पेगासस पर पोल खुली तो छापेमारी की फ़ेक न्यूज़ फैलाकर सहानुभूति के लिए बिलबिलाता The Wire

एक पुलिसकर्मी नियमित जांच के लिए गया था, वामपंथी लगे चिल्लाने- आपातकाल, आपातकाल।

द वायर ऑफिस रेड

पेगासस कांड में पोल खुलने के बाद द वायर फिर से वही करने लगा जिसके लिए वह जाना जाता है- फ़ेक न्यूज़ फैलाना। हाल ही में पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस से पहले कई सरकारी आवासों और आम जगहों की चेकिंग की। इन्ही में से एक में द वायर का ऑफिस भी स्थित है, तो वहां भी चेकिंग हुई लेकिन द वायर ने इसे एक ‘बदले की रेड’ में परिवर्तित कर दिया गया।

पेगासस सॉफ्टवेयर द्वारा कथित तौर पर जासूसी के आरोपों के बीच द वायर ने आरोप लगाया कि देश में जो भी सरकार का विरोध करता है, उसकी जासूस की जा रही है। द वायर के सह-संस्थापक सिद्धार्थ वरदारजन ने ट्वीट करते हुए कहा, “पेगासस प्रोजेक्ट के बाद द वायर के लिए ये सिर्फ एक और दिन नहीं हो सकता। पुलिस वाले आकर पूछने लगते हैं, ‘विनोद दुआ कौन है?’, ‘स्वरा भास्कर कौन है?’ ‘क्या हम आपका रेंट एग्रीमेंट देख सकते हैं?’, ‘क्या हम आरफा से बात कर सकते हैं?’ पूछो तो कहते हैं, ‘हम 15 अगस्त के रूटीन चेक के लिए आए हैं’। अजीब है!”

 

यहां पर स्पष्ट है कि सिद्धार्थ किस प्रकार से द वायर के ऑफिस पर रेड की फेक न्यूज फैलाकर विक्टिम कार्ड खेलना चाहता है। पेगासस मामले पर जिस प्रकार से द वायर समेत सभी वामपंथी पोर्टल्स का सफेद झूठ सामने आया है, उससे स्पष्ट होता है कि द वायर का वही हाल हुआ है, जो लोनी मामले और बाराबंकी मामले पर हुआ था, लेकिन द वायर की पोल खोलने के लिए मानो दिल्ली पुलिस तैयार बैठी थी।

नई दिल्ली के DCP ने अपने अधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया, “स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली में गेस्ट हाउस, सरकारी आवास इत्यादि की चेकिंग करना तो आम बात है। लोकल बीट ऑफिसर ने उस ऑफिस की तलाशी ली, जिसके एन्ट्रेंस पे कोई साइनबोर्ड नहीं था। आप खुद ही फोटो देख लीजिए”

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एक ही ट्वीट में न केवल नई दिल्ली के DCP ने द वायर के ऑफिस पर रेड के खोखले दावों की पोल खोल दी, बल्कि फिर से सिद्ध कर दिया कि द वायर सफेद झूठ फैलाने में ही विशेषज्ञ है। लोनी मामले में जानबूझकर वैमनस्य फैलाना हो, या फिर बाराबंकी मामले में असामाजिक तत्वों को भड़काना हो, या अब झूठी ऑफिस की रेड ही क्यों ना हो द वायर कभी फेक न्यूज फैलाने में पीछे नहीं रहा है। ऐसे में ये कोई नई बात नहीं है, लेकिन जिस प्रकार से दिल्ली पुलिस ने सतर्क रहते हुए द वायर के सफेद झूठ को ध्वस्त किया है, वो भी अपने आप में प्रशंसनीय है।

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