अमेरिकी सुरक्षा बलों एवं NATO फोर्स के अफगानिस्तान से निकलने के बाद तालिबान का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। वह तेजी से नए-नए इलाकों पर कब्जा करता जा रहा है। तालिबान अफगानिस्तान के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से पर अपना कब्ज़ा जमा चुका है। तालिबान की गतिविधियों से लगता है कि उसे पाकिस्तान सेना से रणनीतिक मदद मिल रही है। इस बात का पुख्ता प्रमाण हाल ही में देखने को मिला जब पाकिस्तानी जासूस को सलमा बांध को बर्बाद करने की साजिश में अफ़गानी फोर्स द्वारा गिरफ्तार किया गया ।
दरअसल, सलमा बांध को अफगान-भारत मैत्री बांध कहा जाता है। इसकी जल भंडारण क्षमता 640 मिलियन क्यूबिक मीटर है और हेरात के चिश्ती शरीफ जिले से ईरान सीमा पर जुल्फिकार क्षेत्र तक 2,00,000 एकड़ खेत की सिंचाई क्षमता है। यह बांध हाल के वर्षों में अफगानिस्तान में भारत की सबसे महंगी ढांचागत परियोजना रही है। बता दें कि भारत – अफगानिस्तान मैत्री बांध [सलमा बांध], जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति अशरफ गनी ने जून 2016 में किया था, यह भारत द्वारा अफगानिस्तान में बनाया जा रहा दूसरा बड़ा बांध है।
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ऐसे में सलमा बांध पर पाकिस्तान द्वारा हमले भारत के खिलाफ एक सोची समझी साजिश मानी जा रही है। बता दें कि भारत, अफगानिस्तान में करीबन 3 बिलियन डॉलर की मदद राशि प्रदान कर चुका है। इसके साथ ही अनेक प्रकार के निर्माण कार्य में पैसा निवेश कर चुका है।
तालिबान और पाकिस्तान के बीच साठ गांठ किसी से छिपी नहीं है। इन सभी हालातों को देखकर यह अनुमान लगा सकते हैं कि पाकिस्तान अफ़गानी तालिबान के साथ मिलकर भारत द्वारा किए गए करोड़ों रुपए के निवेश को क्षति पहुंचाने की कोशिश करेगा।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान के अशरफ गनी सरकार के साथ मोदी सरकार के रिश्ते मजबूत है। वहीं इसके ठीक विपरीत अफगान सरकार पाकिस्तान को एक आतंकी देश से ज्यादा कुछ नहीं समझती है। ऐसे में पाकिस्तान, तालिबान और घानी सरकार के बीच तकरार का फ़ायदा उठाते हुए भारत और अफगानिस्तान दोनों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है। हाल ही में हुए सलमा बांध हमले में 16 अफ़गानी फोर्स को शहादत मिली है।
अगर हम इस गतिविधि को चीनी दृष्टिकोण से देखें तो, तालिबान और चीन के बीच साठ – गांठ पहले से ही तय हो चुका है। तालिबान ने चीन को यह आश्वासन दिया है कि अफगानिस्तान के अंदर चल रहे चीनी निर्माण कार्य को तालिबान सुरक्षित रखेगा। उनके ऊपर किसी प्रकार की आंच नहीं आएगी।
इतना ही नहीं पाकिस्तान तालिबान की मदद से जम्मू कश्मीर में भी आतंकी हमले की साजिश रच रहा है। अगर हम इस पूरे प्रकरण को देखें तो पाकिस्तान आतंकवादी संगठन तालिबान के साथ मिलकर भारत के हितों को ठेस पहुंचाने की कवायद तेज कर दिया है।
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इस मसले पर भारतीय पत्रकार आदित्य राज कौल ने ट्विट पर लिखा, “अफगान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अफगान सुरक्षा बलों ने कल हेरात प्रांत के चिश शरीफ जिले में भारत निर्मित सलमा बांध को नष्ट करने के आरोप में एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया है। पाकिस्तान की जासूसी एजेंसियां अफगानिस्तान में भारत द्वारा निर्मित परियोजनाओं को तबाह करने की कोशिश कर रही हैं।“
Afghan security forces have arrested a Pakistani national on charges of destroying India built Salma dam in Chish Sharif district of Herat province yesterday, according to Afghan media reports. Pak spy agencies trying to destroy India built infrastructure projects in Afghanistan.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 11, 2021
TFI मीडिया की सीनियर एडिटर शुभांगी शर्मा ने भी पाकिस्तान की इस आतंकवाद समर्थक नीति पर खरी खोटी सुनाते हुए ट्वीट पर लिखा, एक पाकिस्तानी व्यक्ति को अफगान सुरक्षा बलों ने सलमा बांध को बर्बाद करने की कोशिश करते हुए पकड़ा है। यह बांध भारत और अफगानिस्तान के बीच मैत्री बांध है। अफगानिस्तान में भारत की सबसे बड़ी परियोजना (275 मिलियन डॉलर) है। तालिबान ने हाल ही में यहां एक चौकी पर कब्जा कर लिया था, जिसमें 16 लोग मारे गए थे। पाक अफगानिस्तान में मजबूत भारतीय प्रभाव को उखाड़ फेंकने के लिए बेताब है।“
A Pakistani individual has been caught by Afghan Security forces trying to blow up Salma dam or 🇮🇳🇦🇫 friendship dam, India’s biggest project in Afg ($275 million). Taliban recently took a checkpoint here, killing 16. Pak is desperate to uproot strong Indian influence in Afg.
— Shubhangi Sharma (@ItsShubhangi) July 11, 2021