पीके फिल्म, राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार में संरक्षित होने वाली है
बॉलीवुड फिल्में अपनी कला से ज्यादा विवादों की वजह से चर्चा में बनी रहती है। ऐसी फिल्में जो हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, उन्हें हमेशा ही इनामों से नवाजा जाता है और ऐसी फिल्मों की फेहरिस्त लंबी है। इसी कड़ी में भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFAI) ने पीके फिल्म को अभिलेखागार में रखने का फैसला किया है। पीके फिल्म 2014 में रिलीज़ हुई थी। पीके फिल्म के मुख्य कलाकार आमिर खान और अनुष्का शर्मा है। NFAI के निर्देशक प्रकाश मुगदुम ने कहा कि, हमें राज कुमार हिरानी के साथ अपने जुड़ाव को जारी रखते हुए खुशी हो रही है, क्योंकि उनकी पुरानी प्रशंसित फिल्मों को भी NFAI में संरक्षित रखा गया है। हमारे संग्रह में पीके फिल्म को जोड़ना अद्भुत है, खासकर क्योंकि इसे सेल्युलाइड पर शूट किया गया था।“
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बता दें कि इससे पहले राजकुमार हिरानी कि फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’, ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ और ‘3 idiots’ को राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार में सुरक्षित रखा गया है। अगर हम बात करें पीके फिल्म की तो, यह फिल्म हिंदू भावना को ठेस पहुंचाने के मकसद से बनाई गई थी। इस फिल्म से आहत हिंदू संगठनो ने इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवाज़ भी उठाई थी। पीके फिल्म में आमिर खान भगवान शिव और बजरंग बली का पोस्टर लेकर यह दावा कर रहें थे कि भगवान नहीं है। अथार्थ, आमिर खान ने अपनी इस फिल्म से हिंदू देवी- देवताओं के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए थे। पीके फिल्म में आमिर खान ने हिंदुओं के आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। साथ ही में हिंदू धर्म गुरुओं को फिल्म का विलन के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म में हिन्दू भावानाओं के साथ खिलवाड़ किया गया था
आमिर खान ने धर्म और ढोंग पर व्यंग्य कसने के बहाने हिंदू धर्म पर निशाना साधा है, वहीं मुस्लिम और ईसाई धर्म जो कि धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा पाखंड फैलाते है, उन्हें क्लीन चिट दे दिया। आमिर खान हिंदुओं की भावना के साथ खिलवाड़ करने में सफल हुए थे। फलस्वरूप, उनकी इस फिल्म की प्रशंसा पाकिस्तान में भी जोरों शोरों से हुई थी।
पीके फिल्म में आमिर खान ने यह भी दिखाने का प्रयत्न किया है कि हिंदू लड़कियां अपने माँ- बाप के धार्मिक विश्वास के चलते मुस्लिम पाकिस्तानी लड़कों से दूरी बना लेती है। बता दें कि पाकिस्तानी मूल के निर्माता ARY ग्रुप ने पीके फिल्म को निर्मित किया था। यह वहीं ARY ग्रुप है जो अपने टीवी चैनल पर पुलवामा आतंकी हमले पर जश्न मना रहें थे। ARY टीवी चैनल ने पुलावमा हमले खुशी जाहिर करते हुए अपना पक्ष रखा था कि, हमारे मुजाहिद 350 हिंदुओं का कत्ल किया है, सिर्फ 50 भारतीय जवानों को नहीं।
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पीके जैसी फिल्म को भारत सरकार ने प्रशंसा कर, उसे राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार में रखा है, यह बात अपने आप में हैरान कर देने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व से हिंदू विरोधी एजेंडा को हमेशा ही ध्वस्त किया है। ऐसे में भारत सरकार को इस मामले को तुरंत संज्ञान में लेना चाहिए और भविष्य में हिंदू विरोधी फिल्मों की प्रशंसा करने के बजाय उनके ऊपर प्रतिबंध लगाना चाहिए।