देश हो या विदेश, हरियाणा के नौजवान अपने देश भारत का अपमान होते देख शांत बैठ ही नहीं सकते। फरवरी 2021 में सिडनी के हैरिस पार्क में भी ठीक यही हुआ था। कुछ खालिस्तानी समर्थक उन दिनों हैरिस पार्क में भारत-विरोधी रैली को अंजाम दे रहे थे। वे खालिस्तानी PM मोदी के खिलाफ नारे लगा रहे थे, भारत के झंडे को जला रहे थे और नई दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर की गयी चढ़ाई का जश्न मना रहे थे। हरियाणा के कुरुक्षेत्र के रहने वाले विशाल जूड से यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने उन खालिस्तानियों के मुंह पर “मोदी ज़िंदाबाद” और “हिंदुस्तान ज़िंदाबाद” के नारे लगाना शुरू कर दिया! उसके बाद दोनों पक्षों में जोरदार भिड़ंत हुई, जिसके बाद जस्सी नामक एक खालिस्तानी को इस हालत में पाया गया था।
इससे पहले से ही विशाल जूड खालिस्तानियों के निशाने पर आया हुआ था। 26 जनवरी को जब हरियाणा के कुछ किसान दिल्ली में खालिस्तानियों का समर्थन कर रहे थे, उस दौरान विशाल जूड ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी-विरोधी और भारत के पक्ष में तिरंगा रैली का आयोजन कर रहे थे। उस दौरान विशाल ने खालिस्तानी झंडों को भी जलाया था। हालांकि, फरवरी में जब दोनों पक्षों के बीच सीधी भिड़ंत हुई, तो उसके बाद विशाल जूड पर हमले होना शुरू हो गए।
विशाल के घर पर कई बार हमला हुआ, कई बार गाड़ी तोड़ दी गयी। हालांकि, विशाल कभी उनके हाथ नहीं आया। एक बार तो खालिस्तानियों ने विशाल की जगह करनाल के रहने वाले एक अन्य नौजवान को पीट दिया और “विशाल जूड” से बदला पूरा करने की बात कहकर जश्न मनाना शुरू कर दिया।
मेरे लिए यहाँ गर्व महसूस करने के लिए काफी कुछ है।
हरियाणा के लोग दुनियाभर में रहते हैं, और जहाँ भी रहते हों, भारत का अपमान होते देख खून उबलने लगता है।खालिस्तानियों के नाम से ही हर हरियाणवी गुस्से से भर जाता है, फिर वो चाहे सिरसा का हो, या फिर सिडनी का। pic.twitter.com/YyOueLtYLE
— Vikrant Singh (@VikrantThardak) June 15, 2021
विशाल जूड पर हम सभी देशवासियों को नाज़ है। हालांकि, यह विडम्बना है कि विशाल जूड भारत का पक्ष लेने के लिए पिछले 3 महीनों से ऑस्ट्रेलिया की जेल में बंद हैं। उन्हें ऑस्ट्रेलिया की ओर से कोई Consular Access भी नहीं दिया गया। इसका अर्थ यह है कि अभी तक भारत सरकार का कोई अधिकारी भी विशाल से मिल नहीं पाया है।
विशाल जूड का परिवार चिंतित है और हरियाणा के लोग गुस्से में हैं। विशाल रोड समुदाय से संबंध रखते हैं और अब इस समुदाय के सभी लोगों ने भारत सरकार से जल्द से जल्द इस मामले पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। करनाल के सांसद संजय भाटिया ने इस मामले पर लोगों को आश्वासन दिया है कि वे जल्द से जल्द इस मुद्दे को केंद्र सरकार के साथ उठाएंगे।
संजय भाटिया के एक बयान के अनुसार “विशाल जूड़ ने देशभक्ति की बड़ी मिशाल पेश की है। जो दूसरे देश में जाकर भी अपने देश के प्रति इस तरह आवाज बुलंद कर सकता है, उस पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए। उसे जेल से रिहा कराने के लिए वे केंद्र सरकार व व्यक्तिगत स्तर पर भी भरसक प्रयास करेंगे।”
विशाल जूड पर झूठे मुकदमे दर्ज कर उसे जेल में कैद करना अस्वीकार्य है। उसे Consular Access न देकर ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने विशाल के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है। इस मामले पर देश के विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री एस जयशंकर को तुरंत एक्टिव होना पड़ेगा और ऑस्ट्रेलिया की Scott Morrison सरकार से संपर्क साधना होगा।
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया में कई भारतीय संगठन विशाल की सहायता के लिए आगे आए हैं। उन्होंने विशाल जूड की रिहाई के लिए एक वकील का इंतेजाम भी किया है। ऑस्ट्रेलिया में करीब 5 लाख भारतीय रहते हैं। भारत की मोदी सरकार और ऑस्ट्रेलिया सरकार के बीच बेहद गहरे कूटनीतिक संबंध हैं, ऐसे में भारत सरकार को अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर विशाल जूड की रिहाई और ऑस्ट्रेलिया में उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।