Clubhouse leaks: भारत का इस्लामीकरण करने के लिए अवैध रूप से सऊदी अरब से धन प्राप्त कर रहा है ‘जमात-ए-इस्लामी’

केरल के एक पत्रकार के ऑडियो से हुआ खुलासा

एम पी बशीर

कट्टरपंथी इस्लामिक समूह भारत में कट्टरपंथ के फैलाव के लिए आर्थिक मदद दे रहे : एम पी बशीर के वाइरल ऑडियो 

केरल के एक वरिष्ठ पत्रकार एम पी बशीर का एक ऑडियो इन दिनों इंटरनेट पर वायरल है जिसमें वह बता रहा है कि कैसे दुनियाभर के कट्टरपंथी इस्लामिक समूह भारत में कट्टरपंथ के फैलाव के लिए आर्थिक मदद दे रहे हैं। इस खबर को सबसे पहले एक मलयाली मीडिया संस्थान Marunadan Malayali ने ब्रेक किया था जिसपर अब विभिन्न मीडिया हाउस द्वारा रिपोर्टिंग की जा रही है। खबर के अनुसार विश्व के कई इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन भारत में इस्लाम के फैलाव के लिए बड़ी मात्रा में धन मुहैया करवा रहे हैं। एम पी बशीर को leaked ऑडियो में इस संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते सुना जा सकता है। ऑडियो मूलतः मलयालम में है, यह क्लब हाउस एप पर बात करते समय रिकॉर्ड की गई थी।

 

एम पी बशीर India vision नाम के मीडिया आउटलेट में काम करता था, जो अब बन्द हो चुका है। एम पी बशीर के ऑडियो में वह बता रहा है कि India vision में ही जब वह एडिटर के तौर पर काम  करता था, तब ही उसे एक दिन जमात-ए-इस्लामी हिन्द के सेक्रेटरी जनरल टी० आरिफ अली का फोन आया। आरिफ ने बशीर से मिलने को कहा। कुछ दिनों बाद बशीर आरिफ से मिलने जमात ए इस्लामी के त्रिवेंद्रम कार्यालय भी गया। मुलाकात के दौरान अली ने बशीर से शिकायत की कि उसके चैनल की तीन लड़कियां नादिरा अजमल, फॉसिया और वी शबाना न्यूज़ चैनल पर आते वक्त हिजाब न पहनकर इस्लाम का अपमान कर रही हैं। उसने चेतावनी देते हुए बशीर से कहा कि उसके चैनल पर होने वाले गैर इस्लामिक कामों से देश के मुसलमानों को गलत संदेश जा रहा है।

भारत के इस्लामीकरण के लिए विदेशों से आ रही है आर्थिक मदद

एम पी बशीर ने बताया कि इसके बाद उसने एक्सिक्यूटिव एडिटर की हैसियत से उन लड़कियों पर दबाव बनाकर उन्हें अपने कपड़े में बदलाव लाने पर मजबूर किया। एम पी बशीर ने बताया कि उसे एक ऐसा पत्र मिला था जिसमें जमात ए इस्लामी ने सऊदी की ‘किंग अब्दुल अजीज यूनिवर्सिटी’ से आर्थिक मदद मांगी थी जिससे वह इसी प्रकार का इस्लामीकरण और तेजी से फैला सकें। उसमे बताया कि जमात-ए-इस्लामी ने लड़कियों के पहनावे को इस्लाम के अनुरूप ढालने के लिए एक अभियान भी चलाया और इस काम के लिए उन्हें किंग अब्दुल अजीज यूनिवर्सिटी से मदद भी मिली।

कुछ दिनों पूर्व इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि केरल के कई मदरसे वहाबी विचारों को फैला रहे हैं। वहाबी विचारधारा पूरी दुनिया के इस्लामीकरण की समर्थक है, यह विचार गैर-मुस्लिमों के अस्तित्व को अस्वीकार करता है और हर मनुष्य को छल-बल किसी भी प्रकार से मुसलमान बनाना चाहता है। वहाबी विचार का सबसे अधिक प्रभाव अरब देशों में ही है। वहाँ का प्रशासन तो वहाबियत से पीछा छुड़ा रहा है, लेकिन बहुत से शक्तिशाली समूह हैं जो इसे आगे बढ़ा रहे हैं।

केरल में कट्टरपंथ का सबसे बड़ा कारण विदेशी फंडिंग है

एम पी बशीर की बात को इंडिया टुडे की रिपोर्ट के साथ मिलाकर देखने पर यही बात सामने आती है कि सऊदी की भूमि से आने वाली फंडिंग केरल में बढ़ते कट्टरपंथ के पीछे सबसे बड़ा कारण है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है क्योंकि केरल से ही सबसे अधिक मुसलमान ISIS में शामिल होने गए थे। इसमें पढ़े-लिखे लोगों की अच्छी खासी संख्या थी। ऐसा नहीं है कि ये लोग पिछले कुछ वर्षों में कट्टरपंथ की ओर बढ़े हैं, वास्तविकता यह है कि एक लंबे समय से वहाबियों के प्रति पिछली सरकारों की चुप्पी ने इस समस्या को नासूर बना दिया है।

सरकार को तत्काल मदरसों पर कब्जा करके एक एकीकृत राष्ट्रीय नीति बनानी चाहिए, इनकी फंडिंग की जांच की जानी चाहिए। इसके लिए यदि संविधान में संशोधन की आवश्यकता हो तो वह भी होना चाहिए क्योंकि यह समस्या आंतरिक सुरक्षा को भी खतरे में डाल देगी।

Exit mobile version