पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवनियुक्त पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहा शीत युद्ध एक नया मोड़ ले रहा है। एक तरफ कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद ग्रहण समारोह में जाने की सहमती दे दी है। दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मंदिर दर्शन पर जो कांग्रेस विधायक गए थे, उनके पीछे कैप्टन ने सीआईडी को काम पर लगा दिया है।
दरअसल, कल सिद्धू के पद ग्रहण से पहले शांति के प्रयास में सिद्धू ने कैप्टन को पार्टी कार्यालय में कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। इस प्रस्ताव के जवाब में अमरिंदर सिंह ने सिद्धू सहित सभी पार्टी नेताओं और विधायकों के लिए एक चाय पार्टी के निमंत्रण के साथ जवाब भेजा। चाय पार्टी पंजाब भवन में आयोजित की जाएगी, जिसके बाद वे पार्टी कार्यालय के लिए रवाना होंगे।
वहीं, दूसरी तरफ इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के जिन विधायकों ने बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मंदिर जाने का फैसला किया था अब वे पंजाब Crime Investigation Department (सीआईडी) के रडार पर हैं। ऐसा लगता है जैसे कैप्टन ने कांग्रेस के उन विधायकों को सबक सिखाने की कवायद शुरू कर दी है।
इंडिया टुडे की मानें तो बुधवार की सुबह सिद्धू के अमृतसर स्थित आवास पर होने वाले जमावड़े पर नजर रख रहे सीआईडी अधिकारियों ने कहा कि विधानसभा के केवल 48 सदस्य ही उपस्थित थे, जबकि 62 का आंकड़ा पहले दिया गया था। इसमें आम आदमी पार्टी के तीन पूर्व विधायक शामिल हैं जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे।
रिपोर्ट के अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू के आवास के आसपास सीआईडी अधिकारी सिविल कपड़ों में तैनात थे। एक अधिकारी ने इंडिया टुडे की टीम से अपना परिचय दिया और कहा कि वे “अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं”।
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को सिद्धू के साथ गए कुछ विधायकों और उनके करीबी सहयोगियों पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों ने दावा किया कि इन सदस्यों की अवैध खनन और शराब व्यापार जैसी अवैध गतिविधियों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्तता पाई गई है।
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रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस आलाकमान द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय पैनल को पार्टी के भीतर “rogue elements” के बारे में सूचित किया था।
ऐसे ही मोगा के कस्बा बाघापुराना के एक विधायक हैं दर्शन बराड़, जिन पर पंजाब के होशियारपुर में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से क्रैशर रखने और लगातार अवैध खनन कर राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने का आरोप है।
दिसंबर 2020 में इस मामले को लेकर खनन विभाग की ओर से दर्शन बराड़ को नोटिस भेजा गया था और 1.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, तब से दर्शन बराड़ अमरिंदर सिंह पर जुर्माना माफ करने और नोटिस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। लेकिन जब पंजाब के मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया तो बराड़ अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत कर नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में खुलकर सामने आए।
माना जा रहा है कि अब एक बार फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बराड़ का केस दोबारा खोलने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में खनन विभाग की ओर से बराड़ पर दबाव बनाया जा सकता है, जो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।
वहीं दूसरी तरफ बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू के साथ पहुंचे कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ‘प्रतिशोध की राजनीति’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने मीडिया को बताया कि दलित समुदाय से संबंधित मुद्दों को उठाने के बाद उन्हें सताया गया और झूठे मामले में फंसाया गया। ऐसा लगता है जैसे अब कैप्टन पर जो भी आरोप लगाये जाये, उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी के अन्दर उन्हें जलील करने की कोशिश की गयी है उससे अब वह बौखलाए हुए है। यही कारण है कि नवजोत सिंह सिद्धू का आमंत्रण स्वीकार करने के बावजूद वह विधायकों के पीछे सीआईडी को लगा चुके हैं, अब यह देखना है इस राजनीतिक ड्रामे का अंत किस प्रकार होता है।