‘दुनिया में हिंदूफोबिया है’, भारत ने अमेरिका को यह स्वीकारने के लिए मजबूर कर दिया है

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हमने सुनते थे कि आए दिन अमेरिका के अलग-अलग इलाकों से हिन्दूफोबिया से घृणित हिन्दुओ के साथ मार-पीट और प्रताड़ना की खबरें आती रहती हैं, हिन्दुओं के साथ होने वाली इन घटनाओं के संबंध मे भारतीय विदेश मंत्रालय अनेकों बार आपत्तियां भी जताता रहा है, और अब शायद उन आपत्तियों का अमेरिका पर असर भी हुआ है,क्योंकि अमेरिका के न्यू-जर्सी की थॉमस लैंके ने खुलकर ये स्वीकार किया है कि अमेरिका और विश्व के अनेक राज्यों में हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जाता है। इस स्वीकृति के साथ ही ये भी कहा गया है कि अब एडिसन शहर में हिन्दू जागरण माह प्रत्येक वर्ष जुलाई में मानाया जाएगा।

अमेरिका बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं, जिनमें मुख्य तौर पर हिन्दू भी हैं, लेकिन उनके साथ होने वाली प्रताड़ना  समय-समय पर पूरी दुनिया में हिन्दुओं को आक्रोशित करती रहती है। ऐसे में हिन्दूफोबिया को एक कल्पना समझने वाले अमेरिका ने भी इसकी प्रासंगिकता स्वीकारी है। अमेरिका के न्यू-जर्सी शहर के महानगर पालिका की मेयर थॉमस लैंके ने ये स्वीकार कर लिया कि दुनिया के 100 करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या वाले हिन्दुओं को भी प्रताड़ित किया जाता है। उनके प्रस्ताव में ये माना गया है कि अपनी धार्मिक मान्यताओं के कारण ही दक्षिण एशिया से लेकर अमेरिका तक में उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

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न्यू-जर्सी के महापौर ने ये तक कहा है कि हिन्दुओं की कथित रूढ़ीवादी मान्यताओं के कारण हिन्दुफोबिया तेजी से बढ़ रहा है। एडिसन में भी एक बड़ी हिन्दू आबादी रहती है, जहां मंदिरों और पूजा स्थलों की अधिकता है, इसलिए न्यू-जर्सी की मेयर ने एडिसन में हिन्दू जागरण माह मनाने की बात कही है। महानगरपालिका द्वारा हिन्दू जागरुकता माह मनाने का ये फैसला दिखाता है कि अब अमेरिका भी हिन्दुओं को होने वाली परेशानियों को समझने लगा है और ये सब कुछ ऐसे समय में किया गया जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत दौरे पर थे।

हिन्दू बहुल शहर के लिए अमेरिकी प्रशासन द्वारा उठाया गया हिन्दू जागरण माह कदम ये प्रतिबिंबित करता है, कि अमेरिका भारत के साथ अपने मजबूत कूटनीतिक रिश्तों को एक नया आयाम देना चाहता है और ये भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

अभी हाल ही में हमने देखा था, कि नासा में भारतीय इंटर्न युवती की तस्वीर के पीछे रखे हिन्दू देवी-देवताओं और उनके प्रतीक चिन्ह भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के वामपंथी समूह के लोगों को पसंद नहीं आए थे। वहीं अमेरिका में या पूरी दुनिया में समय-समय पर हमने हिन्दूफोबिया से ग्रसित लोगों के हमलों से हिन्दुओं को मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित होने के किस्से सामने आते रहे हैं। भारत सरकार इस मुद्दे को लेकर लगातार अमेरिका और वैश्विक स्तर पर दबाव बनाता रहा है।

वहीं भारत की आलोचनाओं को अमेरिका के न्यू-जर्सी शहर में मेयर ने स्वीकार करते हुए हिन्दूफोबिया को वरीयता दी है, और इसे खत्म करने के लिए प्रत्येक वर्ष जुलाई में हिन्दू जागरण माह चलाने का एलान भी किया है।

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