मुस्लिम एड ने लिया फेक डोनेशन एक्सपोज : Disinfo Lab
भारत में कोरोना के नाम पर कई संगठनों ने आम जनता से रुपये ठगे। आतंकी संगठनों और पाकिस्तान की ISI से संबध रखने वाले IMANA, Launch Good, Saiyed Foundation के बाद अब एक और संगठन का नाम जुड़ गया है। यह संगठन है Muslim Aid (मुस्लिम एड)”। इस संगठन को आतंकवादी और पूर्व पाक सेना जनरल के साथ एक War Criminal द्वारा चलाया जा रहा है और भारत के नाम पर विश्व के दूसरे देशों से धन लुटा जा रहा है।
Disinfo Lab की Imana पर की गयी एक्सपोज के बाद सब मुस्लिम एड पर भी एक आखें खोल देने वाली रिपोर्ट सामने आई है कि कैसे भारत के नाम पर ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों में डोनेशन लिया जा रहा है और कैसे यह फंडिंग पाकिस्तान और आतंकियों के हाथ पहुँचने वाली है।
COVID AID SCAM – 2
What would a War Criminal, alleged Terrorist, and former Pak Army General do when they come together?
You are wrong.
They would do ‘charity’ to help India during the Covid crisis!
Read on. (1/15)#CovidAidScam2021 #MuslimAid https://t.co/JP4ooOZ6mc
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) June 29, 2021
Disinfo Lab ने बताया कि IMANA पर की गयी रिसर्च के समय कई बड़े अन्तराष्ट्रीय संगठनों के नाम सामने आये जो भारत के नाम पर भारत से बहार डोनेशन ले रहे थे। कुछ launch Good नामक प्लेटफार्म पर तो कुछ डायरेक्ट अपनी वेबसाइट से और कुछ दोनों ही जगह से। इनमें से एक था मुस्लिम एड। इस संगठन का चेयरमैन है Mueen-Uddin Chowdhury, जो बंगलादेश का एक फेमस War Criminal है और 2013 में ढाका की एक अदालत उसे मौत की सजा दे चुकी है, परंतु वह Jamaat-e-Islami से लिंक होने की वजह से लन्दन भाग निकला और मुस्लिम एड चैरिटी से जुड़ गया। अब वही इस संगठन का अध्यक्ष है और विभिन्न मोर्चों पर मुस्लिम एड का ट्रस्टी भी है।
और पढ़े: “हमारी वैक्सीन को मान्यता दो, वरना तुम्हें जबरन Quarantine करेंगे”, भारत ने दी यूरोप को सख्त चेतावनी
मुस्लिम एड का विस्तार कई देशों तक हो चूका है
Disinfo lab के अनुसार, इन वर्षों में, मुस्लिम एड ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, मलेशिया, बोस्निया और स्वीडन जैसे कई देशों में अपनी शाखाओं का विस्तार किया है। इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मुस्लिम एड भी उन ‘संगठनों’ में से एक थी जो भारत में COVID-19 संकट के नाम पर धन एकत्र कर रहे थे। यह फंड एक नहीं बल्कि इसके कम से कम तीन फ्रंट – मुस्लिम एड (यूके), मुस्लिम एड ऑस्ट्रेलिया और मुस्लिम एड USA के माध्यम से एकत्र किया जा रहा था।
मुस्लिम एड, भी IMANA की तरह, भारत को चित्रित करने के संबंध में उसी पैटर्न का पालन कर रहा हैं – अपनी वेबसाइट और अन्य प्रकाशनों पर पाकिस्तान द्वारा अनुमोदित भारत का मानचित्र उपयोग करता है, लेकिन डोनेशन लेते समय भारत सरकार द्वारा अनुमोदित मानचित्र को दिखाता है जिससे यह लगे कि यह संगठन भारत के हित में काम करता है। सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि इससे पहले भी केरल में बाढ़ और कई अन्य मौकों पर अमेरिका में डोनेशन के लिए अभियान चला चुका है।
A Loot by several hands:
Muslim Aid collected funds through at least 3 of fronts– the US, UK, & Australia. They all ran several fundraisers through social media as well as through the shady fundraising platform #LaunchGood apart from taking direct funds through websites. (3/15) pic.twitter.com/9XiIYdCk5w
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) June 29, 2021
Disinfo Lab ने बताया कि मुस्लिम एड-यूएसए ने भारत में COVID-19 राहत के लिए 30 अप्रैल को लॉन्च गुड प्लेटफार्म पर भी अभियान शुरू किया, जिसे उनके फेसबुक पेज पर भी पोस्ट किया था।
कोविड सहायता के नाम पर लूट
साथ ही, वे भारत में ‘कोविड सहायता’ के लिए फ़ंड की मांग के साथ-साथ सीधे अपनी वेबसाइट के माध्यम से डोनेशन के विकल्पों के लिए फ़ेसबुक पर पेड विज्ञापन भी चलाते हैं। अकेले लॉन्च गुड फ्रंट के माध्यम से इस चैरिटी ने 76,886 अमेरिकी डॉलर एकत्र करने में कामयाबी हासिल की, जो उनके 75,000 अमेरिकी डॉलर के अनुमानित लक्ष्य से अधिक था।
