उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने का फैसला किया है। इसके लिए काम शुरू हो चुका है और ड्राफ्ट तैयार हो गया है। जनसंख्या नियंत्रण कानून 2021 को आम लोगों की राय के लिए जनता को समर्पित किया गया है। आम नागरिक 19 जुलाई 2021 तक इस कानून पर अपना मंतव्य दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून की एक ब्रीफिंग योगी जी के सामने दी जा चुकी है।
इसके अतिरिक्त राज्यसभा में भी समान प्रकार का कानून लाया जा रहा है। कानून प्राइवेट मेम्बर बिल, जो भाजपा सांसदों, सुब्रमण्यम स्वामी, हरनाथ सिंह यादव और अनिल अग्रवाल की ओर से लाया जा रहा है। इस बिल में यह व्यवस्था है कि ऐसे परिवार से मतदान का चुनाव लड़ने का और पार्टी बनाने का अधिकार छीन लिया जाए। साथ ही ऐसे लोगों को किसी प्रकार की सरकारी योजना का लाभ अथवा सरकारी नौकरी के अवसर से वंचित किया जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार के जनसंख्या नियंत्रण कानून में प्रावधान है दो से अधिक बच्चों के होने पर परिवार को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। राशन कार्ड पर भी 4 लोगों के बाद पांचवे व्यक्ति का नाम नहीं चढ़ेगा। साथ ही तीसरा बच्चा होने पर माता पिता को सरकारी नौकरी पाने से वंचित किया जाएगा। जो पहले से सरकारी नौकरी में हैं उन्हें तीसरा बच्चा होने पर प्रोमोशन नहीं दिया जाएगा। साथ ही ऐसे लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव में खड़े होने के अधिकार से भी वंचित किया जाएगा।
कुछ मीडिया रिपोर्ट इसे अभी से ही मुसलमानों के विरुद्ध बताने लगी हैं। उनका मानना है कि कानून बनाया ही एक विशेष समुदाय को निशाना बनाने के लिए है। ऐसे में प्रत्युत्तर में यह प्रश्न भी उठता है कि क्या केवल एक समुदाय ही जनसंख्या बढ़ा रहा है? अगर ऐसा नहीं है तो कानून किसी एक समुदाय का विरोधी नहीं हो सकता।
इतना अवश्य है कि इस बिल पर अनावश्यक राजनीतिक भूचाल खड़ा होगा। भारत में कोई भी सुधार बिना भूचाल के नहीं होता, लेकिन देश के घटते संसाधनों के बीच यह कदम बहुत जरूरी हो गया था। गौरतलब है कि इस कदम को विवादित और मुस्लिम विरोधी करार देने यह नहीं देख रहे कि यह कानून तो केवल भाजपा के पूर्व घोषित एजेंडा का एक पहलू है। जिस प्रकार मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में लोगों का विश्वास जीता फिर CAA और 370 हटाने के प्रस्ताव लाए, उसी प्रकार योगी जी ने भी पहले 4 साल उत्तर प्रदेश में खूब कार्य किया और जब जनमानस बड़े बदलाव के लिए तैयार हो गया है तब वह यह जनसंख्या नियंत्रण कानून लेकर आए हैं।
पर यहाँ एक महत्वपूर्ण पहलू यह हो जाता है की मुस्लिम समुदाय को चार पत्नी रखने का अधिकार है और बिल में इसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है। एक ही व्यक्ति 4 औरतों से शादी करके 8 बच्चे पैदा करने का अधिकारी हो जाता है। तो ऐसे लोगों को रोकने के लिए क्या व्यवस्था है।
जो भी हो योगी सरकार बधाई की पात्र है कि उसने इतने बड़े बदलाव की पहल है। योगी जी रोल मॉडल चीफ मिनिस्टर है, ऐसे में देश के बाकी नेता उनसे सीखकर सही दिशा में काम शुरू करेंगे।