केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने हाल ही में बच्चों के कपड़े बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक Kitex Garments को केरल से निकाल दिया है। Kitex Garments ने अब केरल को छोड़कर तेलंगाना में जाने की कवायद शुरू कर दी है।
कंपनी ने कहा है कि वह तेलंगाना में 1000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस निवेश से तेलंगाना में 4,000 से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलेगा। बता दें कि इस ऐलान से एक दिन पहले ही Kitex Garments ने ऐलान किया था कि वह केरल की निवेश योजना से पीछे हट रही है। कंपनी का कहना था कि राज्य के अधिकारी कंपनी का शोषण कर रहे हैं।
तेलंगाना के स्टेट इंडस्ट्रीज एवं कॉमर्स मिनिस्टर केटी रामा राव ने 9 जुलाई को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि तेलंगाना सरकार के साथ अपनी डील के तहत Kitex Garments वारंगल जिले के काकातिया मेगा टेक्सटाइल पार्क में फैक्टरीज़ शुरू करेगी।
केटी राव ने ट्वीट कर लिखा, “Kitex Group के ऐलान से हम काफी खुश हैं। बच्चों के कपड़े बनाने वाली यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी तेलंगाना में 1000 करोड़ रुपए का शुरुआती निवेश करेगी। उन्होंने फैक्टरी लगाने के लिए वारंगल को चुना है। मैं Kitex के MD के इस फैसले का स्वागत करता हूं।”
Delighted to announce the entry of KITEX group, world’s 2nd largest manufacturer of kids apparel into Telangana with an initial investment of ₹1,000 Cr
They’ve chosen KMTP, Warangal for their factories
My gratitude to Mr. Sabu M. Jacob, MD of KITEX group on a quick decision 🙏 pic.twitter.com/CgMf67DpxN
— KTR (@KTRBRS) July 9, 2021
Kitex Garments के MD साबू एम जैकब की तरफ से जारी बयान के मुताबिक कंपनी ने वारंगल में 1000 करोड़ रुपए के निवेश के टेक्सटाइल प्रोजेक्ट के लिए डील की है। बता दें कि Kitex Garments ने निवेश के लिए कुल 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
इससे पहले जैकब ने कहा कि केरल में व्यापार करना बेहद मुश्किल हो गया है और कंपनी को कम्युनिस्ट सरकार से लगातार उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ रहा है। जिससे तंग आकर कंपनी ने 3,500 करोड़ रुपये की परियोजना को वापस लेने का फैसला किया है।
कमाल की बात यह है कि काइटेक्स समूह द्वारा केरल में निवेश को बंद करने का निर्णय लेने के बाद उसके शेयर की कीमतों में एक दिन के भीतर लगभग 20 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
वामपंथ की राह पर चलने वाले पीनरई विजयन की सरकार ने अपने राज्य में कभी भी उद्योगों और व्यापारियों का स्वागत नहीं किया है। निवेशक अच्छी तरह से जानते हैं कि केरल से बाहर जाने का मतलब है कि व्यापारी समूह बेहतर मुनाफा कमा सकेगा और शांति से काम कर सकेगा। व्यापारी जानते हैं कि देश में कहीं भी उद्योगपतियों को हजारों नौकरियां पैदा करने और राज्य की अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए इस तरह के अपमान का सामना नहीं करना पड़ता है।
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केरल में Ease of doing Business की रेटिंग की बात करें तो केरल 18वें स्थान पर आता है, जो इस बात का प्रमाण है कि लेफ्ट के शासन के दौरान केरल व्यापारिक दृष्टि से बर्बादी की ओर जा रहा है।
Kitex Garments के इस कदम से कंपनी को न केवल आर्थिक तौर पर नुकसान होगा बल्कि राज्य में जिन लोगों को कंपनी में रोजगार मिला है वो अवसर भी खत्म हो जाएंगे, जिसकी सीधी जिम्मेदार केवल और केवल केरल की लेफ्ट सरकार ही होगी।