भारत का सबसे पुराना राजनीतिक दल आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी महज 3 राज्यों तक सिमट कर रह गई है। यह तीन राज्य हैं- पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़। इस बीच सबसे बड़ी विडंबना यह है कि कांग्रेस सरकार इन तीन राज्यों में भी सुरक्षित नहीं है। ताजा ख़बरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री की अटकलें लगाई जा रही हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के 2.5 साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि टीएस सिंह देव राज्य के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
‘द संडे गार्डियन’ के अनुसार साल 2018 में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 90 में से 70 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जीत दर्ज करने के बाद जब मुख्यमंत्री चुनने की बारी आई तो भूपेश सिंह बघेल और टीएस सिंह देव की बीच तलवारें खीच गईं। चुनाव नतीजे आने के 96 घंटों तक मंथन करने के बाद पार्टी आलाकमान ने तय किया कि छत्तीसगढ़ में पहले 2.5 साल भूपेश सिंह बघेल मुख्यमंत्री रहेंगे और बाकी के 2.5 साल बाद टीएस सिंह देव मुख्यमंत्री पद पर विराजमान होंगे। बता दें कि 17 जून 2021 को भूपेश सिंह बघेल के 2.5 साल पूरे हो चुके हैं।
साल 2018 में राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे। उस वक्त राहुल गांधी ने ट्वीट कर भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव का फोटो साझा करते हुए लिखा था कि ‘इससे बिल्कुल फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने दिमागदार हो या मंझे हुए राजनेता हो। अगर आप अकेले खेलोगे तो आपको टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।’
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दरअसल, टीएस सिंह देव पिछले 5 दिनों से दिल्ली में अपना डेरा जमाए बैठे हैं। वहीं, दूसरी ओर भूपेश बघेल हाल ही में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार में गए हुए थे। उसके बाद उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रदेश प्रभारी पीएल पूनिया और कांग्रेस महामंत्री प्रियंका गांधी से मुलाकात की। जिसके बाद ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री वाले फॉर्मूले की अटकलें तेज हो गई हैं।
सोनिया गांधी से मिलने के बाद भूपेश सिंह बघेल ने कहा, “हाई कमान ने मुझे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने का निर्देश दिया, इसलिए मैंने शपथ ली। जब वे कहेंगे कि कोई और मुख्यमंत्री बनेगा तब ऐसा ही होगा। इस तरह के समझौते गठबंधन सरकारों में होते हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास तीन-चौथाई बहुमत है।”
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‘द संडे गार्डियन’ ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ‘टीएस सिंह देव अपने हक़ का हिस्सा लेने दिल्ली गए हुए हैं। आगे क्या होता है यह पार्टी आलाकमान के हाथों में है।’
हाल ही में हुए घटनाक्रम को देखें तो यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ को टीएस सिंह देव के रूप में नया मुख्यमंत्री मिल सकता है और अगर ऐसा नहीं होता है तो छत्तीसगढ़ कांग्रेस के टूटने के पूरे आसार नजर आ रहें हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस देव सिंह के बीच स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देने को लेकर पहले से मनमुटाव चल रहा है।