तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक रोमन कैथोलिक पादरी जॉर्ज पोन्नैया (George Ponnaiah) ने हिंदुस्तान और हिंदुओं के ख़िलाफ़ जमकर जहर उगला है। इस भारत ने सिर्फ भारत माता, सनातन धर्म बल्कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित साह के ख़िलाफ़ भी जमकर जहर उगला है। हालांकि इस पादरी George Ponnaiah को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन सवाल अभी भी वही है कि आखिरकार हिंदुओं के ख़िलाफ़ इस जहरीले अभियान को चलाने का मास्टर माइंड कौन है ?
कन्याकुमारी के अरुमनई में 18 जुलाई 2021 को आयोजित एक सभा में ‘जनन्याग क्रिस्थुवा पेरवई अमाईपु’ नामक NGO के सलाहकार व ईसाई पादरी George Ponnaiah ने बेहद आपत्तिजनक भाषण दिया था। इस भाषण में उन्होंने भारत माता से लेकर पीएम मोदी तक के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
@BharadwajSpeaks
The paster in this video is George Ponniah from Nagarkoil in Kanyakumari district, Tamil Nadu. No mainstream media reported the controversy he created in this speach. It was widely debated in social media.
He says in Tamil, (1/4) pic.twitter.com/UEqCny8HRB— Subramaniam S K (Modi Ka Parivar) (@subbusk) July 23, 2021
तमिलनाडु के कुछ मंत्रियों के नाम का जिक्र करने के बाद इस पादरी ने अपने भाषण में कहा कि DMK ने हमारे (ईसाई और मुस्लिम) वोटों के कारण सबसे दक्षिणी जिलों में चुनाव जीता। उसने आगे कहा, “DMK को मिली जीत हमारे द्वारा दी गई भिक्षा थी।”
भाषण के दौरान खुलासा करते हुए पादरी George Ponnaiah ने कहा, “हमारा (ईसाई और मुस्लिम) बहुमत इस क्षेत्र में 60% से अधिक है जो बढ़कर 70% और उससे अधिक हो जाएगा। इसे कोई नहीं रोक सकता।”
ईसाई पादरी George Ponnaiah ने नागरकोइल के भाजपा विधायक और भारत माता के लिए बेहद अपमान जनक भाषा में कहा कि,“एम आर गांधी ने जूते नहीं पहने हैं क्योंकि वह‘भारत माता’को चोट नहीं पहुंचाना चाहते हैं। हम इसलिए चप्पल पहनते हैं ताकि हमारे पैर गंदे न हों और भारत माता के कारण हमें कोई बीमारी न हो।”
70% and above. No one can stop this (he compares this with plugging public hair)
4. M R Gandhi (BJP MLA from Nagerkoil) is not wearing footwear since he doesn't want to hurt "Barath Mata". But we Christians always wear shoes and other footwears not to get (3/4)— Subramaniam S K (Modi Ka Parivar) (@subbusk) July 23, 2021
पादरी George Ponnaiah ने आगे कहा,“अगर हमारा भगवान जीवित है, तो वह एक दिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सजा देगा। उनके सड़े हुए शरीर को कीड़े और कुत्ते खा जाएंगे। ऐसा एक दिन जरूर होगा।’’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने George Ponnaiah के विरुद्ध हुई शिकायतों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं में जॉर्ज के ख़िलाफ़ मामले दर्ज हैं और मामले में आगे जाँच की जा रही है। उनके भाषण की वीडियो वायरल होने के बाद से पूरे तमिलनाडु में उन पर 30 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।
स्टेन स्वामी के निधन के बाद 18 जुलाई को कन्याकुमारी के अरुमनई में ये सभा बुलाई गई थी। इस कार्यक्रम में George Ponnaiah ने यह भाषण दिया था। हालांकि अब उसने माफ़ी मांग ली है परन्तु यह पहली बार नहीं है जब पादरियों और DMK के समर्थकों से हिन्दुओं के खिलाफ इस तरह के बयान सामने आए हों। यह घृणा समाज के अंदर तक भरी हुई है। हालाँकि पादरी ने जनसँख्या की जो बात कही वह गलत नहीं है।
2011 की जनगणना के अनुसार, तमिलनाडु में 44 लाख ईसाई थे, जो राज्य की आबादी का लगभग छह प्रतिशत है। तमिल ईसाई देश में कुल ईसाई आबादी का लगभग 15 प्रतिशत हैं। हालांकि ईसाई पूरे राज्य में समान रूप से फैले हुए हैं, लेकिन तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में उनकी आबादी अधिक है।
कन्याकुमारी जिले में ईसाइयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जहां जनसंख्या में ईसाइयों की हिस्सेदारी 1921 में 30.7 प्रतिशत से बढ़कर 1951 में 34.7 प्रतिशत हो गई और तब से यह बढ़कर 46.8 प्रतिशत हो गई है। अब George Ponnaiah ने दावा किया है कि यह आंकडे 60 से 70 प्रतिशत के बीच में या उससे भी अधिक हो सकती है।
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DMK के समर्थन के बारे मे बयान दिखाता है कि DMK और इसाई मिल कर खेल खेल रहे हैं। डीएमके एक मुस्लिम-ईसाई पार्टी है। स्टालिन सरकार को लेकर हमेशा ही कहा गया है कि ये हिन्दुओं के प्रति अपनी नफरत जाहिर करते हुए दबे पांव ईसाईयों और अन्य अल्पसंख्यक धर्मों के लोगों का तुष्टीकरण करने में लगी रहती है। करूणानिधि के पुत्र स्टालिन सनातन धर्म की वास्तविकता पर ही सवाल खड़े कर चुके हैं। स्टालिन की थिरुमावलवन के प्रति निष्ठा है, जो सनातन धर्म को तमिलनाडु से हटाने का भी संकल्प ले चुका हैं।
आजकल स्टालिन खुले तौर पर हिंदुओं और उसके रीति-रिवाजों की आलोचना कर रहे हैं जो सोशल मीडिया पर अधिक ध्यान आकर्षित करता है। अब खुलेआम पादरियों द्वारा हिन्दुओं और भारत माता के खिलाफ विष उगला जा रहा है।
अंत में सवाल वही है कि क्या पादरी को गिरफ्तार करने से सबकुछ ठीक हो गया ? क्या उसने जो सनातन को लेकर, जो भारत माता को लेकर, जो पीएम मोदी को लेकर जहर उगला वो खत्म हो गया ? क्या पादरी सिर्फ एक प्यादा भर नहीं है? सनातन धर्म के ख़िलाफ़ असली चालें तो कोई और एक बड़ी साज़िश के तहत चल रहा है ? क्या इस साज़िश के पीछे सीधे-सीधे चर्च का हाथ नहीं है ? पादरी को नियुक्त करने में तो चर्च की ही भूमिका होती है तो क्या ऐसे पादरी को चर्च जानकर चुनते हैं?