कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में अब वो होने लगा है, जो आए दिन बॉलीवुड की फिल्मों में देखने को मिलता है, जिसमें अपने प्रतिद्वंद्वी से शासन हासिल करने के लिए खूब मारपीट होती है। इसके विपरीत मामला तब संवेदनशील हो गया जब इस बात के खुलासे भी होने लगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी विधायक पर जो हमला हुआ, उसमें एक नाम भूपेश बघेल के प्रतिद्वंद्वी और कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के करीबी का भी है, जिसके बाद ये मामला इतना ज्वलंत हो गया है कि टीएस सिंह देव इस मामले में जांच की मांग करने लगे हैं, और उन्होंने विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ वॉकआउट कर दिया। स्पष्ट है कि राज्य में सत्ता का संघर्ष अब मारपीट और हमलों तक पहुंच गया है, जिसमें दोनों ही नेताओं की छवि खराब हो रही है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच के टकराव के बारे में टीएफआई पहले ही बता चुका है, लेकिन विधानसभा सदन के अंदर अजीबो-गरीब स्थिति तब पैदा हो गई, जब अपनी ही सरकार के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह पर हुए हमले को लेकर सदन में कांग्रेस विधायकों में ही हो रही नोंक-झोक चर्चा का विषय बन गई। इस दौरान टीएस सिंह देव ने बड़ा कदम उठाते हुए विधानसभा सदन से वॉकआउट कर लिया है, और अपनी ही सरकार पर हमलों के प्रश्न चिन्ह लगा दिए।
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टीएस सिंह देव ने मांग की है विधायक पर हुए हमले की जांच की जाए। उन्होंने कहा, “जब तक सरकार जांच का आदेश नहीं देती या बयान जारी नहीं करती (पार्टी विधायक बृहस्पत सिंह पर हमले के आरोपों पर) मैं खुद को इस प्रतिष्ठित सदन के सत्र का हिस्सा बनने के योग्य नहीं पाता हूं।” इसके विपरीत महत्वपूर्ण बात ये है कि बृहस्पति सिंह ने अपने ऊपर हमले का जिम्मेदार टीएस सिंह देव को माना है। उन्होंने कहा कि पार्टी का एक गुट नाराज है, और वो उन पर हमले करवाना चहता है। महत्वपूर्ण बात ये भी है कि हमलावरों में एक व्यक्ति ऐसा भी है जो कि टीएस सिंह देव का करीबी माना जाता है।
Chhattisgarh Health Minister TS Singh Deo walks out of the Assembly
"I don't find myself worthy to be part of the session of this august House until the Govt orders an enquiry or releases a statement (over allegations of staging an attack on party MLA Brihaspat Singh)," he said pic.twitter.com/eHYN9e4mAM
— ANI (@ANI) July 27, 2021
ऐसे में ये संकेत मिलते हैं टीएस सिंह देव ने ही शायद हमले की कोई प्लानिंग करी हो, इसी परिप्रेक्ष्य में खुद को निर्दोष दिखाने के लिए टीएस देव आक्रामक हो गए हैं। उनका ये कदम डैमेज कंट्रोल की तरह प्रतीत होता है। वहीं इस मामले में बीजेपी ने भी छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला बोल दिया है। पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा, “2.5 साल आते–आते छत्तीसगढ़ सरकार पूरी तरह बिखर चुकी है। आज देखने को मिला की सरकार का मंत्री (टीएस सिंह देव) सरकार के प्रति अविश्वास प्रकट करता है और कहता है कि जब तक मुझे संतोषजनक जवाब नहीं मिलेगा तब तक मैं विधानसभा में कदम नहीं रखूंगा।”
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छत्तीसगढ़ में टीएस सिंह देव का ये विद्रोह एक पैटर्न के अंतर्गत देखा जा सकता है, इसके पहले अस्पतालों को निजी कर्ता-धर्ताओं के हाथों में देने के मामले में भी वो बघेल का विरोध कर चुके हैं। इस पूरे प्रकरण के पीछे मुख्यमंत्री पद की कुर्सी है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान ये दोनों ही दावेदार थे, लेकिन बघेल को चुन आलाकमान ने टीएस सिंह देव को झटका दिया था। ऐसे में वो समय-समय पर बघेल का विरोध करते रहते हैं।
ऐसे में ये संभव है कि बघेल खेमे के विधायक पर हुआ हमला प्रायोजित हो, और सारे सवाल टीएस सिंह देव पर ही हैं। ये उनके लिए एक बैकफुट पर जाने वाली बात है। संभवतः यही कारण है कि वो अब अपनी ही सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया अपना रहे हैं।