद पवार धीरे-धीरे खुद को एक बड़े विपक्षी नेता के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
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ख़बरों के मुताबिक इस बैठक के लिए TMC, AAP, RJD जैसी पार्टियों को भी न्यौता दिया गया है। संभावना है कि इस बैठक में 15-20 विपक्षी राजनीतिक दल शामिल होंगे। गौरतलब है कि इस बैठक के लिए कांग्रेस के बगावती नेताओं को भी निमंत्रण दिया गया था, लेकिन इस बैठक में शामिल होने से कपिल सिब्बल ने इनकार कर दिया है। ये घटना दिखाती है कि शरद पवार कांग्रेस के बगावती नेताओं को भी साधने की कोशिश में है।
#JustIn | Congress's Kapil Sibal declines invitation to attend #SharadPawar's opposition huddle: Sources
— NDTV (@ndtv) June 21, 2021
दरअसल, शरद पवार ने ये बैठक अचानक ही नहीं बल्कि सोची-समझी प्लानिंग के तहत बुलाई है। कुछ दिनों पहले ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर शरद पवार से मिले थे। यही नहीं एक बार फिर सोमवार को उनकी मुलाकात शरद पवार से हुई है। ऐसे में ये विपक्षी खेमे की एक बैठक का नेतृत्व शरद पवार द्वारा अंजाम देना कोई साधारण बात नहीं है। साफ है कि शरद पवार 2024 के लिए खुद को पीएम उम्मीदवार प्रोजेक्ट करने की तैयारी कर चुके हैं। उनका ये कदम कांग्रेस के लिए एक झटका है, क्योंकि पार्टी नेतृत्व की कमी से जूझ रही है।
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ऐसे में शरद पवार न केवल विपक्षी दलों का नेतृत्व करने को तैयार बैठे हैं, बल्कि वो कांग्रेस के ही बगावती नेताओं को भी साधने में जुटे हुए हैं, जिससे कांग्रेस की स्थिति और बदतर हो जाए, जिससे NCP के नेतृत्व में शरद पवार राष्ट्रीय चेहरा हो सकें।