तमिलनाडु के बाद अब आंध्र प्रदेश से मंदिरों के लिए आवंटित जमीन के गायब होने की खबर सामने आई है। दरअसल, तीन सदस्यी वाली कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया है कि, आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में स्थित सिंहाचलम मंदिर के 748 एकड़ जमीन की जानकारी को 22A रिकॉर्ड से ‘हटा’ दिया गया है। कमेटी को इसके सबूत भी मिले हैं। ये सब चंद्रबाबू नायडू के कार्यकाल में हुआ है जिससे वो सवालों के घेरे में हैं।
दरअसल, सिंहाचलम मंदिर और मानस जमीन में अनियमितताओं की जांच के लिए एंडॉवमेंट्स के विशेष आयुक्त द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने यह चौंकने वाला खुलासा किया है। बता दें कि कमेटी के एक सदस्य ने मंगलवार को सिंहाचलम मंदिर जमीन के बारे में जांच रिपोर्ट पेश की है, और अब वह मानस भूमि के मामले में बुधवार को विजयनगरम के लिए रवाना होंगे।
बता दें कि इस कमेटी में उपायुक्त ई पुष्पवर्धन, क्षेत्रीय संयुक्त आयुक्त डी ब्रह्मरम्बा और एक अन्य सदस्य की समिति, श्री वराह लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी ने मंदिर का दौरा किया और भूमि अभिलेखों का सत्यापन किया। इसके अलावा सहायक आयुक्त विनोद, शांति और अन्नपूर्णा भी उपस्थित थे।
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द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से वार्ता के दौरान उपायुक्त ई पुष्पवर्धन ने बताया कि, “हमने इस मामले में सारे सबूत और दस्तावेज़ को एकत्रित किया है, जिसमें हमने पाया है कि सिंहाचलम मंदिर के 748 एकड़ जमीन को 22A रिकॉर्ड से डिलीट कर दिया गया है। 22A भूमि को बेचने से रोक लगाता है, ऐसे में भूमि का रिकॉर्ड नष्ट करके उसे 2016 में बेच दिया गया है। मंदिर के कार्यकारी अधिकारी ने ऐसा किया है, जबकि उसके पास रिकॉर्ड नष्ट करने का कोई अधिकार नहीं था।”
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि मंदिर के भूमि पर किसी प्रकार का विकास नहीं हुआ है और विवादित जमीन का पूरा हिस्सा विशाखापटनम में स्थित है। अब आगे हम मानस भूमि मामले में जांच के लिए विजयनगरम प्रस्थान करेंगे। उसके बाद हम दोनों जगहों में हुए भूमि घोटाले की रिपोर्ट राज्य सरकार के सामने पेश करेंगे।”
आपको बता दें कि तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार पर मंदिर की भूमि पर कब्जा और जबरन अधिग्रहण कर बेचने के कई आरोप लग चुके है। साल 2016 में नायडू सरकार ने विजयवाड़ा जिले में 30 से अधिक मंदिरों को धव्स्त किया था। नागरिकों द्वारा आवाज़ उठाने के बावजूद तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने मुगलों की तरह मंदिरों को विध्वंस कर दिया था।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू सरकार ने सिंहाचलम मंदिर की 215 एकड़ जमीन LG polymers नाम की कंपनी को दिया था।
बनयन ट्री नामक एक ट्विटर यूजर ने चंद्रबाबू सरकार का पोल खोलते हुए ट्वीट कर लिखा कि, “10,000 करोड़ की भूमि पर TDP के गुंडों ने कब्जा जमा लिया है। यह भूमि भगवान सिम्हाद्री अप्पन्ना के मंदिर का है।”
#RecoverSimhadriLandsFromTDPmafia #TDPmafia #TDPLandScam
Lands worth 10,000 crores of Lord Simhadri Appanna Temple, Vizag, Andhra, were Stolen by TDP Mafia @ncbn and co.@TimesNow @timesofindia @IndianExpress @the_hindu @ndtv @livemint @Justice_4Vizag #Vizag #Simhachalam pic.twitter.com/BMQdLC4XsE
— 🌳Banyan Tree 🇮🇳 (@showmanonhigh) June 27, 2021
इस मसले पर TFI की सीनियर एडिटर महिमा पाण्डेय ने ट्वीट कर लिखा, “सिंहाचलम मंदिर और मानस भूमि में अनियमितताओं की जांच कर रही तीन सदस्यीय जांच समिति ने यह साबित करने के लिए सबूत जुटाए कि Simhachalam temple और MANSAS भूमि से संबंधित 748 एकड़ को 2016 में रिकॉर्ड के 22ए से हटा दिया गया था।”
सिंहाचलम मंदिर और मानस भूमि में अनियमितताओं की जांच कर रही तीन सदस्यीय जांच समिति ने यह साबित करने के लिए सबूत जुटाए कि Simhachalam temple और MANSAS भूमि से संबंधित 748 एकड़ को 2016 में रिकॉर्ड के 22ए से हटा दिया गया था।
— Mahima Pandey (@Mahimapandey90) July 14, 2021
चंद्रबाबू नायडू अपने कार्यकाल में हिन्दू विरोधी पक्ष के लिए कई बार चर्चा में रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में मंदिरों का गैर –कानूनी विध्वंस से लेकर उनपर गैर – कानूनी अधिग्रहण किए हैं। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के ऊपर अमरावती भूमि घोटाले का मामला भी दर्ज है।