यह ध्यान देने योग्य है कि लॉन्च गुड न केवल und collection and delivery details के बारे में अपारदर्शी है, बल्कि यह JeI से जुड़े सांठगांठ का भी हिस्सा है। IMANA की तरह, मुस्लिम एड USA ने भी धन जुटाने के लिए “Help India Breathe” का उपयोग किया। यह भारत की सद्भावना का फायदा उठाने के लिए कॉपी-पेस्ट योजना थी। जैसा कि अपेक्षित था, सामान्यीकृत दावों के अलावा, ‘कोई भी फंड भारत नहीं पंहुचा और न ही किसी कि अपडेट थी।
27 मई को मुस्लिम एड यूएसए ने अपडेट में बताया कि उन्होंने भारत को एक एम्बुलेंस दान किया और एम्बुलेंस की दो फोटो शेयर किया। एक फोटो एम्बुलेंस के बाहरी और दूसरा अंदरूनी हिस्से को दिखा रहा था। हालांकि, गौर से देखने पर ये तस्वीरें दो अलग-अलग एंबुलेंस की हैं। इसी से इस घोटाले का पता चलता है कि यह दावा भी सफ़ेद झूठ ही था।
मुस्लिम एड यूएसए ने 17 जून 2021 को जम्मू और कश्मीर के लिए COVID-19 पर एक नया अभियान शुरू किया है। उन्होंने लॉन्च गुड में “जम्मू और आज़ाद कश्मीर” के लिए एक फंडराइज़र लॉन्च किया है।
हमेशा की तरह, अभियान के लाभार्थियों का उल्लेख नहीं किया गया था। हालांकि, शून्य पारदर्शिता और डिलीवरी का कोई ट्रैक-रिकॉर्ड नहीं होने के बावजूद, उन्होंने लगभग 10 हजार USD जुटाया।
पहले भी कई देशों में मुस्लिम एड ने की है लूट
ठीक इसी तरह मुस्लिम एड Australia भी लूट में शामिल हुआ। मुस्लिम एड ऑस्ट्रेलिया (MAA) ने COVID-19 संकट के दौरान भारत की मदद करने के लिए लॉन्च गुड प्लेटफॉर्म पर ही एक फंडरेज़र शुरू किया। हालांकि, वे एक कदम आगे बढ़ते हुए, स्टार प्रचारक के रूप में, डॉ बिलाल फिलिप्स को साइन-अप किया जिसके ऊपर हमास और तालिबान के साथ संबंध होने का आरोप लगाया जाता है। इस संस्था ने अपने अभियान में गेट्टी इमेज से एक TB के मरीज की तस्वीर कोरोना मरीज के रूप में की थी।
Driving the Covid Crisis Narrative:
These fronts used several unrelated pictures for projecting Covid crisis, most of which were bought from Getty Images/Shutterstock. A 2018 pic of TB patient & pic of Rohingya girls from Malaysia were used to depict Covid crisis in India (4/15) pic.twitter.com/mDVl6nLksj
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) June 29, 2021
सबसे हैरान करने वाली चीजों में से एक यह थी कि मुस्लिम एड -ऑस्ट्रेलिया ने अपने फेसबुक पेज की सेटिंग इस तरह से बदल दी है कि कोई भी इसे भारत से एक्सेस नहीं कर सकता है! एक चैरिटी फंड-रेज़र, जो भारत में और भारत के नाम पर एकत्र किया जाता है, लेकिन चैरिटी लेने वाला भारत के लोगों को ही अपनी चैरिटी नहीं दिखाना चाहता।
The Curious Case of Silent Philanthropy?
The Muslim Aid-Australia – which is raising funds in India, and in the name of India – has changed the setting of its Facebook page in a manner that one can’t access it from India! You can’t make this stuff up! (8/15) pic.twitter.com/Kf3DInZ4Hl
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) June 29, 2021
Muslim Aid fronts are marred in controversies & forced to change office-bearers. The UK Commission in 2015 had set up an inquiry on MA-UK for financial frauds in Sudan & Gambia offices. Likewise, MA-USA had been shuffling members despite being inactive for years. (9/15) pic.twitter.com/u0EXpKXO23
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) June 29, 2021
इसी तरह मुस्लिम एड UK और Muslim Pakistan ने भी अभियान चलाया। Disinfo Lab ने बताया कि 2009 में आये मुस्लिम एड के newsletter के अनुसार, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल खालिद लतीफ मुगल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल खालिद ने 36 साल तक पाकिस्तानी सेना में सेवा दी है। वह आईएसआई के Analysis Wing के महासचिव भी रहे हैं। जब वह ISI में सेवा दे चुके हैं तो आतंकी संगठन भी मौजूदगी कोई नई बात नहीं है। मुस्लिम एड के ये सभी मोर्चे एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, जिसका पाकिस्तान केंद्रीय नियंत्रण/समन्वयक पॉइंट है। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पूरा नेटवर्क पाकिस्तान में एक ही केंद्र से संचालित किया गया