ब्लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार चीन अपने यहाँ की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के खिलाफ निरंतर कार्रवाई कर रहा है, जिससे चीन की दिग्गज कंपनी टेंसेंट को भारी झटका लगा है। शेयर मार्केट की दुनिया में अपने नाम का सिक्का जमाने वाली कंपनी को इस महा बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।
रिपोर्ट्स की मानें तो जुलाई के महीने में टेंसेंट की शेयर वैल्यू में 23 प्रतिशत गिरावट आई है। इस भारी गिरावट से कंपनी को 170 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। ब्लूमबर्ग द्वारा प्रस्तुत डेटा इस बात का संकेत देता है कि 10 में से 9 कंपनियाँ जिनकी शेयर होल्डर्स में कमी आई है, वह चीनी कंपनियाँ हैं। इन कंपनियों की सूची में अलीबाबा और Meituan जैसे दिग्गज भी शामिल हैं।
इन कंपनियों के बाजार मूल्य में गिरावट की वजह चीनी सरकार द्वारा निजी उद्यमों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करना है। रिपोर्ट्स की मानें तो मितुआन का शेयर हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज पर मंगलवार को 18 फीसदी नीचे आ गया। सोमवार को भी इसमें करीब 14 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं, चीनी सरकार टेंसेंट के खिलाफ गलत कारोबारी तरीकों का इस्तेमाल कर मार्केट शेयर बढ़ाने को लेकर जांच कर रही है।
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चीनी सरकार ने यह भी आरोप लगाया है कि यह कंपनियाँ डेटा निजता और आम जनता की गोपनीयता का हनन करती हैं। ऐसे में चीन इन कंनपियों के ऊपर अंकुश लगाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। चीनी निवेशक इन कंपनियों के शेयर तेजी से बेच रहे हैं। मितुआन का शेयर फरवरी में अपने सर्वोच्च स्तर के मुकाबले अब तक 50 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है। इसी तरह अली बाबा के शेयर में भी हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में बीते 48 घंटों में 6.4 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चीनी मार्केट में वित्तीय संकट गहरा रहा है।
पेगासस फ़ंड मैनेजर पॉल पोंग का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि चीन के रवैया में कोई बदलाव आएगा। चीन अपनी नीतियों में डेटा सुरक्षा को सबसे ऊपर रख रहा है। यह नया नॉर्मल है।
टेंसेंट के ऊपर कार्रवाई के बाद टेंसेंट को अपनी म्यूजिक वेबसाइट को बंद करना पड़ा है। we chat जो कि टेंसेंट की स्वामित्व वाली कंपनी है, वो अब अपने एप्लिकेशन पर नए यूजर का रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकेंगे।
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भारत सरकार ने पिछले साल टेंसेंट की स्वामित्व वाली PUBG के ऊपर प्रतिबंध लगा दिया था, उसके बाद से टेंसेंट का बुरा दौर चल रहा है। भारत में PUBG बैन के दो दिनों के अंदर ही चीनी टेक कंपनी Tencent ने अपने बाजार मूल्य का लगभग 34 बिलियन डॉलर खो दिया है। Tencent के लिए यह दूसरा सबसे बड़ा झटका था। इससे पहले जब तब के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसी कंपनी के ऐप We chat पर प्रतिबंध लगा दिया था तब ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट किया था कि Tencent को पिछले महीने 66 बिलियन डॉलर का झटका लगा था। अब चीनी सरकार के क्रैकडाउन में ये कंपनी एक तरह से दिवालिया हो गई है।